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सिर्फ ब्रह्मा मंदिर ही नहीं पुष्कर में है घूमने के लिए दर्जनों ऐतिहासिक और प्राकृतिक जगहें, वीडियो में जाने पूरी लिस्ट 

सिर्फ ब्रह्मा मंदिर ही नहीं पुष्कर में है घूमने के लिए दर्जनों ऐतिहासिक और प्राकृतिक जगहें, वीडियो में जाने पूरी लिस्ट 

राजस्थान का पुष्कर शहर न केवल धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है, बल्कि यह एक समृद्ध सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल के रूप में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा यह शहर अपनी आध्यात्मिकता, ऐतिहासिक महत्व, सुंदर झील और अद्भुत मेलों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। पुष्कर वह स्थान है जहां भारतीय परंपरा, आध्यात्मिकता और पर्यटन का अनूठा संगम देखने को मिलता है।

धार्मिक महत्व से परे पुष्कर
पुष्कर का सबसे बड़ा धार्मिक आकर्षण यहां स्थित ब्रह्मा मंदिर है, जो भारत में ब्रह्मा जी का एकमात्र प्रमुख मंदिर माना जाता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां साल भर आते हैं, खासतौर पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर, जब पुष्कर मेला अपने चरम पर होता है। परंतु अब पुष्कर का आकर्षण केवल धर्म तक सीमित नहीं रह गया है। प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक स्थलों, रंगीन बाजारों और विदेशी पर्यटकों की लगातार बढ़ती उपस्थिति ने पुष्कर को एक ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बना दिया है।नीचे हम पुष्कर के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों की सूची और उनके खास आकर्षणों की जानकारी साझा कर रहे हैं:

1. पुष्कर झील
पुष्कर झील इस शहर की आत्मा मानी जाती है। माना जाता है कि इस झील का निर्माण स्वयं ब्रह्मा जी के कमल पुष्प के गिरने से हुआ था। झील के चारों ओर 50 से अधिक घाट स्थित हैं जहाँ श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं। यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का दृश्य बेहद मनमोहक होता है। फोटोग्राफी प्रेमियों और शांति की तलाश में आए यात्रियों के लिए यह एक आदर्श स्थान है।

2. ब्रह्मा मंदिर
यह मंदिर पुष्कर का प्रमुख धार्मिक स्थल है। संगमरमर से बना यह मंदिर 14वीं शताब्दी का है और इसकी वास्तुकला देखते ही बनती है। यहां ब्रह्मा जी की पत्नी गायत्री देवी की मूर्ति भी स्थापित है। इस मंदिर में कैमरे ले जाना प्रतिबंधित है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

3. सावित्री मंदिर
यह मंदिर ब्रह्मा जी की पत्नी सावित्री माता को समर्पित है और एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यहां तक पहुँचने के लिए ट्रैकिंग करनी होती है या फिर रोपवे का उपयोग किया जा सकता है। चोटी से पूरे पुष्कर शहर और झील का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है।

4. पुष्कर मेला ग्राउंड
हर साल नवंबर में लगने वाला पुष्कर मेला दुनिया के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक है। इस मेले में ऊँटों की खरीद-फरोख्त, लोक नृत्य, संगीत, खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। यह विदेशी पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण होता है और यहां की रंगीन संस्कृति की झलक पेश करता है।

5. वराह मंदिर
यह मंदिर भगवान विष्णु के वराह अवतार को समर्पित है। यह पुष्कर के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। इसकी वास्तुकला और मूर्तिकला गहरी धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है।

6. रंगजी मंदिर
द्रविड़ और राजस्थानी शैली में निर्मित यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला का उत्तम उदाहरण है। यह मंदिर विष्णु भगवान के एक रूप रंगनाथ को समर्पित है। इस मंदिर की रंगीन दीवारें और चित्रण विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं।

7. कपिल मुनि आश्रम और गुरु गोविंद सिंह जी की यादगार
पुष्कर में कई ऐसे स्थल हैं जो ऋषि-मुनियों और गुरुओं से जुड़े हुए हैं। कपिल मुनि आश्रम और सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी से जुड़ी यादगारें यहां की धार्मिक विविधता और सांस्कृतिक गहराई को दर्शाती हैं।

8. लोकल बाजार और कैफे कल्चर
पुष्कर का बाज़ार हस्तशिल्प वस्तुओं, चांदी के गहनों, पारंपरिक वस्त्रों, रंग-बिरंगे कपड़ों और सुंदर स्मृति चिह्नों के लिए मशहूर है। वहीं विदेशी पर्यटकों की वजह से यहां का कैफे कल्चर भी काफी पॉपुलर हो गया है। इज़रायली, इटालियन और इंडियन फ्यूजन खाना यहां आम हो चला है।

कैसे पहुँचे पुष्कर?
पुष्कर, अजमेर जिले में स्थित है और अजमेर से इसकी दूरी करीब 15 किलोमीटर है।

रेल मार्ग: अजमेर जंक्शन सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है।

सड़क मार्ग: अजमेर से पुष्कर तक टैक्सी, बस या निजी वाहन से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा किशनगढ़ (करीब 40 किमी) या जयपुर एयरपोर्ट (करीब 150 किमी) है।

कब जाएँ पुष्कर?
पुष्कर की यात्रा का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और पुष्कर मेला भी इसी अवधि में आयोजित होता है, जो यात्रा को और भी यादगार बना देता है।

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