थाईलैंड बॉर्डर पर अब भी चल रहे तोप-गोले... अब तक 27 मौतें, कंबोडिया ने की तत्काल सीजफायर की मांग
कंबोडिया ने थाईलैंड के साथ चल रहे युद्ध को तुरंत रोकने की मांग की है। कंबोडिया के संयुक्त राष्ट्र दूत चिया केओ ने शुक्रवार को थाईलैंड के साथ "बिना शर्त तत्काल युद्धविराम" का आह्वान किया। इस मामले में थाईलैंड ने भी बातचीत की इच्छा जताई है। दोनों पड़ोसी देशों के बीच शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन हुई हिंसक घटनाओं में कई लोग मारे गए हैं। दोनों देशों के बीच दशकों से सीमा विवाद चल रहा है जो अब एक गंभीर सैन्य टकराव में बदल गया है। गुरुवार को दोनों देशों ने लड़ाकू विमानों, तोपखाने, टैंकों और थल सेना के ज़रिए युद्ध किया। इसके बाद शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक आपात बैठक बुलाई गई। बंद कमरे में हुई बैठक के बाद, कंबोडियाई राजदूत चिया केओ ने कहा कि कंबोडिया ने तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम की मांग की है और विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की भी अपील की है।
अभी क्या स्थिति है?
शुक्रवार को कंबोडियाई पक्ष से तोपों की भयानक आवाज़ें सुनी गईं। ओद्दार मींचे राज्य में एक 70 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई और पाँच अन्य घायल हो गए। वहीं, अगर थाईलैंड की बात करें, तो वहाँ के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों से 1.38 लाख से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। वहीं, थाईलैंड में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 14 नागरिक और 1 सैनिक शामिल हैं। वहीं, कंबोडियाई प्रवक्ता माली सोचेता का कहना है कि कंबोडिया में 35 हज़ार लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, थाईलैंड के साथ युद्ध में अब तक 13 लोग मारे गए हैं, जिनमें 5 सैनिक और 8 नागरिक शामिल हैं।
मलेशिया के ज़रिए विवाद सुलझाने की कोशिश
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच 800 किलोमीटर लंबी सीमा है और इस सीमा के कुछ इलाकों पर दोनों पक्ष अपना दावा करते हैं। इस वजह से दोनों के बीच कई बार झड़पें हो चुकी हैं। 2008 से 2011 के बीच हुई हिंसक झड़पों में कम से कम 28 लोग मारे गए और हज़ारों लोग विस्थापित हुए। साल 2013 में संयुक्त राष्ट्र न्यायालय के फ़ैसले से एक दशक तक शांति बनाए रखने में मदद मिली। हालाँकि, मई 2025 में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद, दोनों देशों के बीच विवाद फिर से भड़क गया।
दोनों देशों के बीच मौजूदा संघर्ष इसी की एक कड़ी है। कार्यवाहक थाई प्रधानमंत्री फुमथम वेचाई ने चेतावनी दी है कि अगर संघर्ष बढ़ा, तो यह युद्ध में बदल सकता है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल यह केवल सीमित लड़ाई है। थाईलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निकोर्नदेज बालनकुरा का कहना है कि उनका देश कंबोडिया के साथ द्विपक्षीय या मलेशिया के माध्यम से बातचीत के लिए तैयार है। हालाँकि, प्रवक्ता का यह भी कहना है कि थाईलैंड की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मलेशिया वर्तमान में दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) का नेतृत्व करता है, जिसमें थाईलैंड और कंबोडिया दोनों शामिल हैं।

