धमकी दे रहा ईरान, आधी दुनिया हैरान! धबराहट में केंद्र सरकार ने बुलाई हाई प्रोफाइल मीटिंग

इजराइल और ईरान के बीच चल रहा युद्ध बहुत ही खतरनाक मोड़ ले सकता है। ईरान ने दुनिया को धमकी दी है। यह एक ऐसी धमकी है जिससे आधी से ज्यादा दुनिया की सांसें अटक जाएंगी। इस धमकी के बाद भारत में एक हाई प्रोफाइल मीटिंग हुई है। जिसमें इस धमकी को लेकर गहन चर्चा और विचार-विमर्श हुआ है। इसकी एक वजह भी है। अगर ईरान अपनी धमकी को अमलीजामा पहनाता है तो भारत को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ईरान ने ऐसी क्या धमकी दी है जिससे भारत की घबराहट बढ़ गई है और उसे हाई प्रोफाइल मीटिंग बुलानी पड़ी।
ईरान की धमकी
इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में दुनिया के कई देश नेतन्याहू के समर्थन में आ गए हैं। अमेरिका, यूरोप और एशिया के कई देशों ने इजराइल को अपना समर्थन दिया है। जिससे ईरान ने ऐसी धमकी दी है जिससे आधी से ज्यादा दुनिया घबरा गई है। ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दी है। जो दुनिया को कच्चा तेल सप्लाई करने का बेहद संकरा रास्ता है। खास बात यह है कि दुनिया के आधे से ज्यादा तेल की आपूर्ति इसी रास्ते से होती है। अगर यह रास्ता बंद हो जाता है तो दुनिया की आधे से ज्यादा तेल आपूर्ति बंद हो जाएगी। जिसके बाद कच्चे तेल की कीमत आसमान छू जाएगी। कुछ दिन पहले इराक ने भी इस मामले की ओर दुनिया का ध्यान खींचा था। जिसमें उसने कहा था कि अगर ईरान रास्ता बंद करता है तो कच्चे तेल की कीमतें 200 से 300 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं। अब आप समझ गए होंगे कि खतरा कितना बड़ा है।
भारत में हुई बैठक
भारत में हाई प्रोफाइल बैठक इस खतरे के बाद भारत में एक हाई प्रोफाइल बैठक हुई। जिसमें ईरान-इजराइल संघर्ष के भारत के विदेशी व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया गया। जानकारी के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को शिपिंग, निर्यातकों, कंटेनर कंपनियों और अन्य विभागों समेत विभिन्न पक्षों के साथ बैठक की ताकि भारत के विदेशी व्यापार पर ईरान-इजराइल संघर्ष के प्रभाव का आकलन किया जा सके और इससे जुड़े मुद्दों का समाधान निकाला जा सके। बैठक की अध्यक्षता वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने की। प्रतिभागियों ने बताया कि होर्मुज जलडमरूमध्य में स्थिति फिलहाल स्थिर है और किसी भी घटना पर नजर रखने के लिए जहाज अधिसूचना प्रणाली लागू है।
अधिकारी ने बताया कि माल ढुलाई और बीमा दरों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि वाणिज्य सचिव ने उभरती स्थिति और भारतीय व्यापार पर इसके प्रभाव का आकलन करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने स्थिति के अनुसार सभी संभावित विकल्पों पर विचार करने की बात भी कही। निर्यातकों ने कहा कि अगर युद्ध बढ़ता है तो इसका असर वैश्विक व्यापार पर पड़ेगा और हवाई और समुद्री माल ढुलाई दरों में बढ़ोतरी होगी।
भारत के लिए होर्मुज क्यों महत्वपूर्ण है?
उन्हें डर है कि संघर्ष से होर्मुज जलडमरूमध्य और लाल सागर से व्यापारिक जहाजों के गुजरने पर भी असर पड़ सकता है। भारत का करीब दो-तिहाई कच्चा तेल और आधा एलएनजी आयात होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है। अब ईरान ने इसे बंद करने की धमकी दी है। यह जलमार्ग अपने सबसे संकरे बिंदु पर सिर्फ 21 मील चौड़ा है और वैश्विक तेल व्यापार का करीब पांचवां हिस्सा संभालता है और भारत के लिए महत्वपूर्ण है। इस बीच, यमन में हौथियों पर 14-15 जून को इजरायल के हमले ने भी लाल सागर क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है। हौथी विद्रोही पहले ही लाल सागर क्षेत्र में वाणिज्यिक जहाजों पर हमला कर चुके हैं।
ईरान और इजरायल के साथ व्यापार में कमी? भारत का इजरायल को निर्यात 2023-24 में 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 2024-25 में 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया। पिछले वित्तीय वर्ष में इजरायल से आयात 2.0 बिलियन डॉलर से घटकर 2023-24 में 1.6 बिलियन डॉलर रह गया। इसी तरह, ईरान को निर्यात भी प्रभावित हो सकता है। 2024-25 और 2023-24 में ईरान को निर्यात लगभग 1.4 बिलियन डॉलर पर स्थिर रहा। वित्त वर्ष 2024-25 में ईरान से भारत को आयात 441 मिलियन डॉलर रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 625 मिलियन डॉलर था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उच्च टैरिफ की घोषणा के बाद संघर्ष ने वैश्विक व्यापार पर दबाव बढ़ा दिया है।