India-US ट्रेड डील पर बड़ा अपडेट...USTR ने दी हरी झंडी, अब ट्रंप की मंजूरी का इंतजार, जानिए कहां फंसा है मामला
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। अमेरिकी टीम छठे दौर की वार्ता के लिए भारत आ रही है। एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि दोनों देशों के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी टीम 25 अगस्त को भारत आएगी।
इसी बीच, अमेरिका में टैरिफ बढ़ाने की समय सीमा (1 अगस्त) नजदीक आ रही है। इससे पहले खबर आई थी कि अमेरिकी टीम 25 अगस्त को भारत आ रही है। ऐसे में अब दोनों देशों के बीच यह समझौता सितंबर या अक्टूबर तक चल सकता है। हालांकि, इससे पहले दोनों देश एक छोटे समझौते पर भी सहमत हो सकते हैं। सोमवार को सीएनबीसी से बात करते हुए, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने कहा कि भारत के साथ 'और बातचीत' की ज़रूरत है।
और बातचीत की ज़रूरत: ग्रीर ने कहा कि हम अपने भारतीय समकक्षों के साथ बातचीत जारी रखेंगे। हमने हमेशा उनके साथ अधिक रचनात्मक चर्चा की है। उन्होंने अपने बाजार के कुछ हिस्सों को खोलने में गहरी रुचि दिखाई है। हम उनके साथ बातचीत जारी रखने के लिए तैयार हैं। मुझे लगता है कि यह देखने के लिए कि वे कितने महत्वाकांक्षी हो सकते हैं, और बातचीत की ज़रूरत है।
ट्रंप क्या उम्मीद करते हैं? ग्रीर ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उम्मीद है कि व्यापार समझौते बाज़ारों को 'काफी हद तक' खोलेंगे, जिससे साझेदार देश की अर्थव्यवस्था के एक बड़े हिस्से तक पहुँच भी होगी। ग्रीर ने कहा कि भारत के साथ समझने वाली बात यह है कि लंबे समय से उनकी व्यापार नीति घरेलू बाज़ार की मज़बूती से रक्षा करने की रही है, और वे इसी तरह का व्यापार करते हैं।
पीयूष गोयल ने क्या कहा? इससे पहले, भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने एक बयान जारी कर कहा था कि प्रस्तावित 26 प्रतिशत टैरिफ से बचने के लिए कोई समझौता हो सकता है। गोयल ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों में कोई बाधा नहीं है और उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यापार वार्ता में एच-1बी वीज़ा जैसे मुद्दे नहीं उठाए गए हैं।
अमेरिका ने उच्च टैरिफ की घोषणा की, जिसे 9 जुलाई तक और बाद में 1 अगस्त तक बढ़ा दिया गया। तब से बातचीत जारी है और अगस्त में दूसरे दौर की बातचीत की उम्मीद है, जब एक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा करने वाला है।
भारत क्या चाहता है? वार्ता से परिचित लोगों के अनुसार, भारत प्रस्तावित 26% अतिरिक्त टैरिफ को हटाने पर ज़ोर दे रहा है। वह भारतीय स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों, जिन पर वर्तमान में 50% तक टैरिफ लगता है, और ऑटो पार्ट्स, जिन पर 25% कर लगता है, पर भी शुल्क कम करना चाहता है। भारत अपने उद्योगों, जैसे कपड़ा, आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले, के लिए अमेरिकी बाज़ारों तक पहुँच चाहता है।
अमेरिका क्या चाहता है? दूसरी ओर, अगर अमेरिका की बात करें, तो वह कई तरह की वस्तुओं पर टैरिफ में रियायत चाहता है। इनमें औद्योगिक उत्पाद, इलेक्ट्रिक वाहन, पेट्रोकेमिकल, वाइन, डेयरी उत्पाद, सेब, मेवे और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें शामिल हैं। हालाँकि, भारत कृषि और डेयरी पर अपने रुख पर अड़ा हुआ है। अब तक, उसने किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में डेयरी उत्पादों पर कोई टैरिफ रियायत नहीं दी है। कुछ किसान समूहों ने सरकार से कृषि को व्यापार वार्ता से बाहर रखने का आग्रह किया है।
यह समझौता कब पूरा हो सकता है? 1 अगस्त की समयसीमा से पहले यह सौदा होना थोड़ा मुश्किल लग रहा है, क्योंकि समय बहुत कम बचा है। इसलिए, दोनों पक्ष अब एक अंतरिम व्यापार समझौते पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो एक बड़े द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की दिशा में एक संभावित कदम है, जिसके इस साल सितंबर या अक्टूबर तक संपन्न होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में, अमेरिका को भारत का निर्यात 22.8 प्रतिशत बढ़कर 25.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 11.68 प्रतिशत बढ़कर 12.86 अरब डॉलर हो गया।

