क्या सच में टाइगर टूरिज्म की ब्रांड एंबेसडर थी रणथंभौर की मछली? वीडियो में देखें और जानें कैसे?

भारत के सबसे प्रमुख बाघ अभयारण्यों में से एक रणथंभौर टाइगर रिजर्व राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित है। यह न केवल बाघों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका ऐतिहासिक किला, घने जंगल, विविध जैव विविधता और रोचक सफारी अनुभव इसे प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर के शौकीनों के लिए आदर्श बनाते हैं। आइए जानते हैं रणथंभौर टाइगर रिजर्व का इतिहास, जोन, टाइगर्स की जानकारी, सफारी शुल्क और ट्रिप बजट के बारे में विस्तार से।
1. इतिहास
रणथंभौर टाइगर रिजर्व का इतिहास कई शताब्दियों पुराना है। यह क्षेत्र कभी जयपुर रियासत का शिकारगाह हुआ करता था। 1955 में इसे सवाई माधोपुर गेम सैंक्चुरी घोषित किया गया और 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत इसे शामिल किया गया। इसके बाद 1980 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला और 1991 में इसे रणथंभौर टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। इसका नाम 10वीं सदी में बने रणथंभौर किले के नाम पर पड़ा, जो रिजर्व के अंदर स्थित है और यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल है।
2. जोन (Zones) की जानकारी
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में सफारी के लिए कुल 10 जोन निर्धारित हैं:
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Zone 1 to 5: कोर एरिया (Tiger sightings के लिए Best)
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Zone 6 to 10: बफर एरिया (कम भीड़ और शांति पसंद यात्रियों के लिए आदर्श)
हर जोन में प्राकृतिक सौंदर्य, जल स्रोत, घास के मैदान और पहाड़ियां हैं, जो बाघों और अन्य जानवरों की आवाजाही को आकर्षक बनाते हैं। जोन 2, 3 और 4 को टाइगर साइटिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
3. रणथंभौर के बाघ (Tigers)
रणथंभौर टाइगर रिजर्व की सबसे बड़ी पहचान हैं इसके बाघ। यहाँ की सबसे प्रसिद्ध बाघिन रही मछली (T-16) जिसे "क्वीन ऑफ रणथंभौर" कहा जाता है। मछली ने रणथंभौर को बाघों के संरक्षण का प्रतीक बना दिया।
वर्तमान में यहां लगभग 80 से अधिक बाघ हैं। प्रमुख बाघों में T-19 (Krishna), T-86 (Arrowhead), T-57, T-120, और T-101 शामिल हैं। हर बाघ का एक नाम और कोड होता है जिससे वन विभाग उनकी पहचान करता है और ट्रैक करता है।
4. सफारी टाइमिंग और फीस
रणथंभौर में दो प्रकार की सफारी होती है – जीप सफारी (6-सीटर) और कैंटर सफारी (20-सीटर)। सफारी दिन में दो बार होती है: सुबह और शाम।
सफारी टाइमिंग:
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अप्रैल से जून:
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सुबह: 6:00 AM – 9:30 AM
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शाम: 3:30 PM – 7:00 PM
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अक्टूबर से मार्च:
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सुबह: 6:30 AM – 10:00 AM
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शाम: 2:30 PM – 6:00 PM
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सफारी फीस (भारतीय नागरिकों के लिए):
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जीप सफारी: ₹1500 – ₹2500 प्रति व्यक्ति
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कैंटर सफारी: ₹1000 – ₹1500 प्रति व्यक्ति
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(विदेशी नागरिकों के लिए शुल्क अलग और अधिक होता है)
ऑनलाइन बुकिंग https://www.rajasthanwildlife.in या आधिकारिक वन विभाग की साइट से की जा सकती है।
5. ट्रिप बजट और योजना
रणथंभौर की यात्रा का बजट इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां से यात्रा कर रहे हैं, कितने दिन रुकते हैं और आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं। एक औसत 2-दिन की यात्रा के लिए अनुमानित खर्च:
2-दिन रणथंभौर ट्रिप बजट (प्रति व्यक्ति):
खर्च का प्रकार | अनुमानित राशि |
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सफर (ट्रेन/बस) | ₹500 – ₹1000 |
होटल (1 रात) | ₹1000 – ₹3000 |
सफारी (2 टाइम्स) | ₹2000 – ₹5000 |
भोजन आदि | ₹500 – ₹1000 |
कुल बजट | ₹4000 – ₹10000 |
अगर आप फैमिली ट्रिप या ग्रुप टूर की योजना बनाते हैं तो कुल खर्च प्रति व्यक्ति थोड़ा और कम हो सकता है।
6. घूमने के अन्य स्थान
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रणथंभौर किला – टाइगर रिजर्व के अंदर स्थित ऐतिहासिक किला
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पद्मा तालाब – बाघों की लोकप्रिय जगह, यहाँ 'मछली' अक्सर देखी जाती थी
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सुरवल झील, राजीव गांधी म्यूज़ियम, कालीबाड़ी मंदिर
निष्कर्ष
रणथंभौर टाइगर रिजर्व सिर्फ एक टाइगर स्पॉटिंग डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि इतिहास, प्रकृति और रोमांच का अनोखा संगम है। यहां की यात्रा न केवल आपको बाघों के करीब लाती है, बल्कि प्रकृति के सौंदर्य से भी अवगत कराती है। यदि आप वाइल्डलाइफ के शौकीन हैं या कुछ रोमांचक और सुकूनभरी छुट्टियों की तलाश में हैं, तो रणथंभौर निश्चित ही आपकी बकेट लिस्ट में होना चाहिए।