आखिर कौन है यह 'बबलू बंदर'? घूमने, खाना खाने और ब्लॉगिंग का शौक रखने वाला यह बंदर कैसे बना सोशल मीडिया किंग
आज के डिजिटल युग में कोई भी सोशल मीडिया पर रातों-रात स्टार बन सकता है। लोग अपने हुनर से वीडियो बनाकर वायरल हो जाते हैं। कोई डांस करता है तो कोई मजेदार एक्टिंग करता है, लेकिन हाल ही में एक अनोखा इंटरनेट सेंसेशन सामने आया है, जो न तो इंसान है और न ही असली बंदर, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा बनाया गया एक वर्चुअल कैरेक्टर है। इसका नाम बबलू बंदर है और यह अब सोशल मीडिया पर लोगों का पसंदीदा बन गया है।
कौन है बबलू बंदर?
बबलू बंदर कोई साधारण बंदर नहीं है। न तो वह कूदता है और न ही सर्कस में करतब दिखाता है, बल्कि वह एक AI जनरेटेड डिजिटल कैरेक्टर है, जिसे दिल्ली के लखन सिंह नाम के क्रिएटर ने डिजाइन किया है। बबलू एक देसी ट्रैवल इन्फ्लुएंसर है, जो पूरे भारत में घूमकर हिंदी और स्थानीय भाषाओं में वीडियो बनाता है। खास बात यह है कि बबलू की भाषा और अंदाज पूरी तरह देसी है, जो सीधे दिल को छू जाता है।
देसी अंदाज और मजेदार कमेंट्री ने बनाया फेवरेट
बबलू बंदर देश के अलग-अलग कोनों में जाकर रील बनाते हैं, कभी दिल्ली की गलियों में चाट खाते हैं तो कभी हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाते हैं। बनारस में गंगा आरती के दौरान कहते हैं, भैया, मोक्ष का रास्ता यही है, लेकिन पहले पकौड़े तो खाने दो और यही मजेदार डायलॉग उनकी लोकप्रियता की असली वजह बन गए हैं। वीडियो में वे मंदिरों में जाते हैं, ट्रेन में सफर करते हैं और उस दौरान मजेदार कहानियां भी सुनाते हैं। यही वजह है कि लोग बबलू को सिर्फ वर्चुअल कैरेक्टर नहीं बल्कि फील-गुड डिजिटल दोस्त मानने लगे हैं।
AI और क्रिएटिविटी का जादू
बबलू को बनाने वाले लखन सिंह खुद को डिजाइनर, सपने देखने वाला और क्रिएटर कहते हैं। उन्होंने AI की मदद से इस वर्चुअल बंदर को ऐसा रूप दिया है कि देखने वालों को यकीन ही नहीं होता कि यह असली नहीं है। बबलू बंदर ने साबित कर दिया है कि जब देसीपन और तकनीक साथ आ जाए तो सोशल मीडिया पर कुछ भी संभव है।

