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Desert National Park क्यों है पर्यटकों की पहली पसंद? डॉक्यूमेंट्री में जानें इस रेगिस्तानी स्वर्ग की वो खास बातें जो खींच लाती हैं देश-विदेश से सैलानी

Desert National Park क्यों है पर्यटकों की पहली पसंद? डॉक्यूमेंट्री में जानें इस रेगिस्तानी स्वर्ग की वो खास बातें जो खींच लाती हैं देश-विदेश से सैलानी

राजस्थान की रेतीली रेत, सुनहरी धूप और रोमांचक वातावरण को महसूस करने के लिए हर साल लाखों सैलानी थार मरुस्थल की ओर रुख करते हैं। लेकिन इस मरुस्थल के बीचोंबीच बसा जैसलमेर डेजर्ट नेशनल पार्क (Desert National Park) एक ऐसा आकर्षण है, जो न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। यह नेशनल पार्क जैसलमेर जिले में स्थित है और भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक माना जाता है।

थार के दिल में बसे प्रकृति के अद्भुत दृश्य

डेजर्ट नेशनल पार्क थार मरुस्थल के केंद्र में स्थित है और इसका क्षेत्रफल लगभग 3,162 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह पार्क ना केवल रेगिस्तान के टीलों और खुले मैदानों के कारण प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की जैव विविधता भी इसे खास बनाती है। यहां रेत के टीलों के बीच उगती नाजुक वनस्पति, कांटेदार झाड़ियाँ और दुर्लभ जीव-जंतु पर्यटकों को रोमांचित करते हैं।

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की दुर्लभ झलक

जैसलमेर डेजर्ट नेशनल पार्क का सबसे बड़ा आकर्षण है ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Godawan) – एक विलुप्तप्राय पक्षी जो अब केवल कुछ ही क्षेत्रों में पाया जाता है। यह पक्षी इस पार्क का गौरव है और देखने के लिए कई पक्षी प्रेमी (Bird Watchers) यहां आते हैं। इसके अलावा यहां बाज़, चील, गिद्ध और अन्य रैप्टर्स भी दिखाई देते हैं, जो रेगिस्तान के आसमान में अपने पंख फैलाए मंडराते रहते हैं।

रोमांच से भरपूर सफारी और ड्यून ड्राइव

इस नेशनल पार्क में की जाने वाली जीप सफारी और ऊंट सफारी पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। ऊँट की पीठ पर बैठकर जब सैलानी रेत के टीलों पर सूरज डूबने का दृश्य देखते हैं, तो वह अनुभव हमेशा के लिए उनकी यादों में बस जाता है। इसके अलावा ड्यून बशिंग (Dune Bashing) और रेत पर बाइकिंग जैसे एडवेंचर भी इस क्षेत्र में आकर्षण बढ़ाते हैं।

फोटोग्राफरों और प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग

पार्क का वातावरण, बदलते रंगों की रेत, पक्षियों की गतिविधियां और सूरज की रोशनी के खेल को देखने के लिए दुनिया भर के फोटोग्राफर यहां आते हैं। सूरज की रोशनी में रेत के टीलों पर पड़ती छाया जब तस्वीरों में उतरती है, तो वो एक अद्भुत दृश्य बन जाती है। वहीं प्रकृति प्रेमी यहां के शांति और शुद्ध वातावरण में सुकून महसूस करते हैं।

वन्य जीवों का अनोखा संसार

यहां पाई जाने वाली जीव-जंतुओं की विविधता भी पर्यटकों को चौंका देती है। भारतीय लोमड़ी, डेजर्ट कैट, छिपकलियां, मॉनिटर लिज़र्ड, काले हिरण और मरुस्थलीय जंगली जानवर यहां के मूल निवासी हैं। यह सभी अपने-अपने तरीके से इस पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखते हैं।

पारंपरिक संस्कृति से जुड़ाव

जैसलमेर का यह नेशनल पार्क केवल प्राकृतिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है। पास के गांवों की संस्कृति, वहां के लोगों की जीवनशैली, लोक नृत्य, गीत-संगीत और स्थानीय व्यंजन सैलानियों को मरुस्थल की जीवंतता से जोड़ते हैं। पर्यटक चाहें तो स्थानीय होमस्टे में रहकर पारंपरिक जीवनशैली का अनुभव भी कर सकते हैं।

संरक्षण और जागरूकता

हाल के वर्षों में जैसलमेर डेजर्ट नेशनल पार्क संरक्षण के लिहाज़ से भी चर्चा में रहा है। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की घटती संख्या को लेकर सरकार और कई स्वयंसेवी संस्थाएं जागरूकता फैला रही हैं। पार्क के भीतर भी कई बर्ड वॉचिंग टावर और जानवरों के लिए संरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं ताकि प्राकृतिक जीवन चक्र को सुरक्षित रखा जा सके।

पर्यटकों को क्या ध्यान रखना चाहिए?

यह क्षेत्र पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है, इसलिए यहां आने वाले पर्यटकों को कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। जैसे – प्लास्टिक या कूड़ा न फैलाना, जीवों को परेशान न करना, केवल निर्धारित मार्ग पर सफारी करना और स्थानीय गाइड की सलाह मानना।

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