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वीडियो में देखिये थार मरुस्थल के 10 हैरान कर देने वाले फैक्ट्स, जानकर आप भी हो जाएंगे यहां घूमने के लिए मजबूर 

वीडियो में देखिये थार मरुस्थल के 10 हैरान कर देने वाले फैक्ट्स, जानकर आप भी हो जाएंगे यहां घूमने के लिए मजबूर 

भारत के पश्चिमी हिस्से में फैला थार मरुस्थल न केवल भौगोलिक दृष्टि से अद्वितीय है, बल्कि यह सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पारिस्थितिक विविधता के लिए भी जाना जाता है। इसे "द ग्रेट इंडियन डेजर्ट" (The Great Indian Desert) भी कहा जाता है, जो मुख्यतः राजस्थान में स्थित है, हालांकि इसके कुछ हिस्से हरियाणा, पंजाब, गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रांत तक भी फैले हुए हैं। आइए जानते हैं थार मरुस्थल से जुड़े कुछ रोचक और जानकारीपूर्ण तथ्य, जो इसे भारत के सबसे रहस्यमय और आकर्षक भौगोलिक स्थलों में से एक बनाते हैं।


1. भारत का सबसे बड़ा मरुस्थल

थार मरुस्थल भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का 18वां सबसे बड़ा रेगिस्तान है। इसका क्षेत्रफल लगभग 2 लाख वर्ग किलोमीटर है। इसमें राजस्थान का लगभग 60% क्षेत्र शामिल है और यह भारत-पाकिस्तान सीमा तक फैला हुआ है।

2. हर साल बदलती हैं रेत की पहाड़ियां
थार मरुस्थल की रेत बेहद हल्की होती है, इसलिए हवा की गति और दिशा के अनुसार यह अपने स्थान बदलती रहती है। इससे रेत के टीलों (Dunes) की आकृति और ऊंचाई में निरंतर परिवर्तन होता रहता है, जिससे यह क्षेत्र एक प्राकृतिक प्रयोगशाला जैसा प्रतीत होता है।

3. रेगिस्तान में भी होता है जीवन
हालांकि थार एक शुष्क क्षेत्र है, फिर भी यहां जीवन की विविधता देखने को मिलती है। काले हिरण, रेगिस्तानी लोमड़ी, चिंकारा, नीलगाय और विभिन्न सरीसृप प्रजातियां यहाँ निवास करती हैं। इसके अलावा, यहां पाए जाने वाले पक्षियों में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड एक विलुप्तप्राय प्रजाति है, जो थार के संरक्षण को और महत्वपूर्ण बनाती है।

4. रेगिस्तान में भी होती है खेती
थार में सिंचाई की मदद से खेती संभव हो पाई है। इंदिरा गांधी नहर (Indira Gandhi Canal) की सहायता से बीकानेर, जैसलमेर और श्रीगंगानगर जैसे शुष्क क्षेत्रों में भी फसलें उगाई जा रही हैं। गेहूं, सरसों, बाजरा, जौ और ग्वार जैसी फसलें यहां की मुख्य खेती हैं।

5. सांस्कृतिक समृद्धि का केंद्र
थार मरुस्थल केवल रेत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का केंद्र भी है। यहाँ की लोककथाएं, संगीत, नृत्य, वस्त्र, हस्तशिल्प और स्थापत्य कला दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। जैसलमेर, बीकानेर और जोधपुर जैसे शहर अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं।

6. मौसम का चरम रूप
थार मरुस्थल का मौसम अत्यंत चरम होता है। गर्मियों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जबकि सर्दियों में तापमान 0 डिग्री तक गिर जाता है। बारिश बहुत कम होती है – औसतन केवल 100 से 500 मिमी प्रति वर्ष।

7. रेगिस्तान में भी हैं जलस्रोत
हालांकि यह क्षेत्र शुष्क है, लेकिन कुछ जगहों पर झीलें और जलाशय भी हैं जैसे – सम (Sam) और खाबा (Khabha) के पास के प्राकृतिक जलस्रोत। इसके अलावा कई ओस (Oasis) भी देखने को मिलते हैं, जो रेगिस्तानी जीवन को सहारा देते हैं।

8. थार का सामरिक महत्व
भारत-पाकिस्तान सीमा के पास होने के कारण थार मरुस्थल का सामरिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्व है। इस क्षेत्र में भारतीय सेना की कई चौकियां और सैन्य अभ्यास क्षेत्र स्थित हैं। यह देश की सुरक्षा रणनीति का एक अहम हिस्सा है।

9. पर्यटन की दृष्टि से लोकप्रिय
थार मरुस्थल पर्यटन के दृष्टिकोण से भी बेहद लोकप्रिय है। खासकर जैसलमेर में होने वाले "डेजर्ट फेस्टिवल" में ऊँट की सवारी, लोकनृत्य, कठपुतली शो और पारंपरिक व्यंजन पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। सैंड ड्यून्स पर कैंपिंग और जीप सफारी का अनुभव यहाँ के पर्यटन को रोमांचक बनाता है।

10. बदलते जलवायु पर असर
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव थार पर भी देखा जा रहा है। बढ़ते तापमान और अनियमित वर्षा ने पारंपरिक कृषि और जनजीवन को प्रभावित किया है। इसके चलते यहाँ जल संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के लिए विभिन्न परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।

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