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वीडियो में जाने Banswara को क्यों कहा जाता है राजस्थान का 'चेरापूंजी' ? जाने यहां घूमने का सही समय और रूट 

वीडियो में जाने Banswara को क्यों कहा जाता है राजस्थान का 'चेरापूंजी' ? जाने यहां घूमने का सही समय और रूट 

राजस्थान का नाम लेते ही हमारे दिमाग में रेगिस्तान की छवि उभरती है, जहां कहीं भी पानी नहीं है। लेकिन आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे शहर (100 टापुओं का शहर) के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में जानकर आपका राजस्थान के प्रति नजरिया बदल जाएगा। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बांसवाड़ा शहर की, जिसे प्रकृति का वरदान प्राप्त है। देश का एकमात्र 100 टापुओं का शहर यह शहर माही नदी के किनारे बसा है। अगर आप मानसून के दौरान कहीं घूमने की सोच रहे हैं, तो राजस्थान का बांसवाड़ा शहर आपके लिए बेस्ट टूरिस्ट पैलेस साबित हो सकता है। हरियाली से भरा बांसवाड़ा राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में है। 


राजस्थान का बांसवाड़ा शहर गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। यह शहर बेहद खूबसूरत और आकर्षक है। इसे राजस्थान का मालदीव भी कहा जाता है। इस शहर का नाम बांसवाड़ा 'बांस' या बांस के पेड़ों के कारण पड़ा था। किसी समय यहां बांस बड़ी मात्रा में उगते थे। इसे राजस्थान का चेरापूंजी क्यों कहा जाता है? राजस्थान में सबसे ज्यादा बारिश बांसवाड़ा में होती है। इसीलिए बांसवाड़ा को राजस्थान का चेरापूंजी कहा जाता है। इन दिनों बांसवाड़ा में बादलों की आवाजाही काफी बढ़ जाती है, जिससे यहां के छोटे-बड़े टापुओं की खूबसूरती और बढ़ जाती है। यहां के हरे-भरे पेड़-पौधे और टापू मानसून के बादलों से ढके रहते हैं। मानसून में बांसवाड़ा शहर की खूबसूरती एक अलग ही छटा बिखेरती है।

माही नदी बन गई है बांसवाड़ा की जीवन रेखा

हरियाली से भरपूर बांसवाड़ा में माही नदी का करीब 40 किलोमीटर का हिस्सा इसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है। माही के बैकवाटर में 100 से ज्यादा छोटे-बड़े टापू बन गए हैं, जिन्हें 'चाचा कोटा' कहा जाता है। ये टापू बांसवाड़ा शहर की पहचान बन गए हैं। आज भी यहां के आदिवासी समुदाय के लोग प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल कर अपना जीवन यापन करते हैं।

बांसवाड़ा के आसपास घूमने की जगहें
माही बांध

16 गेटों वाला माही बांध राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। माही बांध को बांसवाड़ा जिले की जीवन रेखा माना जाता है। यह यहां के लोगों की कृषि और आर्थिक विकास का मुख्य साधन है। इस बांध के पानी में कई पहाड़ियाँ आंशिक रूप से डूबी हुई हैं, जो छोटे-छोटे टापुओं की तरह दिखती हैं। यही वजह है कि इस जगह को "सौ टापुओं का शहर" भी कहा जाता है। मानसून के मौसम में जब यहाँ जमा अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने के लिए मुख्य बांध के गेट खोले जाते हैं, तो यह नजारा पर्यटकों के लिए बेहद मनोरम होता है। माही बांध बांसवाड़ा का मुख्य पर्यटक आकर्षण है।

चाचा कोटा
माही के बैकवाटर में 100 से ज़्यादा छोटे-बड़े टापू बने हुए हैं, जिन्हें 'चाचा कोटा' कहा जाता है। यहाँ हरी-भरी पहाड़ियाँ हैं, बीच जैसा नज़ारा है और जहाँ तक नज़र जाती है, 'हर जगह पानी ही पानी' नज़र आता है। चारों ओर ऊँची-ऊँची पहाड़ियाँ, रास्ते में हर तरफ हरियाली, घुमावदार टेढ़े-मेढ़े रास्ते और झरने मिलकर इस जगह को प्राकृतिक सुंदरता के मामले में बेहद खास बनाते हैं।

कागदी पिकअप
बांसवाड़ा शहर के पूर्वी हिस्से में पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र कागदी पिकअप है। कागदी झील और उसके किनारे बने बगीचे को देखने के बाद नज़रें हटाने का मन ही नहीं करता। खास तौर पर बरसात के मौसम में इस झील पर कई प्रवासी पक्षी आते हैं।

बांसवाड़ा शहर कैसे पहुँचें?
वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में है, जो यहाँ से 185 किमी दूर है।
रेल मार्ग: यहाँ का निकटतम स्टेशन रतलाम है, जो 80 किमी दूर है।
सड़क मार्ग: दिल्ली, जयपुर और भरतपुर से बांसवाड़ा के लिए बसें आसानी से उपलब्ध हैं।

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