Samachar Nama
×

कुंभलगढ़ किला क्यों है दुनिया की सबसे रहस्यमयी धरोहरों में शामिल? यहां आने से पहले वीडियो में जान लीजिये 10 अनसुनी बातें

कुंभलगढ़ किला क्यों है दुनिया की सबसे रहस्यमयी धरोहरों में शामिल? यहां आने से पहले वीडियो में जान लीजिये 10 अनसुनी बातें

राजस्थान की वीर भूमि मेवाड़ अपनी बहादुरी, शौर्यगाथाओं और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विश्वविख्यात है। इन्हीं धरोहरों में एक अद्भुत किला है – कुंभलगढ़ किला, जो न सिर्फ स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है बल्कि अपने भीतर कई रहस्य और ऐतिहासिक घटनाएं समेटे हुए है। अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा यह किला इतिहास प्रेमियों, पर्यटकों और रोमांच के seekers के लिए एक स्वर्ग से कम नहीं।


1. दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार
कुंभलगढ़ किले को अक्सर "भारत की ग्रेट वॉल" कहा जाता है। इसकी चारदीवारी लगभग 36 किलोमीटर लंबी है, जो इसे चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी किलेबंदी बनाती है। इस दीवार की मोटाई इतनी है कि पाँच घोड़े एक साथ दौड़ सकते हैं। इसका निर्माण इस तरह किया गया था कि दुश्मनों के लिए किले में प्रवेश करना लगभग असंभव हो जाए।

2. महाराणा प्रताप का जन्मस्थल
कुंभलगढ़ किला इतिहास के सबसे महान योद्धाओं में से एक, महाराणा प्रताप का जन्मस्थान भी है। 1540 ई. में यहीं पर उनका जन्म हुआ था। यह तथ्य इस किले को और भी पवित्र और गौरवशाली बनाता है। आज भी जब इस किले में खड़े होकर कोई मेवाड़ की धरती को निहारता है, तो वह महाराणा प्रताप की वीरता को महसूस कर सकता है।

3. 13 पहाड़ियों पर फैला हुआ विशाल किला
यह किला एक या दो नहीं, बल्कि 13 अलग-अलग पहाड़ियों पर फैला हुआ है। यह इसे एक रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद मजबूत बनाता है। ऊंचाई और कठिन भूगोल के कारण इस किले को जीतना आसान नहीं था। यही कारण है कि मुगलों से लेकर अकबर तक की सेनाएं इस किले को सीधे तौर पर जीत नहीं पाईं।

4. रहस्यमयी गुप्त सुरंगें
कुंभलगढ़ किले से जुड़ी एक और खास बात है – यहां बनी गुप्त सुरंगें। कहा जाता है कि युद्ध के समय इन सुरंगों का प्रयोग राजा-महाराजा अपनी जान बचाने और सेना को स्थानांतरित करने के लिए करते थे। हालांकि इनमें से अधिकतर आज बंद हैं, लेकिन स्थानीय लोग अब भी इन सुरंगों से जुड़ी कहानियाँ सुनाते हैं।

5. किले में 360 से अधिक मंदिर
इस किले के परिसर में 360 से अधिक मंदिर स्थित हैं – जिनमें 300 से ज्यादा जैन मंदिर और बाकी हिन्दू मंदिर हैं। इनमें से कुछ मंदिर इतने पुराने हैं कि उनकी नक्काशी और वास्तुकला आज भी शोधकर्ताओं को चौंका देती है। यहाँ स्थित नेहलमाता का मंदिर स्थानीय लोगों की गहरी आस्था का केंद्र है।

6. अदृश्य सुरक्षा तंत्र और वास्तुशिल्पीय रहस्य
कुंभलगढ़ किले की बनावट इस तरह की गई है कि दुश्मन पास आकर भी इसे ठीक से देख नहीं सकता। इसका स्थान, ऊँचाई और आसपास के जंगल इसे प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके अलावा किले की दीवारों में इस्तेमाल किए गए चूने, पत्थरों और सरसों के तेल का मिश्रण इसे आज तक मजबूत बनाए हुए है।

7. रात में दिखता है सिर्फ एक हिस्सा
कहा जाता है कि किले की वास्तु योजना इतनी अनोखी थी कि रात के समय दुश्मनों को किला सिर्फ एक हिस्से में जलता हुआ दिखाई देता था। बाकी पूरा किला अंधेरे में ही रहता था, जिससे दुश्मन भ्रम में पड़ जाते थे। यह रणनीति सैन्य दृष्टि से बेहद कारगर थी।

8. राजसी कहानियां और भूत-प्रेत की मान्यताएं
स्थानीय लोग मानते हैं कि इस किले में कई अलौकिक घटनाएं होती हैं। कुछ लोग दावा करते हैं कि यहां रात के समय किसी महिला के रोने की आवाजें आती हैं, जो एक पुरानी रानी की आत्मा बताई जाती है। हालांकि यह दावे प्रमाणिक नहीं हैं, लेकिन किले की वीरान दीवारें जरूर इतिहास की खामोश चीखें सुनाती हैं।

9. वन्यजीव अभयारण्य से घिरा हुआ
कुंभलगढ़ सिर्फ एक किला नहीं, बल्कि इसके चारों ओर बसा कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ आप तेंदुआ, भालू, सियार, नीला बैल, लोमड़ी जैसे कई वन्य जीवों को देख सकते हैं। इतिहास और प्रकृति का यह संगम इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाता है।

10. यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल
कुंभलगढ़ किला यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है, जो इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित करता है। यह किला सिर्फ भारत ही नहीं, पूरे विश्व के लिए एक गौरव की बात है।

कुंभलगढ़ किला सिर्फ एक किला नहीं, बल्कि एक सजीव इतिहास है। यहां की दीवारें आज भी वीरता की गाथाएं कहती हैं। यदि आप कभी राजस्थान की यात्रा करें, तो कुंभलगढ़ को अपनी सूची में जरूर शामिल करें, लेकिन वहां जाने से पहले इन रहस्यों और तथ्यों को जानना आपको एक अलग अनुभव देगा।

Share this story

Tags