बिहार में लगता है अनोखा मेला जहाँ जहरीले नागों को गले में डालकर घुमते है बच्चे उर बड़े, वायरल VIDEO में 100 साल पुरानी परंपरा देख उड़ जायेंगे होश
बिहार के समस्तीपुर ज़िले के विभूतिपुर प्रखंड स्थित सिंघिया घाट पर हर साल एक अनोखा मेला लगता है, जिसे 'साँप मेला' कहते हैं। दरअसल, साँपों का यह अनोखा और साहसिक मेला हर साल नाग पंचमी के अवसर पर लगता है। स्थानीय लोग, खासकर 'भगत' (साँपों के मालिक) वर्षों से इस परंपरा का पालन करते आ रहे हैं। इस अनोखे मेले में साँपों के साथ धार्मिक आस्था और रोमांच का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। हर साल नाग पंचमी पर लगने वाले इस मेले में लोग ज़हरीले ज़िंदा साँपों को गले में डालकर और उन्हें हाथों में पकड़कर करतब दिखाते हैं। इस मेले में माँ भगवती की पूजा की जाती है और लोग साँपों को लेकर बूढ़ी गंडक नदी में उतरते हैं, जो मिथिला की प्राचीन नाग परंपरा का एक हिस्सा है।
बिहार के समस्तीपुर में हर वर्ष नागपंचमी पर धर्म और परंपरा के नाम पर जीवित सांपों के साथ किया जाने वाला व्यवहार चिंताजनक है। बिना सुरक्षा जीवों को हाथ में लेना न सिर्फ़ खतरनाक है, बल्कि पशु अधिकारों का भी उल्लंघन है। pic.twitter.com/3Q9hiQJH4z
— Garvi Rawat (@garvirawat) July 17, 2025
यह परंपरा वर्षों पुरानी है
यह मेला 100 वर्षों से भी ज़्यादा समय से चला आ रहा है और सिंघिया क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान बन गया है। मेले की शुरुआत माँ भगवती मंदिर में पूजा-अर्चना से होती है, फिर श्रद्धा और भक्ति के साथ भक्त साँपों को लेकर नदी की ओर बढ़ते हैं। इस मेले में भक्तगण विषैले सांपों को गले या हाथों में लपेटकर करतब दिखाते हैं।
विष भी बन जाता है वरदान
यहाँ के लोगों का मानना है कि माँ विषहरी और नागदेवता के आशीर्वाद से विष भी वरदान बन जाता है। इस दिन महिलाएँ अपने परिवार की उन्नति के लिए नागदेवता की पूजा भी करती हैं और जिनकी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं वे गहवर में प्रसाद चढ़ाते हैं। समस्तीपुर के अलावा कई अन्य जिलों से भी भक्त इस अवसर पर पूजा-अर्चना करने आते हैं। धार्मिक अनुष्ठानों के बाद, सांपों को पुनः जंगल या सुरक्षित स्थानों पर छोड़ दिया जाता है।
दूर-दूर से आते हैं भक्त
गौरतलब है कि इस जीवंत मेले को देखने के लिए स्थानीय और दूर-दराज से हज़ारों की संख्या में भक्त आते हैं। यह मेला दर्शन मात्र से बढ़कर लोक-संस्कृति और शौर्य-प्रदर्शन का उत्सव बन जाता है। नाग पंचमी के दिन लगने वाले इस मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, इसलिए लोगों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया जाता है।

