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उदयपुर का सिटी पैलेस क्यों है पर्यटकों का पसंदीदा स्थान? वायरल वीडियो में देखिये इसके 120 कमरों में छुपी ऐतिहासिक भव्यता

उदयपुर का सिटी पैलेस क्यों है पर्यटकों का पसंदीदा स्थान? वायरल वीडियो में देखिये इसके 120 कमरों में छुपी ऐतिहासिक भव्यता

राजस्थान के "झीलों के शहर" उदयपुर में स्थित सिटी पैलेस न केवल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है, बल्कि यह इतिहास, संस्कृति और शाही वैभव का एक ऐसा जीवंत प्रतीक है जो हर साल लाखों सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। 120 से अधिक कमरों वाला यह विशाल महल परिसर आज भी अपनी चमक, गरिमा और गौरवशाली विरासत के लिए विश्वप्रसिद्ध है। यहां का हर कोना, हर झरोखा, हर चित्र और दीवार अपने भीतर सदियों पुरानी कहानियां समेटे हुए है।


शाही वास्तुकला की बेजोड़ मिसाल
उदयपुर सिटी पैलेस की नींव 1559 में महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने रखी थी। यह महल अरावली की पहाड़ियों और पिछोला झील के किनारे बसा हुआ है, जिससे इसका दृश्य और भी मनोहारी हो जाता है। समय के साथ-साथ महल को कई पीढ़ियों के महाराणाओं ने विस्तार दिया, लेकिन इसकी वास्तुकला की एकरूपता बनी रही। यह महल राजपूत और मुगल स्थापत्य का सुंदर संगम है, जिसमें ऊँची दीवारें, विशाल द्वार, जटिल नक्काशीदार खंभे, रंगीन शीशों की सजावट और गुलाबी-बेज रंग की दीवारें हैं।

120 कमरों की भव्यता
महल परिसर में 120 से अधिक कक्ष हैं, जिनमें से अधिकांश को मूल स्वरूप में ही संरक्षित किया गया है। इन कमरों में राजसी जीवनशैली, पारंपरिक हथियार, पेंटिंग्स, पोशाकें, शाही वस्तुएं और ऐतिहासिक दस्तावेजों का अद्भुत संग्रह मौजूद है।
विशेष रूप से देखने लायक कमरे हैं:

मोर चौक (Peacock Courtyard): जहाँ रंगीन कांच से बने चार मोरों की आकृतियाँ मंत्रमुग्ध कर देती हैं
कृष्ण विलास: जहाँ रानी के कक्ष हैं और राजवंश की महिलाएं झील का नज़ारा किया करती थीं।
मीनाकारी और शीशमहल: जिनमें लगे दर्पण और रंगीन कांच की सजावट देखने वालों को चौंका देती है।
झरोकों से नजारा: हर कमरे से पिछोला झील, जग मंदिर, और आसपास की पहाड़ियों का लुभावना दृश्य देखने को मिलता है।

झील और महल का संगम
सिटी पैलेस का सबसे आकर्षक पहलू है कि यह पिछोला झील के बिलकुल किनारे बना हुआ है। महल की बालकनी से जब पर्यटक झील का नज़ारा करते हैं, तो सूरज की किरणें जब पानी पर पड़ती हैं, तो पूरा दृश्य स्वर्णिम हो जाता है। इसके अलावा, महल परिसर से जग मंदिर और लेक पैलेस की झलक भी अद्भुत अनुभव कराती है।

संग्रहालय और गैलरी का खजाना
महल का एक भाग आज म्यूज़ियम में तब्दील किया गया है — City Palace Museum — जो मेवाड़ वंश की बहुमूल्य धरोहरों को संजोए हुए है। यहाँ राजा-महाराजाओं द्वारा प्रयोग किए गए हथियार, पोशाकें, बर्तन, फर्नीचर और वाहन रखे गए हैं। यह म्यूज़ियम न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे भारत की राजसी संस्कृति की एक झलक प्रस्तुत करता है।

रंगारंग उत्सव और आयोजनों का केंद्र
सिटी पैलेस न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि यहां महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत समारोह और प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाती हैं। खासतौर पर होली और दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान, महल रोशनी से नहाया हुआ होता है और शाही परंपराओं के साथ उत्सव मनाया जाता है। कई बार यहां राजपरिवार स्वयं इन आयोजनों में भाग लेता है।

विदेशी सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण
विदेशी सैलानियों के लिए उदयपुर सिटी पैलेस एक "रॉयल एक्सपीरियंस" है। यहां के गाइडेड टूर, म्यूज़ियम ऑडियो गाइड, मल्टीमीडिया डिस्प्ले और अंग्रेजी में अनुवादित विवरण पर्यटकों को एक अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान करते हैं। यहां तक कि हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी इसी परिसर में हुई है, जिससे यह ग्लोबल आकर्षण बन चुका है।

विवाह और फिल्मी लोकेशन के रूप में लोकप्रिय
आज के दौर में सिटी पैलेस डेस्टिनेशन वेडिंग्स और शूटिंग लोकेशन के रूप में भी बेहद प्रसिद्ध हो चुका है। बॉलीवुड फिल्मों जैसे "ये जवानी है दीवानी" और कई विदेशी डॉक्यूमेंट्रीज में इसका चित्रण हुआ है। यहां आयोजित होने वाली शादियाँ राजसी वैभव और भव्यता का प्रतीक बन चुकी हैं।

120 कमरों वाला उदयपुर सिटी पैलेस केवल एक ऐतिहासिक इमारत नहीं है, बल्कि यह भारतीय विरासत, वास्तुकला, संस्कृति और राजसी जीवन का संगम है। हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक यहां आते हैं न केवल इसकी सुंदरता को देखने, बल्कि भारत की गौरवशाली अतीत को महसूस करने। अगर आप भी इतिहास, शाही ठाट-बाट और झीलों की लहरों के बीच बसे सौंदर्य से प्रेम करते हैं, तो उदयपुर सिटी पैलेस एक बार ज़रूर देखने योग्य है।

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