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राजस्थान के वो डरावने किले, जिनका नाम सुनते ही कांप उठते हैं लोग, एक टक देख भी नहीं पाता इंसान

नाहरगढ़ किला राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह किला अरावली पर्वतमाला पर स्थित है और इसे 1734 में जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने बनवाया था। इस किले का निर्माण मुख्य रूप से जयपुर शहर की सुरक्षा के लिए किया गया था।

नाहरगढ़ नाम का अर्थ और कहानी

नाहरगढ़ नाम का अर्थ है "बाघों का निवास"। ऐसा कहा जाता है कि जब इस किले का निर्माण हो रहा था, तब इसे बनाने में कई बाधाएँ आ रही थीं। तब एक स्थानीय राजपूत राजकुमार, नाहर सिंह भोमिया की आत्मा को शांत करने के लिए इस किले का नाम नाहरगढ़ रखा गया।

इतिहास और महत्व

  • सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टि: नाहरगढ़ किला जयगढ़ और आमेर किले के साथ मिलकर जयपुर शहर की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
  • राजाओं का विश्राम स्थल: इस किले का उपयोग जयपुर के राजाओं द्वारा गर्मी के मौसम में एक विश्राम स्थल के रूप में भी किया जाता था।
  • अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध: 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस किले का उपयोग विद्रोही सैनिकों के लिए एक शरणस्थली के रूप में किया गया था।

किले की वास्तुकला

नाहरगढ़ किला राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली का बेहतरीन उदाहरण है। इसमें कई भव्य महल, कक्ष और बगीचे बने हुए हैं। प्रमुख आकर्षण हैं:

  • माधवेंद्र भवन: यह महल जयपुर के महाराजा सवाई माधो सिंह ने बनवाया था। इसमें नौ सुंदर कक्ष हैं, जो रानी महलों के रूप में बनाए गए थे।
  • दीवारों पर सुंदर चित्रकारी और नक्काशी: किले के अंदर की दीवारों पर सुंदर चित्रकारी और जटिल नक्काशी देखी जा सकती है।
  • जयपुर का मनोरम दृश्य: इस किले से पूरे जयपुर शहर का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है, जो इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाता है।

आज का नाहरगढ़ किला

आज नाहरगढ़ किला जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ एक संग्रहालय, रेस्तरां और कई फोटोग्राफी स्पॉट हैं, जो इसे जयपुर आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं।

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