गुलाबी शहर की शान अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम में क्या है खास, वायरल वीडियो में देखे वो 10 अनमोल धरोहरें जो पर्यटकों को खींच लाती है यहां

राजस्थान की राजधानी जयपुर को गुलाबी शहर कहा जाता है, और इसकी ऐतिहासिक विरासत को संजोए रखने का एक शानदार उदाहरण है अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम। यह सिर्फ एक संग्रहालय नहीं, बल्कि एक ऐसी जगह है जहाँ इतिहास, संस्कृति और कला का जीवंत संगम देखने को मिलता है। 19वीं सदी में बना यह म्यूज़ियम राजस्थान के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है, जिसे महाराजा राम सिंह द्वितीय ने बनवाया था और इसका नाम ब्रिटिश शासक प्रिंस अल्बर्ट के सम्मान में रखा गया था। यह इमारत इंडो-सारसेनिक शैली की बेहतरीन मिसाल है और जयपुर के राम निवास गार्डन में स्थित है।
क्या है खास अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम में?
अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम में देश-विदेश से जुड़ी हुई कलाकृतियाँ, चित्रकारी, हस्तशिल्प, प्राचीन मूर्तियाँ और पुरातात्विक धरोहरें संग्रहीत हैं। यहाँ आपको भारत के साथ-साथ मिस्र, ईरान, ग्रीस और चीन से लाई गई दुर्लभ वस्तुएँ भी देखने को मिलती हैं। इस म्यूज़ियम की दीवारों पर सुंदर भित्तिचित्र, गलियारों में राजस्थानी स्थापत्य का वैभव और अंदरूनी हॉल में एक से एक अनमोल धरोहरें इसे खास बनाती हैं।आइए जानें अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम की 10 अनमोल धरोहरें, जो इसे देखने वालों के लिए यादगार अनुभव बनाती हैं:
1. मिस्र की ममी
अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम की सबसे प्रसिद्ध धरोहरों में से एक है – मिस्र की असली ममी। यह 2300 साल पुरानी ममी "तेतु" नामक महिला की है, जिसे मिस्र से मंगाया गया था। यह भारत के चुनिंदा संग्रहालयों में से एक है जहाँ आप ममी को देख सकते हैं।
2. राजस्थानी चित्रकला संग्रह
यहाँ आपको पारंपरिक राजस्थानी पेंटिंग्स जैसे की किशनगढ़, बूंदी, मेवाड़ और मारवाड़ शैली की बेमिसाल कलाकृतियाँ देखने को मिलेंगी। हर चित्र में आपको राजस्थान के जीवन, प्रेम, त्योहारों और युद्ध की झलक मिलेगी।
3. हथियारों का दुर्लभ संग्रह
म्यूज़ियम में तलवारें, ढालें, खंजर, कटार, और बंदूकें जैसे पुराने हथियारों का विशाल संग्रह मौजूद है, जो भारत के शूरवीरों की बहादुरी की गवाही देता है।
4. हस्तशिल्प और धातु शिल्प
तांबा, पीतल, कांसे और चांदी से बनी मूर्तियाँ और बर्तन यहाँ की खास पहचान हैं। इन पर की गई जटिल नक्काशी देखने योग्य है।
5. प्राचीन सिक्के और मुद्रा संग्रह
भारत के विभिन्न कालखंडों – मौर्य, गुप्त, मुगल और ब्रिटिश काल के सिक्कों का संग्रह आपको एक ऐतिहासिक यात्रा पर ले जाता है।
6. मूर्तिकला की अद्भुत मिसाल
यहाँ 8वीं से 12वीं शताब्दी तक की भगवान विष्णु, शिव, देवी दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियाँ संरक्षित हैं, जिनमें से कई को राजस्थान के विभिन्न मंदिरों से लाया गया है।
7. फैब्रिक और पोशाक संग्रह
राजस्थानी लोक परंपरा को दर्शाने वाली पारंपरिक पोशाकें, जरी और कढ़ाईदार वस्त्र, बंदhej और लहरिया जैसे कपड़े यहाँ खास आकर्षण का केंद्र हैं।
8. विलुप्त पशुओं के कंकाल
यहाँ विभिन्न प्राचीन पशुओं के कंकालों का भी संग्रह है, जो जीवाश्म विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बेहद दिलचस्प है।
9. मीनाकारी और गहनों का संग्रह
यहाँ की मीनाकारी कला और पारंपरिक राजस्थानी गहनों का संग्रह भारत की ज्वेलरी निर्माण कला की उत्कृष्टता को दर्शाता है।
10. यूरोपीय और चाइनीज आर्ट गैलरी
यह म्यूज़ियम केवल भारतीय संस्कृति तक सीमित नहीं है। यहाँ यूरोप और चीन से लाए गए चीनी मिट्टी के बर्तन, पेंटिंग्स और सजावटी आइटम भी प्रदर्शित हैं।
क्यों जाएं अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम?
अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम न केवल इतिहास प्रेमियों के लिए, बल्कि छात्रों, कलाकारों और फोटोग्राफरों के लिए भी एक ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक जगह है। रात के समय जब यह इमारत रोशनी से नहाई होती है, तब इसका सौंदर्य और भी मंत्रमुग्ध कर देता है।यदि आप जयपुर आएं, तो अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। यहाँ की हर गैलरी आपको इतिहास के किसी पन्ने से जोड़ती है और भारत की सांस्कृतिक धरोहरों पर गर्व करने का अवसर देती है। यह म्यूज़ियम वास्तव में गुलाबी शहर की शान है – एक ऐसी विरासत जो इतिहास को वर्तमान से जोड़ती है।