गर्मियों में घूमने के लिए परफेक्ट लोकेशन है राजस्थान का 100 द्वीपों वाला शहर, वीडियो में हरी-भरी वादियां देख फौरन बुक कर लेंगे टिकेट

राजस्थान को आमतौर पर रेगिस्तान, रेत के धोरे और गर्म जलवायु के लिए जाना जाता है, लेकिन इसी प्रदेश में बसा है एक ऐसा शहर जो अपनी हरियाली, झीलों और ठंडी हवाओं के कारण गर्मियों में भी बेहद सुकूनदायक अनुभव कराता है। हम बात कर रहे हैं बांसवाड़ा की – एक ऐसा प्राकृतिक स्वर्ग जिसे "सिटी ऑफ हंड्रेड आइलैंड्स" के नाम से भी जाना जाता है।
क्या है बांसवाड़ा की खासियत?
बांसवाड़ा राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में स्थित है और गुजरात सीमा के नजदीक आता है। इस शहर को 'बांसवाड़ा' इसलिए कहा गया क्योंकि यहां कभी बांस के घने जंगल हुआ करते थे। यही नहीं, यहां की सबसे खास बात यह है कि माही नदी पर बने माही बांध और अन्य जल स्रोतों के कारण यहाँ 100 से भी अधिक छोटे-बड़े द्वीप बने हुए हैं, जिनके कारण यह शहर द्वीपों के शहर के रूप में जाना जाता है।
गर्मियों में क्यों है परफेक्ट डेस्टिनेशन?
जब राजस्थान के बाकी इलाकों में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाता है, उस समय बांसवाड़ा अपनी झीलों, नहरों और हरियाली के कारण ठंडक बनाए रखता है। शांत वातावरण, हरियाली से ढके पहाड़, और झीलों का झीलों से मेल इस जगह को गर्मियों के लिए एक आदर्श स्थान बना देता है। यहां पर्यटक गर्मी से राहत के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर आनंद भी उठा सकते हैं।
इन जगहों की जरूर करें सैर
माही डैम (Mahi Dam): बांसवाड़ा की सबसे प्रसिद्ध जगहों में से एक है माही डैम, जो माही नदी पर बना हुआ है। यहां का शांत और सुरम्य दृश्य मन को ताजगी से भर देता है।
कागदी पिकनिक स्पॉट (Kagdi Pickup Weir): एक सुंदर जलाशय जो खासतौर पर पिकनिक मनाने वालों और फैमिली ट्रिप पर आने वालों के लिए परफेक्ट जगह है।
अरथूना के प्राचीन मंदिर: बांसवाड़ा से कुछ दूरी पर स्थित ये मंदिर 11वीं शताब्दी के हैं और राजस्थानी स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण पेश करते हैं।
सिंगपुर और आनंद सागर झील: यह झीलें आपको प्रकृति की गोद में ले जाती हैं, जहां सिर्फ हरियाली, पानी और शांति होती है।
ट्राइबल कल्चर: बांसवाड़ा भील जनजाति की प्रमुख बस्ती है। यहां के लोक नृत्य, पोशाकें और पारंपरिक जीवनशैली पर्यटकों को अलग अनुभव देती है।
हरियाली जो हर मन को भाए
बांसवाड़ा की खूबी सिर्फ झीलों तक सीमित नहीं है। यहां की हरियाली और प्राकृतिक जंगल पर्यावरण प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं। यहां के प्राकृतिक दृश्य इतने मनोरम हैं कि कोई भी प्रकृति प्रेमी यहां आकर अपने आपको खो सकता है। अरावली की पहाड़ियों से घिरा यह इलाका न केवल सुकून देता है बल्कि ट्रेकिंग और नेचर वॉक के शौकीनों के लिए भी बढ़िया विकल्प है।
लोक संस्कृति और मेले
यहां गर्मियों के दौरान भी कई रंग-बिरंगे आदिवासी मेले और स्थानीय उत्सव आयोजित होते हैं, जिनमें पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुनों पर नाचते हुए लोग, लोक गीत और अनोखी वेशभूषा पर्यटकों को पूरी तरह मंत्रमुग्ध कर देती है।
कैसे पहुंचे बांसवाड़ा?
सड़क मार्ग: उदयपुर से बांसवाड़ा की दूरी लगभग 165 किलोमीटर है और यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग: बांसवाड़ा फिलहाल सीधे रेल नेटवर्क से नहीं जुड़ा है, लेकिन नजदीकी रेलवे स्टेशन रतलाम और डूंगरपुर हैं।
हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर (महाराणा प्रताप एयरपोर्ट) है।
कहां ठहरें?
बांसवाड़ा में कई सरकारी पर्यटन विश्राम गृह, बजट होटल्स और कुछ रिजॉर्ट्स भी उपलब्ध हैं। गर्मियों के दौरान यहां भीड़ अपेक्षाकृत कम होती है, इसलिए आप बिना भीड़भाड़ के आराम से अपने ट्रिप का आनंद ले सकते हैं।
गर्मियों में अगर आप शांति, प्रकृति और संस्कृति का मेल चाहते हैं, तो बांसवाड़ा आपके लिए एक अनदेखा लेकिन शानदार विकल्प हो सकता है। 100 द्वीपों वाला यह हरा-भरा शहर न केवल गर्मी से राहत देता है बल्कि आत्मा को भी सुकून देता है। अगली बार जब आप ट्रैवल प्लान बनाएं, तो बांसवाड़ा को अपनी लिस्ट में ज़रूर शामिल करें।