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बीहड़ों की डरावनी छवि को पीछे छोड़ चंबल घाटी बन रही है नया टूरिज्म हब, 2 मिनट के वीडियो में जानिए क्या-क्या देख सकते हैं यहां

बीहड़ों की डरावनी छवि को पीछे छोड़ चंबल घाटी बन रही है नया टूरिज्म हब, 2 मिनट के वीडियो में जानिए क्या-क्या देख सकते हैं यहां

जब भी भारत के सबसे आकर्षक टूरिज्म स्थलों की बात होती है, तो आमतौर पर गोवा, मनाली, राजस्थान या उत्तराखंड जैसे नाम ही सामने आते हैं। लेकिन अब देश के दिल यानी मध्य प्रदेश में बहती चंबल नदी भी अपने नैसर्गिक सौंदर्य, रहस्यमयी बीहड़ों और अनोखी जैवविविधता के चलते तेजी से पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। एक समय पर खौफ और डकैतों के लिए कुख्यात चंबल घाटी अब बदल चुकी है—अब यह जगह शांति, रोमांच और प्राकृतिक प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं।


चंबल: बदली हुई पहचान
चंबल का नाम सुनते ही पहले लोगों को बीहड़ों में बसे डकैतों की तस्वीरें याद आती थीं। लेकिन पिछले एक दशक में यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने कई अहम कदम उठाए हैं। अब चंबल नदी पर्यटन का केंद्र बनती जा रही है, जहां लोग सिर्फ सैर-सपाटे के लिए नहीं, बल्कि पक्षी दर्शन, बोटिंग, रिवर सफारी और जंगल ट्रेल्स जैसी रोमांचकारी गतिविधियों का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

नैशनल चंबल सेंचुरी: प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत
चंबल नदी पर बसी National Chambal Sanctuary इस क्षेत्र का सबसे बड़ा आकर्षण है। यह संरक्षित क्षेत्र उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों तक फैला हुआ है। यहां गंगा नदी में पाए जाने वाले दुर्लभ घड़ियाल, गंगा डॉल्फिन, मगरमच्छ और कई रेयर पक्षियों की प्रजातियां देखी जा सकती हैं।यह जगह खास तौर पर पक्षी प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। हर साल यहां हजारों प्रवासी पक्षी आते हैं, जिनमें साइबेरियन पक्षी, फ्लेमिंगो, इंडियन स्कीमर और ओस्प्रे प्रमुख हैं।

चंबल रिवर सफारी: रोमांच और शांति का संगम
चंबल नदी में बोटिंग एक अद्भुत अनुभव है। यहां की रिवर सफारी पर्यटकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। बोटिंग के दौरान आप न सिर्फ सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं, बल्कि नदी के किनारों पर विचरण करते मगरमच्छ, पानी में खेलती डॉल्फिन और उड़ते हुए दुर्लभ पक्षी भी देख सकते हैं।रिवर गाइड्स आमतौर पर स्थानीय ग्रामीण होते हैं जो पर्यटकों को चंबल की कहानी और यहां की जैव विविधता के बारे में गहराई से जानकारी देते हैं।

गोवा जैसा अनुभव, लेकिन भीड़भाड़ से दूर
आज के समय में जब पर्यटक 'अनदेखे और अनछुए' स्थानों की खोज में रहते हैं, चंबल उनके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन बनकर उभर रहा है। यहां का शांत वातावरण, खुला आसमान, प्राकृतिक नजारे और रेत के किनारे किसी भी समुद्री तट का अनुभव देने में सक्षम हैं।हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई कुछ तस्वीरों में चंबल नदी के किनारे रेत और पानी का मिलन ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे गोवा के किसी समुद्र तट पर खड़े हों।

आसपास के प्रमुख आकर्षण
राजघाट (धौलपुर-मुरैना बॉर्डर): चंबल नदी के किनारे बसे इस घाट से रिवर क्रूज़ और बोटिंग की शुरुआत होती है।
आल्हापुर और देवरी गांव: इन गांवों के पास स्थित घाट और पक्षी दर्शन पॉइंट्स बेहद खूबसूरत और शांत हैं।
कालेश्वर मंदिर और चंबल गेटवे: धार्मिक पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम।
मुरैना के किले और मंदिर: चंबल क्षेत्र के आसपास के ऐतिहासिक स्थलों को भी घूमा जा सकता है।

क्या करें और क्या न करें
क्या करें:

स्थानीय गाइड से सफारी बुक करें
फोटो और बर्ड वॉचिंग के लिए बायनोक्युलर साथ लाएं
पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाते हुए ट्रैवल करें

क्या न करें:
नदी या बीहड़ों में अनजान जगहों पर अकेले न जाएं
जानवरों को डराने या परेशान करने की कोशिश न करें
प्लास्टिक और कूड़ा न फैलाएं

कैसे पहुंचे?
सड़क मार्ग: मुरैना, धौलपुर और ग्वालियर से चंबल आसानी से सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग: ग्वालियर, मुरैना और धौलपुर के रेलवे स्टेशन से टैक्सी या लोकल बस से पहुंचा जा सकता है।
हवाई मार्ग: ग्वालियर नजदीकी हवाई अड्डा है, जहां से 1-2 घंटे में चंबल घाटी पहुंच सकते हैं।

चंबल घाटी अब सिर्फ बीहड़ों की नहीं, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता और रोमांच के लिए भी पहचानी जाने लगी है। सरकार की कोशिशों, स्थानीय लोगों के सहयोग और ट्रैवल इंफ्लुएंसर्स की जागरूकता से यह जगह एक नया टूरिज्म हॉटस्पॉट बन रही है। अगर आप भीड़भाड़ से दूर, शांति और रोमांच से भरी जगह की तलाश में हैं, तो चंबल नदी आपका अगला ट्रैवल डेस्टिनेशन हो सकता है।

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