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 वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल है भारत की ये जगहें, क्या आपने देखी हैं?

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ट्रैवल न्यूज डेस्क!!! दुनिया भर में कई ऐतिहासिक विरासत स्थल हैं, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। ये धरोहरें सिर्फ पुरानी संस्कृति का बोध कराती हैं, बल्कि खुद से जुड़ी कहानियां और किस्से भी सुनाती हैं। दुनिया भर में इन विरासत स्थलों को संरक्षित करने के लिए हर साल 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। इस खास मौके पर आज हम बात करेंगे भारत के कुछ ऐसे विरासत स्थलों के बारे में जहां आपको कम से कम एक बार जरूर जाना चाहिए।

ताजमहल, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल को प्यार की निशानी कहा जाता है। सफेद संगमरमर की यह इमारत देखने में बेहद खूबसूरत है। इस मकबरे का निर्माण 1632 में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ की मृत्यु के बाद करवाया था। 1983 में यूनेस्को ने ताजमहल को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया।

कोणार्क सूर्य मंदिर, उड़ीसा

भारत का ओडिशा राज्य अपने जगन्नाथ मंदिर के लिए जाना जाता था। लेकिन यहां मौजूद कोणार्क सूर्य मंदिर अपनी खूबसूरती के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी मशहूर है। भगवान सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर राज्य का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे 1984 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था।

अजंता-एलोरा गुफाएं, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित अजंता-एलोरा की गुफाएं भी भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक हैं। इसे देखने के लिए हर साल भारी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। इसमें घोड़े की नाल के आकार के पहाड़ पर बनी 26 गुफाएं हैं। इन गुफाओं को यूनेस्को ने 1983 में विश्व विरासत स्थलों में शामिल किया था।

महाबलीपुरम मंदिर, तमिलनाडु

तमिलनाडु के महाबलीपुरम शहर का महाबलीपुरम मंदिर भी विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। इस मंदिर में आपको पल्लव काल की कलाकृतियां देखने को मिलेंगी। यही वजह है कि यहां दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। यूनेस्को ने इस मंदिर को 1984 में विश्व विरासत में शामिल किया था।

खाराहो मंदिर, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश का खजुराहो मंदिर अपनी अनूठी कलाकृतियों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। जैन और हिंदू मंदिरों के संग्रह के साथ-साथ आपको यहां कामुक मूर्तियां और कलाकृतियां मिलेंगी। 20 किमी के क्षेत्र में फैले इस मंदिर में कुल 85 मंदिर हैं। इस मंदिर को 1986 में विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था।

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