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'अब और नहीं सहेंगे तानाशाही...'ईरान के पूर्व शाह के बेटे रजा पहलवी ने खामेनेई को बेदखल करने के लिए खोला मोर्चा, कहा -'हमारा समय आ गया है...'

'अब और नहीं सहेंगे तानाशाही...'ईरान के पूर्व शाह के बेटे रजा पहलवी ने खामेनेई को बेदखल करने के लिए खोला मोर्चा, कहा -'हमारा समय आ गया है...'

ईरान के कुछ नागरिक ऐसे भी हैं जो देश पर इजरायल के हमले का समर्थन कर रहे हैं। ये लोग इसे मुक्ति का संघर्ष बता रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं रेजा शाह पहलवी। ये नाम कोई साधारण नाम नहीं है। रेजा शाह पहलवी वो शख्स हैं जिनके परिवार ने कभी ईरान पर राज किया था। 1979 तक रेजा शाह पहलवी के पिता शाह मोहम्मद रेजा पहलवी ईरान के राजा हुआ करते थे। रेजा शाह पहलवी ने अली खामेनेई को सत्ता से बेदखल करने की हुंकार भरी है और कहा है कि ईरान की सत्ता बदलने का वक्त आ गया है। हमारा वक्त आ गया है। 37 साल पहले ईरान में एक जबरदस्त क्रांति हुई थी. इस क्रांति ने ईरान के धार्मिक-राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने को बदल दिया. उदार ईरान अब कट्टरता की ओर बढ़ रहा था। इस क्रांति के परिणामस्वरूप दो लोगों की किस्मत ने 180 डिग्री का मोड़ ले लिया। इस क्रांति के बाद 26 साल से ईरान पर राज कर रहे शाह मोहम्मद रजा पहलवी को उनके पद से हटा दिया गया।

शाह मोहम्मद रजा पहलवी
को अपनी जान बचाने के लिए मिस्र भागने पर मजबूर होना पड़ा। इस क्रांति के बाद 14 साल से इराक और फ्रांस में निर्वासित जीवन जी रहे अयातुल्ला खुमैनी ईरान वापस लौटे। तब लाखों लोगों ने उनका स्वागत किया और उन्हें ईरान का सर्वोच्च नेता बनाया। 3 जून 1989 को अयातुल्ला खुमैनी की मृत्यु हो गई। उनके उत्तराधिकारी के रूप में अली खामेनेई को चुना गया। हालांकि, उस समय खामेनेई ग्रैंड अयातुल्ला नहीं थे, जो संविधान के अनुसार सर्वोच्च नेता बनने के लिए जरूरी था। इसलिए संविधान में संशोधन किया गया। ईरान के मौजूदा सर्वोच्च धार्मिक नेता अली खामेनेई इसी अयातुल्ला खुमैनी के शिष्य हैं। खुमैनी ने खामेनेई को राजनीतिक और धार्मिक रूप से तैयार किया और उनकी मृत्यु के बाद खामेनेई ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाया।

रेजा शाह पहलवी शाह मोहम्मद रेजा पहलवी के बड़े बेटे हैं। वे वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं और ईरानी विपक्षी आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा हैं। रेजा शाह पहलवी ने मिस्र में राजा के रूप में शपथ ली थी। रेजा पहलवी ईरान की राष्ट्रीय परिषद के संस्थापक और नेता हैं। यह एक निर्वासित विपक्षी समूह है। यह समूह ईरान में लोकतांत्रिक सुधार और इस्लामी गणराज्य के अंत की वकालत करता है। रेजा शाह पहलवी देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए एक आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। रेजा पहलवी की राजनीतिक योजना ईरान में एक संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना पर केंद्रित है, जहां एक संवैधानिक सम्राट और लोकतांत्रिक संस्थाएं होंगी।

अमेरिका के साथ सहयोग
रेजा पहलवी अमेरिका में रहते हैं और अक्सर अमेरिकी नीति निर्माताओं, थिंक टैंक और मीडिया के साथ चर्चा करते हैं। ईरान और अमेरिका की मौजूदा सरकार के बीच बहुत कटु संबंध हैं। मौजूदा ईरान हमेशा अमेरिका के खात्मे की वकालत करता है जबकि अमेरिका ईरान को 'बुराई की धुरी' कहता है। पहलवी अमेरिकी सरकार से ईरान के खिलाफ सख्त कदम उठाने और ईरानी लोगों का समर्थन करने की अपील करते हैं। उनकी विचारधारा अमेरिकी हितों के अनुरूप मानी जाती है।

इजराइल के साथ अच्छे संबंधों की वकालत
ईरान पर हाल ही में हुए इजराइली हमलों के बाद, रेजा शाह पहलवी ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि यह अली खामेनेई का युद्ध है, ईरानी लोगों का नहीं। उन्होंने कहा, "यह उनका युद्ध है, ईरानी लोगों का नहीं। युद्ध आखिरकार कुछ भी हो सकता है जो शासन को कमजोर करता है। कुछ भी जो इसे पीछे धकेलता है। यह कुछ ऐसा है जिसका लोग स्पष्ट कारणों से स्वागत करते हैं क्योंकि वे देखते हैं कि उनके गले में कसी रस्सी की पकड़ अब ढीली होने वाली है। यह सकारात्मक है, नकारात्मक नहीं।"

पहलवी ने कहा कि इजराइली हमले का उद्देश्य ईरानी लोगों को चोट पहुँचाना नहीं है। रेजा शाह पहलवी ने 15 जून को एक साक्षात्कार में कहा, "मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि इस हमले का उद्देश्य ईरानी लोगों को नुकसान पहुँचाना था। इस हमले का उद्देश्य मूल रूप से शासन के खतरे को बेअसर करना था। स्पष्ट रूप से, इजराइली सरकार का ईरानी नागरिकों पर हमला करने का कोई इरादा नहीं था।" रेजा शाह पहलवी के अनुसार, यदि इजराइली हमलों से ईरान का वर्तमान प्रशासन कमजोर होता है, तो ईरान में बदलाव का रास्ता खुल जाएगा। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि ईरानी शासन के पहले से भी अधिक कमजोर हो जाने के परिणामस्वरूप, यह ईरानी लोगों के लिए अंततः स्वयं को स्वतंत्र करने का अवसर है, बशर्ते कि इस बार विश्व निष्क्रिय न बैठे और स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करे कि प्रतिबंध लगाने या अन्य उपाय करने के अलावा, वे ईरानी लोगों को लोकतंत्र और स्वतंत्रता की ओर अगला कदम उठाने में मदद करने के लिए तैयार हैं।'

40 साल से लोकतंत्र के लिए संघर्ष

रेज़ा पहलवी इस समय एक्स पर बहुत सक्रिय हैं और दुनिया से ईरान में सरकार को उखाड़ फेंकने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 40 साल से ज़्यादा समय से मैं सिर्फ़ एक चीज़ के लिए लड़ रहा हूँ, वो चीज़ है ईरान में लोकतंत्र। अब हमारा समय आ गया है।

ईरानी शासन को आपकी जान की परवाह नहीं है

रेज़ा शाह पहलवी ने कहा है कि दमन और दुष्प्रचार इस्लामी गणराज्य के अस्तित्व के दो मुख्य स्तंभ रहे हैं। सेना, कानून प्रवर्तन, सुरक्षा बल, ईरानी प्रसारण और समाचार एजेंसियों सहित शासन के दमनकारी और दुष्प्रचार संस्थानों के साथ सहयोग करना, अपराधों और झूठ में मिलीभगत है।

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