झालाना लेपर्ड सफारी के दोनों जोन में क्या है अंतर? वीडियो में जानिए कौन-सा जोन देगा आपको यादगार वाइल्डलाइफ अनुभव

अगर आप समर वेकेशन में प्रकृति, वाइल्डलाइफ और रोमांच से भरपूर एक दिन बिताने की सोच रहे हैं, तो झालाना लेपर्ड सफारी आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित यह सफारी क्षेत्र, खासकर शहर के नजदीक स्थित होने और लेपर्ड साईटिंग के उच्चतम रिकॉर्ड के चलते देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है।लेकिन जब आप इस सफारी को बुक करते हैं, तो एक सवाल ज़रूर मन में आता है — झालाना लेपर्ड सफारी में कौन सा जोन बेस्ट है? इस लेख में हम जानेंगे कि झालाना के विभिन्न जोन में क्या खास है, कौन सा जोन बेस्ट माना जाता है, और कैसे आप अपने सफारी अनुभव को और बेहतर बना सकते हैं।
झालाना लेपर्ड सफारी: एक परिचय
जयपुर शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित झालाना लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व करीब 24 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ आपको तेंदुए (Leopard) के साथ-साथ नीलगाय, सियार, जंगल कैट, मोर, चीतल, हाइना और कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं।हालांकि ये संरक्षित क्षेत्र किसी राष्ट्रीय उद्यान जैसा बड़ा नहीं है, लेकिन इसका लोकेशन, घना जंगल और तेंदुए की नियमित साईटिंग इसे खास बनाते हैं।
कितने जोन हैं झालाना सफारी में?
वर्तमान में झालाना सफारी को मुख्यतः दो ज़ोन में बांटा गया है:
जोन 1 (Base Zone या Main Route)
जोन 2 (Kalighati Zone)
ये दोनों जोन जंगल के अलग-अलग हिस्सों को कवर करते हैं और हर जोन का अपना विशेष भू-भाग, घनत्व और वन्यजीव गतिविधियाँ होती हैं।
कौन सा जोन है सबसे बेस्ट?
जोन 1 (Main Zone) — सबसे पॉपुलर और बेस्ट साईटिंग रेट वाला
यह जोन झालाना सफारी का सबसे पुराना और सबसे प्रसिद्ध हिस्सा है।
इस रूट पर ज्यादा संख्या में तेंदुए देखे जाते हैं, क्योंकि यह उनके प्रमुख इलाकों से होकर गुजरता है।
सफारी के दौरान काली माता मंदिर, शिकारगाह जैसे ऐतिहासिक स्थल भी आते हैं, जो सफारी को एक ऐतिहासिक और धार्मिक अनुभव भी देते हैं।
लेपर्ड साईटिंग की संभावना यहां 70-80% तक मानी जाती है।
इस जोन को बुक करने की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि यहां ट्रेन्ड गाइड्स और अनुभवी ड्राइवर्स को तेंदुए के मूवमेंट की बेहतर जानकारी होती है।
जोन 2 (Kalighati Zone) — शांत लेकिन कम भीड़भाड़ वाला
यह जोन हाल ही में पर्यटकों के लिए खोला गया है और अपेक्षाकृत कम ट्रैफिक रहता है।
जो लोग ज्यादा शांति और प्रकृति से गहरा जुड़ाव चाहते हैं, उनके लिए यह ज़ोन बेहतर हो सकता है।
हालांकि यहां लेपर्ड साईटिंग की संभावना थोड़ी कम होती है, लेकिन बर्ड वॉचिंग, हाइना, और जंगल कैट जैसी अन्य वन्यजीव गतिविधियों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है।
यह जोन फोटोग्राफरों और बर्ड लवर्स के बीच खासा लोकप्रिय होता जा रहा है।
बेस्ट टाइम टू विज़िट
झालाना सफारी साल भर खुली रहती है, लेकिन अक्टूबर से मार्च का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है।
गर्मियों में (अप्रैल-जून) तेंदुए अक्सर जलस्रोतों के पास आते हैं, जिससे उनकी साईटिंग आसान हो जाती है।
सफारी टाइमिंग और बुकिंग
दो टाइम स्लॉट होते हैं:
सुबह: 6:15 AM – 9:15 AM
शाम: 3:45 PM – 6:45 PM
बुकिंग राजस्थान फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट या प्रमाणित एजेंट्स के माध्यम से की जा सकती है।
ध्यान दें: वीकेंड्स और छुट्टियों में बुकिंग जल्दी फुल हो जाती है, इसलिए एडवांस में रिजर्वेशन करना बेहतर होता है।
सफारी अनुभव को बेहतर बनाने के लिए टिप्स
कैमरा और बाइनोक्युलर साथ रखें – नज़दीक देखने और यादगार फोटोज़ के लिए।
शांत रहें और धैर्य रखें – वन्यजीव खुद सामने आएंगे, उन्हें बुलाया नहीं जा सकता।
ड्राइवर और गाइड की बात मानें – उनका अनुभव सफारी का मज़ा बढ़ा देता है।
सफेद या चमकदार कपड़े ना पहनें – जानवरों को डराने से साईटिंग कम हो सकती है।
साफ पानी और टोपी साथ रखें – गर्मियों में जरूरी।
निष्कर्ष: कौन सा जोन चुनें?
अगर आपका उद्देश्य तेंदुए की सटीक और ज्यादा संभावना वाली साईटिंग है, तो जोन 1 आपके लिए सबसे उपयुक्त है।वहीं अगर आप भीड़ से दूर शांति, बर्डिंग या फोटोग्राफी को महत्व देते हैं, तो जोन 2 (Kalighati) एक शानदार अनुभव दे सकता है।दोनों जोन अपने-अपने तरीके से खास हैं। सही चयन आपके सफारी के उद्देश्य और अनुभव पर निर्भर करता है।