पाकिस्तान पर मेहरबान हुआ अमेरिका, जेहादी जनरल मुनीर के साथ लंच कर रहे है राष्ट्रपति ट्रंप, जानिए एक्सपर्ट ने क्या कहा ?

जो जनरल पुलवामा से लेकर पहलगाम तक आतंकी साजिशों का मास्टरमाइंड रहा हो, जिसके हाथ पाकिस्तान और भारत के निर्दोष लोगों के खून से रंगे हों, वही आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में दोपहर का खाना खा रहा है। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की — एक ऐसा नाम जो भारत ही नहीं, बल्कि खुद पाकिस्तान में भी "मास मर्डरर" के तौर पर देखा जाता है।
भारत के दुश्मन का व्हाइट हाउस में स्वागत
जनरल असीम मुनीर का अमेरिका दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पश्चिम एशिया में ईरान और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है और अमेरिका इस संकट को सुलझाने की कोशिश में लगा है। लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि अमेरिका को अपनी नैतिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों की बलि चढ़ानी होगी?
ट्रंप-मुनीर बैठक का छिपा एजेंडा
1. ईरान फैक्टर
विश्लेषकों के मुताबिक, यह बैठक सिर्फ पाकिस्तान-अमेरिका रिश्तों की नहीं, बल्कि ईरान पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है। अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान, जो पहले से ईरान को समर्थन देने की बात कर चुका है, किसी तरह युद्ध में सीधे शामिल न हो।
2. खनिज और क्रिप्टो कनेक्शन
जियोपॉलिटिकल विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन के अनुसार, यह बैठक सिर्फ सुरक्षा मुद्दों पर नहीं बल्कि महत्वपूर्ण खनिज, क्रिप्टोकरेंसी और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग जैसे विषयों पर भी केंद्रित है। असीम मुनीर के पास इन सभी विषयों पर बात करने की 'पॉवर' मानी जा रही है।
3. कश्मीर का एजेंडा?
विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि ट्रंप-मुनीर वार्ता में कश्मीर का जिक्र भी संभव है, जो भारत के लिए बेहद संवेदनशील और कूटनीतिक रूप से गंभीर मुद्दा है।
भारत की चुप्पी क्यों?
अमेरिकी थिंक टैंक के वरिष्ठ विश्लेषक डेरेक ग्रॉसमैन ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट कहा: "भारत, यह आवाज उठाने का समय है! ट्रंप उस व्यक्ति से मिलने जा रहे हैं जिसे नई दिल्ली आतंकवाद का मास्टरमाइंड मानती है।" भारत की सरकार को इस मुलाकात पर कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहिए, क्योंकि यह केवल भारत की सुरक्षा का नहीं, वैश्विक नैतिकता और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का सवाल है।
पाकिस्तान में भी जनरल मुनीर का विरोध
यह बात और भी हैरान करने वाली है कि खुद पाकिस्तान के लोग, खासकर अमेरिका में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक, मुनीर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वॉशिंगटन डीसी में उनके कार्यक्रम के बाहर लोगों ने "कातिल मुनीर" और "डेमोक्रेसी का हत्यारा" जैसे नारे लगाए।
विरोध का वीडियो वायरल
PTI (इमरान खान की पार्टी) ने इस विरोध का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि "यह वो आवाज़ है जो पाकिस्तान की जनता की असल पीड़ा को बयान करती है।"
24 साल बाद अमेरिकी राष्ट्रपति से मिल रहे पाक आर्मी चीफ
1999 के बाद यह पहला मौका है जब कोई पाकिस्तानी आर्मी चीफ अमेरिकी राष्ट्रपति से मिल रहा है। लेकिन तब जनरल मुशर्रफ पाकिस्तान के हेड ऑफ स्टेट भी थे, जबकि असीम मुनीर अब भी एक सैन्य अधिकारी ही हैं। यह राजनयिक प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन माना जा सकता है।
ट्रंप की मेज़ पर लोकतंत्र की हार
अमेरिका जो खुद को मानवाधिकार और लोकतंत्र का झंडाबरदार कहता है, उसने आज एक ऐसे व्यक्ति को गले लगाया है जिसकी नीतियां, गतिविधियां और इतिहास दोनों ही लोकतंत्र के विरोध में हैं। भारत को चाहिए कि वह इस घटना पर राजनयिक विरोध, मीडिया स्तर पर जागरूकता और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जोरदार बयानबाज़ी के ज़रिए अपनी स्थिति स्पष्ट करे।