आखिर क्यों शेख हसीना को सेना ने अल्टीमेटम देते हुए कहा, देश छोड़ो या अंजाम भुगतो ?
बांग्लादेश न्यूज डेस्क !!! बांग्लादेश में एक महीने से ज्यादा समय से छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. समय के साथ यह आंदोलन इतना बड़ा हो गया कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर फिनलैंड के लिए रवाना हो गई हैं। वहीं अब इस पूरे मामले में एक और बड़ी जानकारी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश सेना ने शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था और उन्हें ऐसा करने के लिए एक घंटे का भी समय नहीं दिया गया।
BIG BREAKING NEWS ▶️ : Bangladesh on the brink of Military rule. Sheikh Hasina has reportedly been asked by Army to resign within 45 minutes.
— 🚨GlobalX (@GlobalX01) August 5, 2024
Nation wide curfew has been imposed in Bangladesh. Mobile internet access also restricted pic.twitter.com/VDfT8jNloF
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश सेना ने सोमवार दोपहर शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़ने के लिए 45 मिनट का समय दिया। आपको बता दें कि पूरे बांग्लादेश में स्थगित किए गए इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. पिछले महीने शुरू हुआ यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया जब ढाका विश्वविद्यालय के छात्र कार्यकर्ताओं की पुलिस और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़प हो गई। इस आंदोलन का कारण विवादास्पद कोटा प्रणाली है जो सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान करती है।
बांग्लादेश की कोटा प्रणाली क्या है?
बांग्लादेश की कोटा प्रणाली स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देती है। आपको बता दें कि 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर एक नया देश बना था, जिसका नाम बांग्लादेश था। पहले इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था. बांग्लादेशी छात्र इस सिस्टम के खिलाफ हैं और इसे बदलकर मेरिट सिस्टम से नौकरियां देने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि इस व्यवस्था से सरकार में बैठे लोगों को ज्यादा फायदा होता है.