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ईरान के दरवाजे पर 50,000 अमेरिकी सैनिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक इशारे पर कर देंगे मटियामेट

यमन में हौथी विद्रोहियों पर अमेरिकी हवाई हमलों से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और बढ़ गया है। करीब 50 हजार अमेरिकी सैनिक ईरान को चारों तरफ से घेर रहे हैं, जो डोनाल्ड ट्रंप का इशारा मिलते ही इस्लामिक देश ईरान की ईंट से ईंट बजाने के लिए...

यमन में हौथी विद्रोहियों पर अमेरिकी हवाई हमलों से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और बढ़ गया है। करीब 50 हजार अमेरिकी सैनिक ईरान को चारों तरफ से घेर रहे हैं, जो डोनाल्ड ट्रंप का इशारा मिलते ही इस्लामिक देश ईरान की ईंट से ईंट बजाने के लिए तैयार हैं। इसका खुलासा खुद ईरान ने किया है। इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्डस कोर (आईआरजीसी) के एक उच्चस्तरीय कमांडर ने सोमवार, 31 मार्च को चेतावनी दी कि ईरानी क्षेत्र में अमेरिकी सेना एक "शीशे के घर" में बैठी है और उन्हें दूसरों पर "पत्थर नहीं फेंकना चाहिए"। यानी ईरान के इलाके में अमेरिकी सेनाएं खुला निशाना हैं और उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने निशाने पर हों। आईआरजीसी एयरोस्पेस डिवीजन कमांडर ब्रिगेडियर जनरल आमिर अली हाजीजादेह ने ईद-उल-फितर समारोह के दौरान अमेरिका को सीधे तौर पर खुली चेतावनी दी। ईरान ने कहा कि अगर अमेरिका ने उसकी धरती पर हमला किया तो वह मुंहतोड़ जवाब देगा।

आपको याद दिला दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहले ही ईरान को हूथी विद्रोहियों का समर्थन न करने की चेतावनी दी थी। दूसरी ओर, ईरान ने अमेरिकी धमकियों को किसी भी तरह का समर्थन देने से इनकार करते हुए उन्हें निराधार बताया। जिसके बाद ये मामला और गरमा गया. प्रेस टीवी के अनुसार, हाजीजादेह ने कहा, "अमेरिकियों के पास अपने क्षेत्र में, विशेष रूप से ईरान के आसपास 10 सैन्य अड्डे हैं और इन ठिकानों पर 50,000 सैनिक तैनात हैं। इसका सीधा मतलब है कि वे शीशे के घर में बैठे हैं; और जब कोई शीशे के घर में बैठा होता है, तो वह दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकता।"

आईआरजीसी कमांडर का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ईरान को दी गई धमकी के बाद आया है। ट्रम्प ने कहा था कि यदि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर "नया समझौता" करने से इनकार करता है, तो उसे बमबारी का सामना करना पड़ेगा। ट्रम्प ने रविवार को एनबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा। "यदि वे समझौता नहीं करेंगे तो बमबारी होगी।" उन्होंने ईरान पर "द्वितीयक शुल्क" लगाने की भी धमकी दी।

अब इस मामले पर ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई कहां पीछे रहने वाले थे, उन्होंने ट्रंप की धमकी का उसी के लहजे में जवाब दिया। परमाणु समझौते पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए अल्टीमेटम पर ईरान की राजधानी तेहरान में लोगों को संबोधित करते हुए खामेनेई ने कहा, 'पूरी दुनिया में लोग पहले से ही इजरायल और अमेरिका की नीतियों से नाराज हैं। लोग जो कुछ भी जानते हैं वह केवल सतही हिस्सा है। अगर लोगों को इन देशों की असली साजिशों का पता चल जाएगा तो वे और भी ज्यादा क्रोधित हो जाएंगे।' इसके अलावा अमेरिका को जवाब देते हुए खामेनेई ने कहा, 'अमेरिका और इजरायल हमेशा से ईरान के खिलाफ दुश्मनी रखते आए हैं। वे हमें धमकाने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमें नहीं लगता कि वे हमला करेंगे। हालांकि, अगर वे हमला भी करेंगे तो हम उन्हें कड़ा जवाब देंगे।' अब यहां देखने वाली बात यह होगी कि क्या ट्रंप इस बयान का जवाब सैन्य हमले से देंगे या फिर अमेरिकी राष्ट्रपति की कोई रणनीति सामने आएगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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