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आखिर अमेरिका क्यों आए मुनीर? बंद कमरे में लंच पर क्या हुई बात, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने खोली पाकिस्तान की पोल

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बीच बुधवार को व्हाइट हाउस में एक महत्वपूर्ण लंच मीटिंग हुई। यह मुलाकात इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि पहली बार किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस...
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बीच बुधवार को व्हाइट हाउस में एक महत्वपूर्ण लंच मीटिंग हुई। यह मुलाकात इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि पहली बार किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख की बिना किसी नागरिक प्रतिनिधि के मेजबानी की है। दोनों के बीच यह बैठक कैबिनेट रूम में आयोजित की गई, जहां प्रेस को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब दुनिया में कई बड़े सैन्य और कूटनीतिक संकट एक साथ उभर रहे हैं—भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष, ईरान-इजरायल युद्ध की आशंका, और मिडिल ईस्ट में अमेरिका की सैन्य तैयारी। ऐसे में इस बंद कमरे की मुलाकात के मायने और संभावित असर वैश्विक राजनीति में दूरगामी हो सकते हैं।

भारत-पाक संघर्ष के बाद पहली मुलाकात

डोनाल्ड ट्रंप और जनरल मुनीर की यह बैठक भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के कुछ ही सप्ताह बाद हुई है। इस संघर्ष में सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया था और दोनों देशों की सेनाएं अलर्ट मोड पर थीं। ट्रंप ने इस मौके पर बताया कि उन्होंने जनरल मुनीर को भारत से युद्ध न करने और शांति बनाए रखने के लिए धन्यवाद देने के उद्देश्य से बुलाया था।  ट्रंप ने कहा, "मैं असीम मुनीर से मिलकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। भारत और पाकिस्तान दो परमाणु शक्तियां हैं। दोनों ने युद्ध न करने का समझदारी भरा फैसला किया, जो पूरी दुनिया के लिए राहत की बात है।"

ईरान पर ट्रंप की दो टूक टिप्पणी

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और अमेरिका की रणनीति पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि ईरान के पास अमेरिका के साथ समझौता करने का मौका था लेकिन उसने उसे गंवा दिया। ट्रंप ने कहा, "ईरान को वह सौदा मंजूर करना चाहिए था। हमने 60 दिन तक बातचीत की लेकिन उन्होंने मना कर दिया। अब वे फिर से सौदा करना चाहते हैं। हो सकता है कुछ हो जाए, कुछ भी संभव है। थोड़ी देर में मेरी वॉर रूम में बैठक है, स्थिति भयावह है।" यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है और अमेरिका मिडिल ईस्ट में अपने जहाजों और विमानों को पुनः तैनात कर रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर ईरान-इजरायल युद्ध भड़कता है, तो अमेरिका किसी न किसी रूप में उसमें शामिल हो सकता है।

ट्रंप-मुनीर बैठक: अमेरिका की बड़ी रणनीति?

व्हाइट हाउस में इस मुलाकात का आयोजन ट्रंप की जी7 समिट यात्रा से अचानक वापसी के बाद हुआ। ट्रंप मंगलवार सुबह ही कनाडा के कनैनिस्किस से लौटे हैं, जहां वे जी7 सम्मेलन में हिस्सा लेने गए थे। यह इंगित करता है कि ट्रंप की वॉशिंगटन वापसी और मुनीर से मुलाकात बेहद जरूरी मानी जा रही थी। बैठक में क्या बातचीत हुई, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। लेकिन कई विशेषज्ञ मानते हैं कि इसमें अमेरिका की मिडिल ईस्ट रणनीति, ईरान पर संभावित हमले, और पाकिस्तान की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा हो सकती है।  यह भी ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तान और ईरान के बीच परंपरागत रूप से गहरे रिश्ते रहे हैं। ऐसे में अमेरिका के लिए पाकिस्तान की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है—चाहे वह राजनयिक दबाव हो या सीमाई सूचना तंत्र।

मोदी का भी जिक्र, भारत-पाक व्यापार की पहल

ट्रंप ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में अमेरिका आए थे और उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार समझौते को लेकर भी बातचीत की थी। उन्होंने बताया कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी शांति और व्यापार बहाली को लेकर काम कर रहे हैं। ट्रंप के मुताबिक, "दोनों देश अगर एक-दूसरे से व्यापार करें, तो इससे दोनों की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा और तनाव भी कम होगा।"

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