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राधा-कृष्ण की अमर प्रेम कहानी का जीवंत उदाहरण है राजस्थान का ये खूबसूरत बाग, वीडियो में खूबसूरती देख रह जायेंगे हैरान 

राधा-कृष्ण की अमर प्रेम कहानी का जीवंत उदाहरण है राजस्थान का ये खूबसूरत बाग, वीडियो में खूबसूरती देख रह जायेंगे हैरान 

इसमें कोई शक नहीं कि राजस्थान की राजधानी जयपुर बेहद खूबसूरत शहर है और इस शहर में आने वाले लोगों को खूबसूरती का एहसास कराने वाली चीज है इस गुलाबी शहर में स्थित राजा-महाराजाओं के ऐतिहासिक किले, उनके महल, खूबसूरत बगीचे और अद्भुत मंदिर। यही एक वजह भी है कि इन्हीं खूबियों की वजह से गुलाबी शहर देशी-विदेशी पर्यटकों को खूब पसंद आता है। एक तरफ हवा महल के अंदर कदम रखते ही लोगों को राजपूताना और इस्लामिक मुगल वास्तुकला का संगम देखने को मिलता है, वहीं दूसरी तरफ शहर से छह किलोमीटर दूर स्थित सिसोदिया रानी का बाग अपनी भव्यता से चार चांद लगाता है। इस बाग की खूबसूरती ऐसी है कि आप भी इसे देखकर इसके कायल हो जाएंगे।


1728 में बना था यह बाग
उदयपुर की महारानी चंद्रकुंवर सिसोदिया के नाम पर बने इस बाग का निर्माण सवाई जयसिंह ने 1728 में करवाया था। यह बाग प्रेम की अनूठी मिसाल पेश करता है। दरअसल जयपुर की महारानी चंद्रकुंवर सिसोदिया को प्रकृति से खासा प्रेम था। वह अक्सर अपने खाली समय में प्रकृति की गोद में आराम किया करती थीं। रानी के प्रकृति के प्रति विशेष प्रेम को देखते हुए राजा सवाई जयसिंह ने इस उद्यान का निर्माण करवाया था, जिसका नाम 'सिसोदिया रानी का बाग' रखा गया। आपको बता दें कि यह उद्यान न केवल राजा-रानी के प्रेम का प्रतीक है, बल्कि राधा-कृष्ण के प्रेम का भी प्रतीक है।

वास्तुकला बेहद आकर्षक है
सिसोदिया रानी का बाग जयपुर के सभी उद्यानों में सबसे बड़ा और खूबसूरत है। पहाड़ों के घेरे के बीच बना यह उद्यान अपनी खूबसूरती और संरचना के कारण पर्यटकों के घूमने का मुख्य स्थान बन गया है। हरे-भरे पेड़, फूलों की क्यारियाँ और खूबसूरत चारबाग शैली इस उद्यान की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है। हो भी क्यों न, सिसोदिया रानी के उद्यान के शिखर और मंडप को हिंदू रूपांकनों और कृष्ण के जीवन के चित्रों से सजाया गया है। मुगल वास्तुकला पर बने इस उद्यान को भी इस तरह से बनाया गया है कि रानी के महल से पूरा उद्यान दिखाई देता है।

भगवान शिव मंदिर
सिसोदिया रानी का बाग में भगवान शिव, भगवान हनुमान और भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर भी बनाए गए हैं। मंदिर के बगल में एक प्राकृतिक झरना भी है, जो बरसात के मौसम में बहता है। सिसोदिया रानी का बाग में लम्हे-धड़क समेत कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। आपको बता दें कि इसी महल में राजकुमार माधो सिंह का जन्म हुआ था, जो बाद में 1750 ई. में जयपुर के राजा बने थे।

भारतीयों के लिए क्या है फीस
सिसोदिया रानी का बाग में भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क 55 रुपये प्रति व्यक्ति है, जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए 302 रुपये प्रति व्यक्ति है। पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए इसकी कीमत सिर्फ 25 रुपये है। इतना ही नहीं, 7 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निशुल्क है।

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