कुंभलगढ़ से कुछ ही दूरी पर बसा है राजस्थान का स्वर्ग, वायरल फुटेज मे प्राकृतिक नज़ारे देख आप भी बना लेंगे घूमने का मन
गोरम घाट, राजस्थान के राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ से लगभग 50-60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह घाट क्षेत्र फ़ालना और केलवा रेलवे स्टेशन के बीच पड़ता है और मुख्य रूप से जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसा एक सुरम्य स्थान है। यहां पहुंचने के लिए यात्री आमतौर पर फ़ालना स्टेशन से छोटी लाइन की ट्रेन पकड़ते हैं, जिसे स्थानीय लोग "हेरिटेज ट्रेन" के नाम से भी जानते हैं।
क्यों खास है गोरम घाट?
गोरम घाट को 'राजस्थान का छोटा कश्मीर' कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह जगह मानसून के मौसम में हरियाली की चादर ओढ़ लेती है और चारों ओर से झरने, घाटियां और घने जंगलों से घिरी रहती है। यहां का ट्रैकिंग ट्रेल बेहद रोमांचक और दिलचस्प होता है, जो न केवल युवाओं को बल्कि फैमिली ट्रैवलर्स को भी खूब पसंद आता है।इस क्षेत्र की सबसे खास बात है यहां चलने वाली ब्रिटिश काल की मीटर गेज ट्रेन। यह ट्रेन जैसे ही गोरम घाट की ओर बढ़ती है, तो रास्ते भर में 172 पुल और 382 मोड़ पार करती है। हर मोड़ पर प्राकृतिक नज़ारे ऐसे बदलते हैं जैसे किसी फिल्म की लोकेशन हो। घने जंगल, चट्टानें, और घाटियों के बीच से गुजरती यह ट्रेन यात्रा को और भी रोमांचक बना देती है।
ट्रैकिंग और नेचर लवर्स के लिए स्वर्ग
गोरम घाट ट्रैकिंग के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां का लगभग 5-6 किलोमीटर लंबा ट्रैक आपको झरनों, छोटी-छोटी पहाड़ियों और जंगली फूलों के बीच से गुजरते हुए एक अनोखी दुनिया में ले जाता है। यात्रा के दौरान जगह-जगह पर सुंदर व्यू पॉइंट्स मिलते हैं जहां से आप घाटियों की गहराई और हरे-भरे जंगलों का नज़ारा ले सकते हैं।यह जगह फोटोग्राफरों के लिए भी बेहद खास है। चाहे वो वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी हो या लैंडस्केप शॉट्स, हर दृश्य किसी पोस्टकार्ड जैसा लगता है। बरसात के दिनों में यहां कई छोटे-बड़े झरने सक्रिय हो जाते हैं, जिनकी आवाज और दृश्य दोनों ही मन मोह लेते हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव
गोरम घाट के पास स्थित 'गढ़बोर का बालाजी मंदिर' भी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यहां आने वाले पर्यटक घाट की सुंदरता के साथ-साथ आध्यात्मिक शांति का अनुभव भी करते हैं। मंदिर के आस-पास कई छोटी-बड़ी गुफाएं और पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं, जो इस क्षेत्र को और भी विशेष बनाती हैं।
कैसे पहुंचे?
गोरम घाट पहुंचने के लिए सबसे अच्छा माध्यम है ट्रेन। फ़ालना रेलवे स्टेशन से सुबह-सुबह चलने वाली हेरिटेज ट्रेन गोरम घाट तक ले जाती है। यह ट्रेन खासतौर पर पर्यटन सीजन में ज्यादा चलती है और यात्रियों के लिए यह एक अनोखा अनुभव होता है। सड़क मार्ग से जाने के लिए कुंभलगढ़ से निजी वाहन या टैक्सी लेकर भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
घूमने का सही समय
गोरम घाट की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त समय जुलाई से सितंबर का होता है, जब मानसून की बारिश से पूरा क्षेत्र हरा-भरा हो जाता है। इस दौरान ट्रैकिंग और घाट की खूबसूरती का असली आनंद लिया जा सकता है। हालांकि ठंड के मौसम में भी यहां का मौसम सुहावना रहता है, लेकिन हरियाली और झरनों की भरमार केवल मानसून में ही देखने को मिलती है।

