‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने ही देश में....' राजधानी दिल्ली में दिखा नस्लवाद अ भयानक चेहरा, VIDEO शेयर कर महिला ने बयाँ किया अपना दर्द
मेघालय की एक महिला ने अपनी आपबीती सुनाते हुए एक वीडियो शेयर किया है। उसने बताया कि दिल्ली में एक ही दिन में दो बार नस्लवादी टिप्पणियों से वह आहत हुई और अपने ही देश में खुद को अलग-थलग महसूस कर रही थी। यह घटना एक बार कमला नगर की सड़कों पर और दूसरी बार मेट्रो में सफ़र करते समय हुई। वीडियो में, महिला कहती है कि कमला नगर में कुछ लोग स्कूटर चला रहे थे। जैसे ही वह उनके पास से गुज़री, एक आदमी ने नस्लवादी टिप्पणी करते हुए कहा, "चियोंग चियोंग," और बाकी लोग हँसने लगे। वह कहती है, "मैं रुक गई और उनकी तरफ़ देखने लगी, लेकिन वे सब मेरा मज़ाक उड़ा रहे थे। उस वक़्त मुझे कुछ समझ नहीं आया। फिर भी, मैं चुप रही और दुकान की ओर चलती रही।"
थोड़ी देर बाद, मेट्रो में सफ़र करते हुए, एक और आदमी उसके पास से गुज़रा और बोला: "चिंग चोंग चाइना।" वीडियो में, महिला भावुक होकर कहती है, "अपने ही देश में, मुझे ऐसा महसूस कराया गया जैसे मैं यहाँ की नहीं हूँ। इससे मेरा दिल टूट जाता है। मेरी बस यही 'गलती' है कि मैं भारत में पैदा हुई और मेरा रूप-रंग बाकियों से अलग है।" इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए महिला ने लिखा, "दिल्ली के उन लोगों के लिए जिन्होंने 'चिंग चोंग चाइना' को मज़ाक समझा था, आपने सिर्फ़ मेरा ही नहीं, बल्कि उन सभी का अपमान किया है जिन्होंने कभी अपने ही देश में खुद को बाहरी महसूस किया है।"
अपनी पोस्ट के कैप्शन में महिला ने लिखा, "दिल्ली के उन लोगों के लिए जिन्होंने 'चिंग चोंग चाइना' को मज़ाक समझा था—आपने सिर्फ़ मेरा ही अपमान नहीं किया। आपने उन सभी का अपमान किया है जिन्होंने अपने देश में खुद को 'अलग' महसूस किया है। भारत विविधताओं से भरा है। हमारे चेहरे, हमारी भाषाएँ, हमारी संस्कृतियाँ—सब मान्य हैं। आपको यह तय करने का अधिकार नहीं है कि कौन यहाँ का है और कौन नहीं।" उसने आगे कहा, "मैं आज रोई, कल यह आप हो सकते हैं या यह मेरे अनुभव से भी बदतर हो सकता है। यह एक चेतावनी है: नस्लवाद चुप्पी में पनपता है। मैं चुप नहीं रहूँगी और मैं इस नस्लवाद को बदले से नहीं, बल्कि प्यार से खत्म करना चाहती हूँ, क्योंकि मेरे माता-पिता ने मुझे यही सिखाया है।"

