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दोस्त-दोस्त न रहा…Musk ने Trump से क्यों तोड़ी दोस्ती? आखिर क्यों अमेरिका के जय-वीरू हुए अलग

कभी अमेरिका की राजनीति और टेक्नोलॉजी की दुनिया के ‘जय और वीरू’ कहे जाने वाले डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क अब सास-बहू स्टाइल में झगड़ते नजर आ रहे हैं। 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में एक-दूसरे के लिए तारीफों के पुल बांधने वाले ट्रंप और....
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कभी अमेरिका की राजनीति और टेक्नोलॉजी की दुनिया के ‘जय और वीरू’ कहे जाने वाले डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क अब सास-बहू स्टाइल में झगड़ते नजर आ रहे हैं। 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में एक-दूसरे के लिए तारीफों के पुल बांधने वाले ट्रंप और मस्क अब एक-दूसरे को बर्बाद करने की धमकी दे रहे हैं। जहां ट्रंप एलन मस्क के सरकारी ठेके और सब्सिडी खत्म करने की चेतावनी दे रहे हैं, वहीं मस्क अब ट्रंप को बदनाम करने के लिए "एपस्टीन फाइल्स" जैसी पुरानी और संवेदनशील फाइलें खोलने की धमकी दे रहे हैं।

कभी थे साथ, अब बने दुश्मन

2024 के चुनावी दौरे में एलन मस्क ने ट्रंप का पूरा समर्थन किया था। मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर ट्रंप के पक्ष में कैंपेन चलाया, और उनकी कंपनियों के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से भी प्रचार किया। नतीजतन, ट्रंप की जीत के बाद मस्क को 'डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी' यानी DOGE का प्रमुख बनाया गया। मस्क और ट्रंप की जोड़ी तब अमेरिका की राजनीति में एक मज़बूत अलायंस मानी जा रही थी।

जनवरी 2025 में शपथ ग्रहण समारोह में मस्क की उपस्थिति और उनके बेटे X का ट्रंप के साथ नए साल की पार्टी में दिखना इस दोस्ती को सार्वजनिक रूप से मजबूती दे रहा था।

‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ बना दरार की वजह

मई 2025 में दोस्ती में पहली दरार उस वक्त आई जब ट्रंप प्रशासन ने ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ पास किया। यह बिल इलेक्ट्रिक व्हीकल टैक्स क्रेडिट को घटाता था, जिससे टेस्ला को करीब 1.2 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान था। एलन मस्क ने इस बिल को ‘घृणित और शर्मनाक’ करार दिया और ट्रंप पर तीखे हमले शुरू कर दिए।

इसके बाद एक और झटका तब लगा जब फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने मस्क के स्टारलिंक सैटेलाइट को अमेरिकी एयर ट्रैफिक सिस्टम से जोड़ने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

अब तलवारें खिंच गई हैं

जैसे-जैसे आर्थिक हित टकराए, रिश्ते कड़वाहट में बदलने लगे। ट्रंप ने पलटवार करते हुए कहा कि मस्क को इसलिए परेशानी है क्योंकि अब उन्हें सरकारी सब्सिडी कम मिल रही है। उन्होंने कहा, "मैंने मस्क को बहुत मदद दी, अब उन्हें सब्सिडी बंद करनी पड़ेगी।"

वहीं मस्क ने भी ट्रंप की जीत में अपने योगदान को लेकर ट्रंप की टिप्पणी पर भड़कते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि ‘असली बम’ गिराया जाए।

मस्क का ‘एपस्टीन फाइल्स’ बम

एलन मस्क ने ट्रंप पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें कुख्यात यौन अपराधी जॉर्ज एपस्टीन की ‘गुप्त फाइल्स’ से जोड़ दिया। मस्क ने X पर लिखा कि “अब समय आ गया है सच को सामने लाने का।” उन्होंने यह भी कहा कि ये फाइल्स ट्रंप के प्रभाव के चलते अब तक सार्वजनिक नहीं की गई हैं।

हालांकि मस्क ने इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं दिया, लेकिन इस बयान से ट्रंप के लिए राजनीतिक मुश्किलें जरूर बढ़ सकती हैं।

मस्क ने मांगा महाभियोग, सुझाया नया राष्ट्रपति

मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की मांग करते हुए रिपब्लिकन नेता जेडी वेंस को अगला राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव भी सामने रख दिया है। मस्क ने दावा किया कि ट्रंप अब भरोसे लायक नहीं हैं और देश को नेतृत्व के लिए नई सोच की ज़रूरत है।

अब न दोस्ती बची, न भरोसा

एक वक्त पर एक-दूसरे को ‘गॉडसेन्ट’ कहने वाले ट्रंप और मस्क अब एक-दूसरे को अमेरिका का ‘खतरनाक दुश्मन’ बता रहे हैं। ट्रंप समर्थक मस्क को ‘गद्दार’ कह रहे हैं, वहीं मस्क समर्थक ट्रंप को ‘तानाशाह’ कह रहे हैं।

अमेरिकी राजनीति में हलचल

ट्रंप और मस्क की इस सार्वजनिक तकरार ने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां रिपब्लिकन पार्टी के कुछ नेता ट्रंप के साथ खड़े हैं, वहीं युवा और टेक्नोक्रेट वर्ग मस्क के पक्ष में जाता दिख रहा है। एपस्टीन फाइल्स मामले में अगर कोई ठोस सबूत सामने आता है, तो ट्रंप की राजनीतिक साख को गहरा झटका लग सकता है।

निष्कर्ष: दोस्ती से दुश्मनी तक का सफर

एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती का जो अंत हुआ है, वो बताता है कि राजनीति और कारोबार में रिश्ते कितने अस्थायी होते हैं। जहां कभी मस्क ने ट्रंप को जिताने के लिए अपनी ताकत झोंक दी थी, वहीं अब वही मस्क उन्हें सत्ता से हटाने की मुहिम छेड़ चुके हैं।

अब देखना यह होगा कि क्या एलन मस्क के हमले ट्रंप की राजनीति को वाकई नुकसान पहुंचाएंगे, या यह सिर्फ एक हाई-प्रोफाइल झगड़े का शोर बनकर रह जाएगा।

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