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जयगढ़ किला! आमेर किले का रक्षकजहां है दुनिया की सबसे बड़ी तोप, वीडियो में जानिए यहां घूमने का सही मौसम, रूट और खर्च का पूरा विवरण

जयगढ़ किला! आमेर किले का रक्षकजहां है दुनिया की सबसे बड़ी तोप, वीडियो में जानिए यहां घूमने का सही मौसम, रूट और खर्च का पूरा विवरण

राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर की ऐतिहासिक विरासतों में शामिल जयगढ़ फोर्ट एक ऐसा दुर्ग है, जो ना सिर्फ स्थापत्य कला का उदाहरण है, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। यह किला दरअसल आमेर किले की रक्षा के लिए बनाया गया था। पहाड़ियों की चोटी पर स्थित यह दुर्ग अरावली की रगों में दौड़ती वीरता की कहानी कहता है।अगर आप इतिहास, किलों की भव्यता और युद्धनीति में रुचि रखते हैं, तो जयगढ़ फोर्ट आपके लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल है। आइए जानते हैं इसके ऐतिहासिक महत्व से लेकर यहां घूमने का सही समय, रूट और संभावित खर्च तक की पूरी जानकारी।


जयगढ़ फोर्ट का इतिहास: एक रक्षक का प्रतीक

जयगढ़ फोर्ट का निर्माण राजा जय सिंह द्वितीय ने वर्ष 1726 में करवाया था। यह किला आमेर किले से कुछ ही दूरी पर स्थित है और दोनों किले भूमिगत सुरंग से जुड़े हुए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य आमेर महल और उसमें मौजूद खजाने की रक्षा करना था।जयगढ़ फोर्ट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह कभी भी किसी युद्ध में विजित नहीं हुआ। यहां का वातावरण और बनावट इसे एक अजेय किला बनाती है। यह किला ‘विजय दुर्ग’ के नाम से भी जाना जाता है, जो इसकी विजयी प्रकृति को दर्शाता है।किले में जयवाना तोप है, जो एक समय दुनिया की सबसे बड़ी पहिएदार तोप मानी जाती थी। इस तोप को किले में देखकर हर पर्यटक रोमांचित हो उठता है।

घूमने का सही समय: मौसम के अनुसार योजना बनाएं
जयगढ़ फोर्ट घूमने का सबसे उत्तम समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और गर्मी परेशान नहीं करती। चूंकि किला एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, गर्मियों में यहां चढ़ाई करना कठिन और थकान भरा हो सकता है।
समय: किला प्रतिदिन सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है।
सप्ताह के सभी दिन यहां पर्यटक आ सकते हैं, लेकिन सप्ताहांत पर भीड़ अधिक होती है।

कैसे पहुंचे जयगढ़ फोर्ट: रूट की पूरी जानकारी
जयगढ़ फोर्ट तक पहुंचने के लिए आपको पहले जयपुर शहर पहुंचना होगा, जो भारत के किसी भी बड़े शहर से रेल, रोड और हवाई मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है।
रेल मार्ग: जयपुर रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख स्टेशनों से जुड़ा हुआ है। स्टेशन से जयगढ़ फोर्ट की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है।
हवाई मार्ग: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फोर्ट की दूरी लगभग 22 किलोमीटर है।
सड़क मार्ग: अगर आप कार या बाइक से यात्रा कर रहे हैं, तो आमेर रोड से होते हुए जयगढ़ पहुंच सकते हैं। रास्ता खूबसूरत है, और पहाड़ियों से गुजरता है।
जयगढ़ फोर्ट आमेर फोर्ट के ठीक ऊपर स्थित है। आमेर फोर्ट से जयगढ़ के लिए एक पुरानी सुरंगनुमा पगडंडी भी है, जो adventurous यात्रियों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं।

क्या है खर्च? जानिए टिकट और अन्य खर्चों का अंदाज़ा
जयगढ़ फोर्ट का टिकट बेहद किफायती है और यहां परिवार सहित घूमना बजट में आता है।
प्रवेश शुल्क (Entry Fee):
भारतीय पर्यटकों के लिए: ₹100 प्रति व्यक्ति
विदेशी पर्यटकों के लिए: ₹200 प्रति व्यक्ति
बच्चों के लिए रियायतें उपलब्ध हैं

कैमरा शुल्क:
स्टिल कैमरा: ₹50
वीडियो कैमरा: ₹200
गाइड शुल्क (यदि आप लेना चाहें): ₹200 से ₹500 तक, आपकी भाषा और समय के अनुसार।

ट्रांसपोर्ट खर्च:
अगर आप जयपुर से टैक्सी लेते हैं तो आमतौर पर ₹300–₹600 में जयगढ़, आमेर और नाहरगढ़ तीनों किलों का टूर मिल सकता है।लोकल ऑटो या बस से यात्रा करना चाहें तो खर्च और भी कम आएगा।

जयगढ़ में क्या देखें? यात्रा को बनाए यादगार
जयगढ़ फोर्ट सिर्फ दीवारों का ढांचा नहीं है, बल्कि यह एक जीवंत इतिहास का संग्रह है। यहां घूमते हुए आप देख सकते हैं:

जयवाना तोप
तोपखाना (Cannon Foundry)
शस्त्रागार (Armoury Gallery)
लक्ष्मी विलास, ललित मंदिर और विलास मंदिर
जल संग्रहण की व्यवस्था (Water harvesting system)
और साथ ही पहाड़ियों से दिखाई देने वाला जयपुर शहर का विहंगम दृश्य जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देगा।

सावधानियां और सुझाव
चूंकि यह एक ऊँचाई पर स्थित किला है, तो आरामदायक जूते पहनें।
पानी की बोतल साथ रखें, क्योंकि गर्मियों में धूप तेज हो सकती है।
बुजुर्गों और छोटे बच्चों के लिए चढ़ाई थोड़ा मुश्किल हो सकती है, तो वाहन से पहुंचना बेहतर रहेगा।
गाइड लें तो बेहतर रहेगा, ताकि ऐतिहासिक पहलुओं को सही से समझ सकें।

जयगढ़ फोर्ट केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि राजस्थान की सुरक्षा, रणनीति और गौरव का प्रतीक है। आमेर की रक्षा के लिए बना यह किला आज भी उसी शान से खड़ा है जैसे सदियों पहले था। अगर आप जयपुर की यात्रा पर हैं, तो जयगढ़ फोर्ट को अपनी सूची में जरूर शामिल करें।यहां की भव्यता, इतिहास और ऊँचाई से नजर आने वाला दृश्य आपको न केवल मंत्रमुग्ध करेगा, बल्कि राजस्थानी संस्कृति से भी गहराई से जोड़ देगा।

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