स्वर्ग से कम नहीं है ये जगह! बांसवाड़ा में झीलों आइलैंड्स और हरियाली का अनोखा संगमवीडियो में खर्च जान अभी निकल पड़ेंगे घूमने

जब भी राजस्थान की बात होती है, तो जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और जैसलमेर जैसे प्रसिद्ध शहरों के नाम जेहन में आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान का एक ऐसा कोना भी है जो प्राकृतिक सौंदर्य, आदिवासी संस्कृति और शांति से भरपूर है – और वो भी बेहद कम खर्च में? हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सबसे सस्ते और सुंदर शहर – बांसवाड़ा की, जिसे '100 द्वीपों का शहर' भी कहा जाता है।बांसवाड़ा सिर्फ एक ऐतिहासिक नगर नहीं, बल्कि यह अब एक तेजी से उभरता हुआ पर्यटन स्थल भी बन चुका है, जहाँ पर्यटक कम बजट में शुद्ध प्रकृति, इतिहास और संस्कृति का आनंद ले सकते हैं। आइए जानते हैं इस अनछुए स्वर्ग के बारे में विस्तार से।
क्यों खास है बांसवाड़ा?
बांसवाड़ा राजस्थान के दक्षिणी भाग में, मध्य प्रदेश की सीमा से सटा हुआ एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत जिला है। यह शहर 'बांस' के पेड़ों की अधिकता के कारण बांसवाड़ा कहलाया। यहां की आबादी का बड़ा हिस्सा आदिवासी समुदाय से आता है, विशेषकर भील जनजाति, जो आज भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी हुई है।यह इलाका अपनी हरियाली, झीलों और आइलैंड्स के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि बांसवाड़ा को "छोटा कश्मीर" और "100 द्वीपों का नगर" भी कहा जाता है।
सबसे सस्ता शहर – लेकिन सुविधाओं से भरपूर
यदि आप एक बजट ट्रैवलर हैं, तो बांसवाड़ा आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यहां होटल, लोकल ट्रांसपोर्ट, खाना-पीना और अन्य खर्च दूसरे टूरिस्ट स्पॉट्स की तुलना में काफी सस्ते हैं। 500-700 रुपये प्रतिदिन में आप यहां शानदार स्टे, स्वादिष्ट भोजन और लोकल भ्रमण का आनंद ले सकते हैं।यहां की लोकल मार्केट भी बेहद सस्ती और रंगीन है, जहाँ हस्तशिल्प, बांस के उत्पाद और आदिवासी कला के नमूने देखने को मिलते हैं।
धरती पर नजर आता है स्वर्ग – टॉप टूरिस्ट स्पॉट्स
1. माही नदी और 100 आइलैंड्स
माही नदी इस जिले की जीवनरेखा है। इसके जल से बने छोटे-बड़े 100 से अधिक द्वीप बांसवाड़ा को अनोखा बनाते हैं। बोटिंग करते हुए आप इन आइलैंड्स पर प्राकृतिक सुंदरता का भरपूर आनंद ले सकते हैं।
2. माही डैम (कागदी पिकनिक स्पॉट)
बांसवाड़ा से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित माही डैम न सिर्फ जल आपूर्ति का साधन है, बल्कि एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट भी है। यहाँ सूर्यास्त का दृश्य बेहद मनमोहक होता है।
3. राजमंदिर महल
यह ऐतिहासिक किला बांसवाड़ा के राजाओं की भव्यता का प्रतीक है। ऊँचाई से पूरे शहर का दृश्य बेहद आकर्षक लगता है।
4. त्रिपुरा सुंदरी मंदिर
यह मंदिर शक्ति उपासकों के लिए विशेष महत्व रखता है। नवरात्रि में यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं। मंदिर का वास्तु और वातावरण शांति से भरपूर है।
5. बांदा दरगाह और आनंद सागर
हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक यह स्थान आध्यात्मिक शांति देने वाला स्थल है। आनंद सागर झील के किनारे टहलना अपने आप में एक सुकूनभरा अनुभव है।
6. पाराहेड़ा शिव मंदिर
यह एक अत्यंत प्राचीन मंदिर है, जो शिवभक्तों के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थल है। मंदिर का परिसर प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है।
कैसे पहुंचें बांसवाड़ा?
बांसवाड़ा फिलहाल सीधे रेलवे से नहीं जुड़ा है, लेकिन निकटतम रेलवे स्टेशन रतलाम (मध्य प्रदेश) से 80 किमी दूर है। वहां से बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।
उदयपुर एयरपोर्ट से बांसवाड़ा की दूरी लगभग 160 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से यह शहर आसानी से पहुँचा जा सकता है और सड़कें अच्छी स्थिति में हैं।
कहां ठहरें?
बांसवाड़ा में कई बजट होटल, धर्मशालाएं और सरकारी पर्यटन विश्राम गृह हैं। ₹400-₹1000 प्रतिदिन के बजट में साफ-सुथरी और सुरक्षित जगह मिल जाती है। कुछ होमस्टे ऑप्शन भी उभर रहे हैं, जहाँ पर्यटक स्थानीय संस्कृति का अनुभव ले सकते हैं।
कब जाएं?
बांसवाड़ा घूमने के लिए सितंबर से मार्च तक का समय सबसे उपयुक्त होता है। मानसून के बाद यहाँ की हरियाली अपने चरम पर होती है और माही नदी पूरे वेग से बहती है।नवरात्रि और होली के समय यहां आदिवासी उत्सव देखने लायक होते हैं – लोकनृत्य, गीत और रंगों से सजा पूरा शहर, पर्यटकों को पूरी तरह मंत्रमुग्ध कर देता है।