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प्रकृति प्रेमियों से लेकर कपल्स तक हर किसी के दिल में बसता है माउंट आबू, 3 मिनट के इस वायरल फुटेज में जानिए कब और कैसे करें यात्रा

प्रकृति प्रेमियों से लेकर कपल्स तक हर किसी के दिल में बसता है माउंट आबू, 3 मिनट के इस वायरल फुटेज में जानिए कब और कैसे करें यात्रा

प्राकृतिक सौंदर्य और प्रेम की वादियों में खो जाने का मन हो तो माउंट आबू एक ऐसा नाम है जो हर किसी के दिल में तुरंत उतर जाता है। राजस्थान के रेगिस्तानी प्रदेश में स्थित यह इकलौता हिल स्टेशन प्रकृति प्रेमियों से लेकर कपल्स तक के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं। अगर आप भी माउंट आबू की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इस लेख में जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ – कब जाएं, कैसे जाएं, और वहां क्या-क्या खास है।


माउंट आबू: रेगिस्तान में छिपा हरा-भरा खजाना
राजस्थान के सिरोही जिले में अरावली की पहाड़ियों पर बसा माउंट आबू, समुद्र तल से करीब 1,220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गर्मी के मौसम में जब राजस्थान तप रहा होता है, तब माउंट आबू हरियाली, ठंडी हवाओं और झीलों के कारण सुकून भरी राहत देता है। यही कारण है कि यह हिल स्टेशन न सिर्फ स्थानीय बल्कि देशभर के सैलानियों के बीच बेहद लोकप्रिय है।यहां की खास बात यह है कि रेगिस्तान के बीचों-बीच एक ऐसा स्थान है जहां वनस्पतियों की भरमार है, मौसम सुहावना रहता है और चारों ओर पहाड़ों व घाटियों का दृश्य किसी चित्रकारी जैसा लगता है।

कपल्स के लिए रोमांस से भरा डेस्टिनेशन
माउंट आबू सिर्फ एक हिल स्टेशन नहीं, बल्कि यह प्रेम का प्रतीक भी बन चुका है। नवविवाहित जोड़ों से लेकर डेटिंग कपल्स तक, हर किसी के लिए यह जगह किसी रोमांटिक फिल्म के सेट जैसी महसूस होती है। सूर्यास्त के समय 'हनीमून पॉइंट' या 'सनसेट पॉइंट' पर बैठकर दूर-दूर तक फैले पहाड़ों के बीच डूबते सूरज को देखना एक ऐसा अनुभव होता है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।इसके अलावा नक्की झील में बोटिंग करते हुए पक्षियों की चहचहाहट और ठंडी हवा का स्पर्श, कपल्स के लिए यादगार पल बना देता है।

प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग
अगर आप प्रकृति के दीवाने हैं, तो माउंट आबू आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं। यहां का गुरु शिखर – अरावली की सबसे ऊंची चोटी – से घाटियों का नज़ारा मंत्रमुग्ध कर देता है। टोड रॉक (Toad Rock), नक्की झील, माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य और ब्रह्माकुमारी पीस पार्क जैसे स्थान प्रकृति और शांति दोनों के दर्शन कराते हैं।यहां की हर सुबह कोहरे और पक्षियों की आवाज़ों से शुरू होती है और हर शाम सूरज की सुनहरी किरणों में रंगी पहाड़ियों के साथ खत्म होती है।

धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व भी है विशेष
माउंट आबू का धार्मिक महत्व भी काफी गहरा है। यह जैन समुदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां स्थित दिलवाड़ा मंदिर अपने सफेद संगमरमर और अद्भुत शिल्पकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है। 11वीं शताब्दी में बने इन मंदिरों में इतनी बारीकी से नक्काशी की गई है कि इसे देखकर हर कोई चकित रह जाता है।इसके अलावा ब्रह्माकुमारीज का मुख्यालय भी माउंट आबू में ही स्थित है, जो आध्यात्मिक साधना और मानसिक शांति की खोज करने वालों के लिए प्रमुख केंद्र बन चुका है।

कब जाएं माउंट आबू?
माउंट आबू का मौसम सालभर सुहावना रहता है, लेकिन अक्टूबर से मार्च के बीच की अवधि सबसे आदर्श मानी जाती है। इस समय न ज्यादा ठंड होती है और न ही गर्मी। मौसम खुशनुमा रहता है और आप आसानी से ट्रैकिंग, सैर-सपाटा और मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।यदि आप मानसून के प्रेमी हैं तो जुलाई-अगस्त का समय भी बेहद खूबसूरत होता है, क्योंकि उस दौरान यहां की हरियाली चरम पर होती है।

कैसे पहुंचें माउंट आबू?
रेल मार्ग: माउंट आबू का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन 'अबू रोड' है, जो माउंट आबू से करीब 28 किमी दूर है। यह स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: माउंट आबू तक आप निजी वाहन या राजस्थान रोडवेज की बसों से भी आसानी से पहुंच सकते हैं। यह जयपुर, उदयपुर, अहमदाबाद और दिल्ली से अच्छी सड़क कनेक्टिविटी में है।
वायु मार्ग: निकटतम एयरपोर्ट 'उदयपुर' (170 किमी) और 'अहमदाबाद' (220 किमी) है, जहां से टैक्सी या बस लेकर आप माउंट आबू पहुंच सकते हैं।

यात्रा सुझाव और जरूरी बातें
हल्के ऊनी कपड़े साथ रखें, खासकर अगर आप रात में बाहर रहने का सोच रहे हैं।
दिलवाड़ा मंदिर जाते समय फोटोग्राफी निषेध होती है, इसका ध्यान रखें।
ट्रैकिंग या नेचर वॉक पर निकलते समय पानी की बोतल और स्पोर्ट्स शूज़ जरूर लें।
लोकल बाजार से कढ़ाई वाले कपड़े, हैंडीक्राफ्ट और जैन खाद्य उत्पाद जरूर खरीदें।

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