अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का बड़ा बयान, कहा- भारत के साथ डील के बेहद करीब, पत्र भेजूंगा तो समझौता हो जाएगा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए बेहद उत्सुक हैं। यही वजह है कि एक और भारत इस व्यापार समझौते पर चुप्पी साधे हुए है, वहीं ट्रंप हर दिन इस बारे में कोई न कोई बयान दे रहे हैं। अब एक बार फिर उन्होंने दावा किया है कि भारत के साथ एक समझौता होने वाला है। बुधवार को ट्रंप ने कहा कि अमेरिका जल्द ही एक और व्यापार समझौता कर सकता है और यह समझौता भारत के साथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच एक अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है, जो सही दिशा में आगे बढ़ रही है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है।
ट्रंप ने यह बयान व्हाइट हाउस में बहरीन के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, "हमने कल एक समझौता किया। अब एक और समझौता होने वाला है, संभवतः भारत के साथ।" इससे एक दिन पहले ही ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि उनकी सरकार भारत के साथ भी वैसा ही व्यापार समझौता कर सकती है जैसा उसने इंडोनेशिया के साथ किया था। गौरतलब है कि भारत के वाणिज्य मंत्रालय की एक टीम इस समय वाशिंगटन में है, जहाँ व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है।
इंडोनेशिया के साथ व्यापार समझौता
डोनाल्ड ट्रंप ने 15 जुलाई को घोषणा की कि अमेरिका और इंडोनेशिया के बीच एक महत्वपूर्ण टैरिफ समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत, इंडोनेशिया से अमेरिका आने वाले उत्पादों पर अब 19% कर लगेगा, जबकि इंडोनेशिया को अमेरिकी उत्पादों के निर्यात पर बिल्कुल भी कर नहीं लगेगा। ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका-इंडोनेशिया व्यापार समझौते की तर्ज पर भारत के साथ भी समझौता होगा और अमेरिका को भारतीय बाजार तक पहुँच मिलेगी। उन्होंने कहा, "इंडोनेशिया के साथ हुए समझौते में हमें बाजार तक पहुँच मिली है जो पहले नहीं थी। यह इस समझौते का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। अब भारत भी इसी दिशा में काम कर रहा है। हमें भारत के बाजार तक पहुँच मिलने वाली है।"
दबाव में नहीं आएगा भारत
डोनाल्ड ट्रंप भले ही दावा करें कि अमेरिका-इंडोनेशिया व्यापार समझौते की तर्ज पर भारत के साथ भी समझौता होगा, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी दबाव में समझौता नहीं करेगा। कृषि और डेयरी उत्पादों पर टैरिफ में रियायत की अमेरिका की मांग पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। गौरतलब है कि भारत ने अभी तक किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत डेयरी क्षेत्र के किसी भी देश को टैरिफ में छूट नहीं दी है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत इस समझौते के ज़रिए इंडोनेशिया से बेहतर शर्तें हासिल करने की कोशिश कर रहा है, ताकि वह अपने क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले मज़बूत स्थिति में आ सके। रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि ट्रंप प्रशासन भारत को 20 प्रतिशत की कम आयात शुल्क दर देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

