US के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बोले-भारत और अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त, वाइट हाउस से चीन-पाक को संदेश

भारत के प्रति डोनाल्ड ट्रंप का रवैया हमेशा से एक जैसा नहीं रहा है। कभी वो भारत को अपना सबसे करीबी दोस्त बताते हैं तो कभी उनके बयानों में कड़वाहट की झलक दिखती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ट्रंप ने खुलकर भारत का समर्थन नहीं किया, उल्टे पाकिस्तान को दोस्त बताया। लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। ट्रंप सिर्फ पीएम मोदी के साथ अपनी मजबूत दोस्ती की बात ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का सबसे अहम रणनीतिक साझेदार भी मान रहे हैं। व्हाइट हाउस के इस बयान को पाकिस्तान के साथ-साथ चीन के लिए भी एक सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। आइए समझते हैं।
सोमवार को अमेरिकी प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का सबसे अहम और भरोसेमंद साझेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और भारत के पीएम मोदी के बीच मजबूत निजी संबंध हैं। लेविट ने कहा कि भारत-अमेरिका के रिश्ते ऐसे ही बने रहेंगे और दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। गौर करने वाली बात यह भी है कि यह बयान ऐसे समय आया है जब क्षेत्र में चीन का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है और कई देश इसे लेकर चिंतित हैं। चीन पर सवाल, भारत की बढ़ी अहमियत प्रेस सचिव से जब चीन के बढ़ते दखल के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा कि इस पूरे क्षेत्र में भारत की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने कहा- "भारत एक बेहद रणनीतिक और अहम साझेदार है और राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच की केमिस्ट्री जबरदस्त है।"
इससे यह साफ हो गया है कि अमेरिका भारत को एक ताकतवर देश के तौर पर देखता है, खासकर चीन के मुकाबले। क्वाड मीटिंग के लिए अमेरिका में हैं जयशंकर इस समय भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका के दौरे पर हैं। वे क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में हिस्सा लेने गए हैं। इस दौरे में उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में एक खास प्रदर्शनी शुरू की है, जिसका नाम है- "आतंकवाद की मानवीय कीमत"। इस प्रदर्शनी का मकसद दुनिया को यह बताना है कि आतंकवाद सिर्फ गोलियां नहीं चलाता, यह आम लोगों की जिंदगी को प्रभावित करता है, खासकर तब जब कोई देश खुद आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा हो। क्वाड क्या है? इसकी इतनी चर्चा क्यों हो रही है? क्वाड यानी चार देशों का एक मजबूत समूह- भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया। इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक (भारत-प्रशांत) क्षेत्र में शांति बनाए रखना है, जहां किसी एक देश का दबदबा न हो और व्यापार से लेकर सुरक्षा तक सब कुछ पारदर्शी और शांतिपूर्ण रहे। इसकी शुरुआत 2004 की सुनामी के बाद मानवीय सहायता के तौर पर हुई थी, लेकिन आज यह चीन की बढ़ती ताकत के जवाब में एक बड़े समूह के रूप में विकसित हो गया है।
ट्रंप भारत आने को तैयार, मोदी ने भेजा न्योता
18 जून को एक और बड़ी खबर सामने आई। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को इस साल के अंत में भारत में होने वाले क्वाड समिट के लिए आमंत्रित किया है। इस न्योते को अमेरिका ने स्वीकार भी कर लिया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि कनाडा में जी7 समिट के दौरान दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिसमें ट्रंप ने भारत आने पर सहमति जताई थी और कहा था कि वह भारत दौरे को लेकर काफी उत्साहित हैं।
जल्द हो सकती है बड़ी ट्रेड डील
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिजनेस को लेकर एक अहम बात भी सामने आई। एएनआई द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और अमेरिका के बीच कोई व्यापार समझौता होने जा रहा है, कैरोलिन लेविट ने कहा - "हां, राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह कहा था कि हम बहुत करीब हैं और यह आज भी सच है। उन्होंने अभी वाणिज्य मंत्री के साथ बैठक की है। सब कुछ लगभग अंतिम रूप ले चुका है और जल्द ही राष्ट्रपति और उनकी टीम इस पर आधिकारिक घोषणा करेगी।"