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राजस्थान का छुपा खजाना! क्यों जवाई डैम को कहा जाता है भारत का 'लेपर्ड हिल स्टेशन', वीडियो में देखे और खुद करे फैसला 

राजस्थान का छुपा खजाना! क्यों जवाई डैम को कहा जाता है भारत का 'लेपर्ड हिल स्टेशन', वीडियो में देखे और खुद करे फैसला 

राजस्थान को अक्सर रेगिस्तान, महलों और किलों की धरती के रूप में जाना जाता है, लेकिन इस राज्य में एक ऐसी जगह भी है जो रोमांच, प्रकृति और वन्यजीव प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है — जवाई डैम (Jawai Dam)। पाली जिले के एक शांत हिस्से में बसा यह क्षेत्र अपने अनोखे प्राकृतिक सौंदर्य और खासकर जंगली तेंदुओं की मौजूदगी के कारण अब भारत के 'लेपर्ड हिल स्टेशन' के रूप में प्रसिद्ध हो रहा है। जहां एक ओर रणथंभौर और सरिस्का जैसे टाइगर रिजर्व देशभर में लोकप्रिय हैं, वहीं जवाई अब अपनी लेपर्ड सफारी के कारण वैश्विक स्तर पर ध्यान खींच रहा है।


तेंदुओं का घर, इंसानों के करीब
जवाई डैम का क्षेत्र तेंदुओं के व्यवहार और उनके शांत सह-अस्तित्व के लिए जाना जाता है। यहां के तेंदुए खुले पहाड़ी इलाकों और ग्रेनाइट की विशाल चट्टानों के बीच रहते हैं, और आश्चर्य की बात यह है कि ये जंगली जानवर इंसानी बस्तियों के बेहद पास रहते हुए भी आमतौर पर किसी नुकसान का कारण नहीं बनते। यहां इंसान और तेंदुए के बीच एक अनोखा मौन समझौता नजर आता है, जो दुनिया में कहीं और इतनी सहजता से देखने को नहीं मिलता।स्थानीय लोग तेंदुओं की मौजूदगी को न सिर्फ स्वीकार करते हैं, बल्कि इन्हें भाग्यशाली मानते हैं। यही कारण है कि यहां कभी-कभार खेतों में तेंदुआ दिख जाए तो भी डर का माहौल नहीं बनता। इस शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व ने जवाई को वन्यजीव वैज्ञानिकों और फोटोग्राफरों के लिए एक आदर्श अध्ययन स्थल बना दिया है।

Jawai Dam: प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर
जवाई डैम की स्थापना ब्रिटिश काल में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र की जल आपूर्ति को नियंत्रित करना था। लेकिन समय के साथ यह स्थान केवल जलाशय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह एडवेंचर और इको-टूरिज्म का केंद्र बन चुका है। डैम के आसपास की पहाड़ियाँ, हरे-भरे जंगल और पक्षियों की चहचहाहट, इस स्थान को शांतिपूर्ण और आत्मिक सुकून देने वाला बनाते हैं।यहां प्रवासी पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियां भी देखी जाती हैं, जिसमें फ्लेमिंगो, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब, और पेलिकन प्रमुख हैं। इन पक्षियों की उपस्थिति इसे बर्ड वॉचर्स के लिए भी स्वर्ग बना देती है।

लक्ज़री सफारी और होमस्टे अनुभव
जवाई डैम का सबसे खास आकर्षण है यहां की लेपर्ड सफारी, जिसे खुली जीपों में स्थानीय गाइड्स की मदद से कराया जाता है। ये गाइड न केवल क्षेत्र के भूगोल से भलीभांति परिचित होते हैं, बल्कि तेंदुओं की दिनचर्या और मूवमेंट की गहरी समझ रखते हैं। सफारी के दौरान पर्यटकों को तेंदुए के अलावा हाइना, लोमड़ी, भेड़िया, मगरमच्छ और सैकड़ों पक्षी प्रजातियां देखने को मिल सकती हैं।यहां अब कई लक्ज़री टेंटेड कैंप्स और बुटीक होमस्टे भी विकसित हो चुके हैं, जो एक ओर पर्यटकों को रोमांचक जंगल अनुभव देते हैं, वहीं दूसरी ओर आधुनिक सुविधाएं भी मुहैया कराते हैं। इन ठहरने की जगहों से आसपास के पहाड़ों, झीलों और सुबह-सुबह होने वाली तेंदुओं की गतिविधियों को नज़दीक से देखा जा सकता है।

Jawai Dam को लेकर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय पहचान
पिछले कुछ वर्षों में जवाई डैम ने भारत ही नहीं, विदेशों में भी अपनी खास पहचान बनाई है। विश्वप्रसिद्ध नेशनल जियोग्राफिक, BBC और डिस्कवरी चैनल जैसी संस्थाएं भी यहां तेंदुओं पर डॉक्यूमेंट्री बना चुकी हैं। इसके अलावा हॉलीवुड और बॉलीवुड के कई फोटोग्राफर, फिल्म निर्माता और एडवेंचर ब्लॉगर भी यहां आ चुके हैं।राजस्थान सरकार भी अब इस क्षेत्र को इको-टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है, ताकि यहां की जैव विविधता को संरक्षित रखते हुए स्थानीय लोगों को रोजगार और विकास का अवसर भी मिल सके।

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