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वीडियो में जानिए आखिर बाँसवाड़ा को क्यों कहा जाता है राजस्थान का चेरापूंजी ? खूबसूरती देख होने लगेगा जन्नत का एहसास 

वीडियो में जानिए आखिर बाँसवाड़ा को क्यों कहा जाता है राजस्थान का चेरापूंजी ? खूबसूरती देख होने लगेगा जन्नत का एहसास 

राजस्थान को जब हम कल्पना में लाते हैं, तो सूखा रेगिस्तान, तपती धूप और रेत के टीलों की तस्वीर सामने आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी राज्य में एक ऐसा जिला है जिसे 'राजस्थान का चेरापूंजी' कहा जाता है? यह जगह है — बांसवाड़ा।दक्षिण राजस्थान में स्थित बांसवाड़ा जिला, अपनी हरियाली, झीलों, झरनों और घने जंगलों के कारण जाना जाता है। यह इलाका न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत और आदिवासी जीवनशैली का भी प्रमुख केंद्र है। आज हम आपको बताएंगे कि क्यों बांसवाड़ा को 'चेरापूंजी ऑफ राजस्थान' कहा जाता है और क्या हैं यहां के प्रमुख आकर्षण।


क्यों कहते हैं बांसवाड़ा को ‘राजस्थान का चेरापूंजी’?
भारत में 'चेरापूंजी' शब्द का प्रयोग आमतौर पर अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए किया जाता है। जैसे पूर्वोत्तर भारत में चेरापूंजी (अब मावसिनराम) को विश्व का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान माना जाता है, ठीक उसी तरह राजस्थान में सबसे अधिक बरसात बांसवाड़ा जिले में होती है।यहां वार्षिक वर्षा औसतन 900-1300 मिमी तक होती है, जो राजस्थान जैसे शुष्क राज्य में अत्यंत असामान्य और सुखद बात है। इस भारी वर्षा का परिणाम है — घने जंगल, बहते झरने, पहाड़ी रास्ते और हरियाली से लहलहाते खेत, जो किसी हिल स्टेशन से कम नहीं लगते।

बांसवाड़ा की भौगोलिक विशेषताएं
बांसवाड़ा की सीमाएं मध्य प्रदेश और गुजरात से लगती हैं, जिससे यह क्षेत्र तीन संस्कृतियों का संगम स्थल बन गया है। यहां अरावली की पहाड़ियों की श्रृंखला फैली हुई है, जो इसे एक प्राकृतिक कवच प्रदान करती है।जिला मुख्यालय बांसवाड़ा शहर माही नदी के किनारे बसा है और इसे ‘झीलों का शहर’ भी कहा जाता है। यहां लगभग 100 झीलें और जलाशय हैं, जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं।

बांसवाड़ा के प्रमुख प्राकृतिक और सांस्कृतिक आकर्षण
1. माही डैम (माही बजाज सागर परियोजना)
राजस्थान की सबसे बड़ी बहुउद्देश्यीय नदी परियोजनाओं में से एक, माही डैम न केवल बिजली उत्पादन और सिंचाई में सहायक है, बल्कि पर्यटकों के लिए एक प्रमुख पिकनिक स्थल भी है। मानसून में यह जगह बेहद खूबसूरत हो जाती है।

2. कागदी पिकनिक स्पॉट
झीलों से घिरा यह स्थल परिवारिक भ्रमण और युवाओं के लिए पसंदीदा जगह है। यहां नाव की सवारी, झील का सौंदर्य और शांत वातावरण आत्मिक सुकून देता है।

3. अरथूना मंदिर समूह
यह स्थल ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां 11वीं-12वीं शताब्दी के कई प्राचीन शिव मंदिर स्थित हैं, जो राजा भोज के कालखंड की स्थापत्य कला को दर्शाते हैं।

4. Tripura Sundari मंदिर
इस मंदिर को ‘माता त्रिपुरा सुंदरी’ के रूप में पूजा जाता है और यह एक शक्तिपीठ माना जाता है। नवरात्रि के समय यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

5. घोटिया आम्बा और आदिवासी संस्कृति
बांसवाड़ा की एक अनोखी विशेषता इसकी भील आदिवासी संस्कृति है। घोटिया आम्बा जैसे स्थानों पर आपको पारंपरिक लोक नृत्य, वाद्य यंत्र और आदिवासी जीवनशैली के दर्शन होंगे। यह राजस्थान की आम शहरी छवि से अलग, एक नई दुनिया से रूबरू कराता है।

यहां की हरियाली और जलवायु
बांसवाड़ा का पर्यावरण वर्ष भर खुशनुमा रहता है, खासकर जुलाई से अक्टूबर तक यहां की हरियाली देखते ही बनती है। यहां के गांव, झीलों के किनारे बसे खेत, और बारिश में नहाई हुई पहाड़ियां, मन को शांति प्रदान करती हैं। यही कारण है कि यह स्थान ‘ग्रीन ओएसिस ऑफ राजस्थान’ भी कहलाता है।

पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाएं
बांसवाड़ा अभी तक मुख्यधारा के पर्यटन मानचित्र पर उतना उभरा नहीं है, जितना इसे होना चाहिए। लेकिन इसके शांत वातावरण, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता को देखते हुए यह आने वाले वर्षों में एक प्रमुख ईको-टूरिज्म हब बन सकता है।राजस्थान पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन द्वारा यदि पर्याप्त प्रचार-प्रसार और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास किया जाए, तो बांसवाड़ा पर्यटकों के लिए एक नया स्वर्ग बन सकता है।

कैसे पहुंचे बांसवाड़ा?
निकटतम रेलवे स्टेशन: रतलाम (MP) — लगभग 80 किलोमीटर
निकटतम हवाई अड्डा: उदयपुर — लगभग 165 किलोमीटर
सड़क मार्ग: बांसवाड़ा अच्छी सड़क सुविधा से जुड़ा हुआ है। बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।

बांसवाड़ा न केवल राजस्थान का चेरापूंजी है, बल्कि यह एक ऐसा छुपा हुआ रत्न है जो हर प्रकृति प्रेमी, फोटोग्राफर और सांस्कृतिक जिज्ञासु को अपनी ओर खींचता है। यहां की हरियाली, झीलें, पहाड़ियां और लोकसंस्कृति — सब मिलकर इसे राजस्थान के सबसे सुंदर जिलों में से एक बनाते हैं।यदि आप राजस्थान की भीड़-भाड़ और रेगिस्तानी छवि से हटकर एक शांत, हरे-भरे, आदिवासी रंगों से सजे जिले को खोजना चाहते हैं, तो बांसवाड़ा आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है।

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