पाकिस्तान और TRF के खिलाफ UN में एक्शन लेगा भारत, खोलेगा काले कारनामों का चिट्ठा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया। अब भारत ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसके मुखौटा संगठन टीआरएफ को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब कर दिया है। जी हां, पहलगाम हमले को लेकर भारत अब संयुक्त राष्ट्र पहुंच गया है। भारत ने आतंकवादी संगठन टीआरटी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र को सबूत सौंपे हैं। भारत ने सबूतों के साथ कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले में टीआरएफ और पाकिस्तान शामिल हैं।
भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (यूएनओसीटी) और आतंकवाद निरोधक समिति कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किए। भारत ने सबूतों के साथ टीआरएफ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। भारत ने संयुक्त राष्ट्र समिति को यह भी बताया कि टीआरएफ का संबंध आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। उस आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद भारतीय अधिकारियों ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम को आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। भारत ने कहा कि पहलगाम हमले के पीछे टीआरएफ का हाथ था।
टीम इंडिया की मुलाकात किससे हुई?
भारतीय दल ने संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधी कार्यालय और आतंकवाद निरोधी समिति कार्यकारी निदेशालय के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। भारतीय टीम का उद्देश्य जैश के मुखौटा आतंकी संगठन टीआरएफ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर उस पर प्रतिबंध लगवाना है।
भारत ने किससे संपर्क किया?
सूत्रों का कहना है कि भारत ने टीआरएफ को सीमा पार आतंकवाद से जोड़ने वाले साक्ष्य के साथ संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति से संपर्क किया है। मई और नवंबर 2024 के बाद यह तीसरी बार है जब भारत ने समिति से संपर्क किया है।
टीआरएफ ने यू-टर्न क्यों लिया?
दरअसल, टीआरएफ आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तान समर्थित संगठन है। इसने शुरू में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। हालाँकि, वह डर के मारे पीछे हट गया। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादी संगठन टीआरएफ ने सीमा पार अपने आकाओं के कहने पर ही हमले की जिम्मेदारी वापस ली।