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आखिर कब और किसने बनवाया 953 खिड़कियों वाला जयपुर का ये शाही महल ? वीडियो में जानिए 225 साल पुराना इतिहास 

आखिर कब और किसने बनवाया 953 खिड़कियों वाला जयपुर का ये शाही महल ? वीडियो में जानिए 225 साल पुराना इतिहास 

राजस्थान अपनी संस्कृति, पहनावे, त्यौहारों और संगीत के अलावा अपने अनोखे किलों के लिए भी मशहूर है। यहां कई ऐसे शहर हैं, जहां जाकर इतिहास के पन्नों को एक बार फिर से पलटने का मन करता है। ऐसी ही एक जगह है जयपुर, जो राजस्थान की राजधानी भी है। यहां के राजा-महाराजाओं के ऐतिहासिक किले और वास्तुकला लोगों को खूब आकर्षित करती है। नाहरगढ़ किला हो, जयगढ़ किला हो या आमेर किला, यहां हर मौसम में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। यहां की असाधारण वास्तुकला में से एक है हवा महल, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल किया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस हवा महल के निर्माण के पीछे क्या कारण रहा होगा? इसे क्यों बनवाया गया था? आज के लेख में हम यही जानने की कोशिश करेंगे।


हवा महल कहां है?
हवा महल जयपुर की प्रतिष्ठित जगहों में से एक है, जो अपनी गुलाबी जालीदार खिड़कियों के लिए मशहूर है। यह ऐतिहासिक धरोहर शहर के पुराने हिस्से में मौजूद है, जिसे देखने के बाद आप बस कुछ देर तक इसे देखते ही रह जाएंगे। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, हवाओं के महल के नाम से मशहूर इस ऐतिहासिक धरोहर में कई कहानियां संजोई गई हैं, जिनकी खिड़कियों की मदद से हम उनमें झांकने की कोशिश करेंगे।

हवा महल का निर्माण कब हुआ था?
हवा महल का निर्माण 1799 में जयपुर के कछवाहा शासक महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने रॉयल सिटी पैलेस के विस्तार के रूप में करवाया था। आज यह शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। आइए जानते हैं इस स्मारक के बारे में सबकुछ।

हवा महल की खासियत क्या है?
पांच मंजिला हवा महल का बाहरी हिस्सा बेहद खूबसूरत है, जिसे अभिलेखों के अनुसार लाल चंद उस्ताद ने भगवान कृष्ण के मुकुट के आकार में डिजाइन किया था। पर्यटक हवा महल के सबसे ऊपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए रैंप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस स्मारक की सबसे आकर्षक दिलचस्प बात यह है कि इसमें 953 छोटी-छोटी खिड़कियां हैं, जिन्हें बेहद बारीकी से तराशा गया है। इन छोटी खिड़कियों को 'झरोखा' भी कहा जाता है। जब इसे सालों पहले बनाया गया था, तो इसके पीछे कारण यह था कि यह गर्मियों के मौसम में कई राजपूत परिवारों के लिए आरामगाह के रूप में काम आता था। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया था कि इसमें हवा आती रहे, जिससे गर्मियों में यहां रहने वालों को राहत मिले।

हवा महल बनाने के पीछे क्या विचार है?
मौजूदा अभिलेखों की मानें तो इस संरचना के डिजाइन के पीछे मूल उद्देश्य यह था कि शाही दरबार की महिलाएं, जो बाहर नहीं जा सकती थीं, यहां से सड़कों पर नाटक देख सकें। महल की खिड़कियों को बहुत सावधानी से डिजाइन किया गया था ताकि महिलाएं खिड़की की जाली के पीछे से हर झलक का आनंद ले सकें। उस समय पर्दा के सख्त नियमों के अनुसार, महिलाओं को अपना चेहरा ढक कर रखना पड़ता था और वे सार्वजनिक रूप से अपना चेहरा नहीं दिखा सकती थीं।

हवा महल के अन्य आकर्षण क्या हैं?
इस इमारत के पीछे एक बड़ा और भव्य दरवाजा बनाया गया है, जिसके माध्यम से महल के अंदर से हवा महल में प्रवेश किया जा सकता है क्योंकि सामने से प्रवेश करने का कोई रास्ता नहीं है। हवा महल के सबसे ऊपरी हिस्से में जाकर आपको कई और खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलते हैं, जैसे जंतर मंतर, सिरे देवरी बाज़ार और सिटी पैलेस। इसके अलावा हवा महल के अंदर एक छोटा सा संग्रहालय भी है, जिसमें आपको कई ऐतिहासिक चीज़ें देखने को मिलेंगी। तो अगली बार जब भी आप गुलाबी शहर यानी जयपुर घूमने का प्लान करें, तो इस गुलाबी इमारत को देखने ज़रूर जाएँ।

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