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भारत में ही नहीं इन देशों में भी मौजूद हैं भगवान शिव के मंदिर

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ट्रेवल न्यूज़ डेस्क, सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. इस दौरान हर घर में भगवान शिव की पूजा और आराधना की जाती है, क्योंकि कहा जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस माह में कांवरिए कांवर यात्रा पर निकलते हैं और शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है। इस दौरान शिव मंदिरों में काफी भीड़ रहती है. शिव मंदिरों की बात करें तो शिव मंदिर न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी भक्तों की आस्था का केंद्र बन गए हैं। विदेशों में कई ऐसे प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर हैं जहां दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए आज जानते हैं कि किन देशों में बड़े शिव मंदिर हैं, जहां साल भर भक्त भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

 इंडोनेशिया (इंडोनेशिया का प्रम्बानन मंदिर)
इंडोनेशिया में सिर्फ भगवान राम की ही नहीं बल्कि भगवान शिव की भी पूजा की जाती है। यहां बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं और यहां का प्रम्बानन मंदिर विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है। जावा में स्थित यह मंदिर बहुत विशाल है और इसकी बहुत मान्यता है। अब यह मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी जाना जाता है। इस मंदिर की खासियत इसका सबसे बड़ा गलियारा है, जिसमें करीब 240 छोटे-बड़े मंदिर बने हैं।
 
श्रीलंका का मुन्नेश्वरम मंदिर (Munneswaram Tempil of sri lanka)
   भारत और श्रीलंका के संबंधों का उल्लेख पुराणों में भी किया गया है। श्रीलंका के मुन्नेश्वरम मंदिर के प्रति भक्तों की बहुत आस्था है। कहा जाता है कि यह मंदिर श्रीलंका के तट पर बना है और इसका निर्माण रामायण काल में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध करने से पहले यहां भगवान शिव की पूजा की थी।
 
नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर
नेपाल एक हिंदू राष्ट्र होने के साथ-साथ अपने कई मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। यहां का पशुपतिनाथ मंदिर पूरी दुनिया में मशहूर है। राजधानी काठमांडू में बने विशाल पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास पांडव काल से जुड़ा है। यहां भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा है और पास में ही एक सुंदर मंदिर परिसर भी है। भगवान शिव की इस मूर्ति के दर्शन के लिए हर दिन हजारों पर्यटक और भक्त यहां आते हैं।
 
पाकिस्तान का कटास राज मंदिर
अब मंदिरों की बात हो और पाकिस्तान का नाम न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता. वैसे तो पाकिस्तान में बहुत कम मंदिर बचे हैं, लेकिन भगवान शिव को समर्पित कटासराज मंदिर की बात ही कुछ और है। 900 साल पुराने इस मंदिर का संबंध पांडव काल से बताया जाता है। मान्यता है कि यही वह स्थान है जहां भगवान शिव का अपमान करने पर माता सती ने यज्ञ में कूदकर खुद को भस्म कर लिया था। यहां भगवान शिव के आंसू गिरे थे और उस स्थान पर एक अमृत झील भी बन गई थी। हर साल सावन के महीने में यहां हिंदू समुदाय के लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।

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