अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कॉमर्स मिनिस्टर ने कहा- 'मैं भारत का जबरा फैन', India-US ट्रेड डील पर सामने आई बड़ी खुशखबरी

वाशिंगटन डीसी में आयोजित यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम में अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने भारत और अमेरिका के बीच मजबूत होते रिश्तों पर खुलकर बात की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की लोकप्रियता और जनादेश का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रंप अमेरिका के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्हें पूरे देश ने चुना है और भारत में पीएम मोदी की स्थिति भी यही है। दुनिया में ऐसे बहुत कम नेता हैं, जिन्हें पूरे देश का जनादेश मिला है। यही बात उनके रिश्तों को खास और दुर्लभ बनाती है।
उन्होंने इस मजबूत रिश्ते को व्यापार समझौतों के लिहाज से एक सकारात्मक शुरुआत बताया। लुटनिक ने कहा, 'जब रिश्ते मजबूत होते हैं, तो व्यापार समझौतों की राह आसान हो जाती है।' हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि व्यापार समझौतों में आमतौर पर सालों लग जाते हैं, लेकिन भारत इस प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, 'पहले कदम उठाने वाले देशों को हमेशा बेहतर डील मिलती है। भारत इस दिशा में सक्रिय है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही ऐसा समझौता हो सकेगा, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा।' विज्ञापन
'मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं'
लुटनिक ने भारत के प्रति अपने निजी लगाव को भी साझा किया। उन्होंने कहा, 'मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मेरे अच्छे दोस्तों में निकेश अरोड़ा भी हैं, जो भारतीय हैं। जब मैं भारत जाता था, तो हम क्रिकेट खेलते थे, घरों में पार्टियां करते थे, यह एक अलग अनुभव था।'
'हम मित्र देशों को बेहतरीन चिप्स देना चाहते हैं'
एआई और प्रौद्योगिकी सहयोग पर बोलते हुए, लुटनिक ने कहा कि ट्रंप प्रशासन अपने सहयोगियों को साथ लाने पर विचार कर रहा है। हम अपने सहयोगियों को अपनी बेहतरीन चिप्स देना चाहते हैं, बशर्ते वे गलत हाथों में न पड़ें। अगर भारत बड़े पैमाने पर डेटा सेंटर बनाना चाहता है और एआई क्रांति का हिस्सा बनना चाहता है, तो हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।'
हॉवर्ड लुटनिक ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप की सोच 'अमेरिका फर्स्ट' है, लेकिन 'केवल अमेरिका' नहीं। पहले अपने देश को मजबूत बनाना है, फिर अपने सहयोगियों का ख्याल रखना है। भारत के प्रति उनके मन में गहरा सम्मान है। हम भारत के साथ एक बेहतरीन साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं।'