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भारत की एयर स्ट्राइक पर अमेरिका और चीन के बाद ब्रिटेन का आया बयान, कहा- '...हम समर्थन देने को तैयार'

भारत ने चीन के साथ जारी सीमा तनाव के बीच अपनी रणनीतिक तैयारियों को एक और नया आयाम दिया है। पहली बार, देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में एक आपातकालीन एयरस्ट्रिप का निर्माण किया गया है, जो युद्धक विमानों की लैंडिंग और टेक-ऑफ के लिए गेम-चेंजर...
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भारत ने चीन के साथ जारी सीमा तनाव के बीच अपनी रणनीतिक तैयारियों को एक और नया आयाम दिया है। पहली बार, देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में एक आपातकालीन एयरस्ट्रिप का निर्माण किया गया है, जो युद्धक विमानों की लैंडिंग और टेक-ऑफ के लिए गेम-चेंजर साबित होगी। यह कदम चीन की बढ़ती आक्रामकता के मुकाबले भारत की रक्षात्मक और जवाबी क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा।

NH-27 पर 4 KM लंबी हवाई पट्टी: सुखोई-राफेल के लिए तैयार

असम के डिब्रूगढ़ के पास, डेमो और मोरन के बीच NH-27 पर यह लगभग 4 किलोमीटर लंबी अत्याधुनिक हवाई पट्टी बनाई गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस महत्वपूर्ण परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि इसे विशेष रूप से भारतीय वायुसेना (IAF) के लड़ाकू विमानों, जिनमें सुखोई और राफेल जैसे उन्नत जेट शामिल हैं, की आपातकालीन लैंडिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है। भारतीय वायुसेना फिलहाल इसका गहन निरीक्षण कर रही है।

पूर्वोत्तर में पहली बार: रणनीतिक महत्व

मुख्यमंत्री सरमा ने डिब्रूगढ़-मोरान राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के तहत मोरान बाईपास पर इस सुविधा का दौरा करने के बाद कहा, "यह पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने की पहली सुविधा होगी।" उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पट्टी को मोरान और डेमो के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के चार किलोमीटर लंबे हिस्से पर विकसित किया गया है, जो किसी भी आपात स्थिति में वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) और भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी बाधाओं को दूर करने की बात भी कही। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि इस पट्टी के उद्घाटन के दौरान भारतीय वायुसेना एक 'एयर शो' का आयोजन करे और कुछ लड़ाकू विमानों को भी यहां उतारे।

'चालाक' चीन को मिलेगी सीधी टक्कर

यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब भारत और चीन के बीच कई बार सीमा पर तनाव बढ़ चुका है। चीन लगातार भारत को घेरने की कोशिश करता रहा है, चाहे वह बांग्लादेश और श्रीलंका के माध्यम से हो या "चिकन नेक" (सिलीगुड़ी कॉरिडोर) पर उसकी कुटिल नज़र। असम में इस रणनीतिक हवाई पट्टी का निर्माण भारत को सैन्य रूप से और भी मजबूत स्थिति में ला देगा। यह न केवल हमारी त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि चीन को स्पष्ट संदेश भी देगा कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम है। यह हवाई पट्टी पूर्वी लद्दाख या अरुणाचल प्रदेश में किसी भी सैन्य आवश्यकता के दौरान त्वरित लॉजिस्टिक्स और एयर सपोर्ट प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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