इतिहास के पन्ने खोलते इस वीडियो में देखें राजकुमारी रत्नावती और तांत्रिक सिंधु सेवड़ा की वो लवस्टोरी जो कभी नहीं हो सकी मुकम्मल

राजस्थान की रेत में कई किस्से दबे हुए हैं, लेकिन भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती और तांत्रिक सिंधु सेवड़ा की कहानी एक ऐसा अध्याय है, जो आज भी रहस्य और रोमांच का प्रतीक बना हुआ है। यह महज एक लव स्टोरी नहीं, बल्कि इच्छाओं, छल, तंत्र विद्या और बदले का ऐसा मेल है, जिसे इतिहास भी कहता है – "काश ये प्रेम मुकम्मल हो पाता।"
राजकुमारी रत्नावती – अपूर्व सौंदर्य की मिसाल
कहा जाता है कि रत्नावती बेहद सुंदर थीं। उनके रूप की चर्चा दूर-दराज के इलाकों में होती थी। 16 साल की उम्र में ही उनके विवाह प्रस्ताव देश के कोने-कोने से आने लगे थे। लेकिन उनकी किस्मत में प्रेम के बदले भय और अभिशाप लिखा था।
सिंधु सेवड़ा – एक तांत्रिक की अधूरी चाहत
तांत्रिक सिंधु सेवड़ा, जो काले जादू का ज्ञाता था, रत्नावती के सौंदर्य पर ऐसा मोहित हुआ कि उसने उन्हें पाने के लिए तांत्रिक उपायों का सहारा लिया। उसने एक इत्र की शीशी पर मंत्र पढ़कर रत्नावती को देने की योजना बनाई। लेकिन रत्नावती ने तांत्रिक का मंसूबा भांप लिया और इत्र को एक पत्थर पर फेंक दिया। कहा जाता है, पत्थर लुढ़कता हुआ तांत्रिक को जा लगा और उसी क्षण उसकी मौत हो गई। मरते समय उसने भानगढ़ को श्राप दे दिया – "यह महल और इसका हर वासी नष्ट हो जाएगा और रत्नावती कभी भी अपने प्रेम को नहीं पा सकेगी।"
भानगढ़ का अंत और एक प्रेम कहानी का पतन
इस घटना के बाद भानगढ़ एक दिन में उजड़ गया। कहते हैं, भानगढ़ की पूरी रियासत को श्राप ने निगल लिया। तब से लेकर आज तक भानगढ़ का किला वीरान है। सूरज ढलने के बाद वहां जाना सरकार ने भी मना कर रखा है।
आज भी जिंदा है ये अधूरी कहानी
आज भी लोग कहते हैं कि रात के सन्नाटे में भानगढ़ की हवाओं में रत्नावती की सिसकियों और सिंधु सेवड़ा की आहों की आवाजें आती हैं। प्रेम में पागल एक तांत्रिक और आत्मसम्मान की प्रतीक रानी की ये कहानी आज भी राजस्थान के लोकगीतों और किस्सों में जीवित है।
इस रहस्यमयी और रोमांच से भरे वीडियो को देखें, जिसमें रत्नावती और सिंधु सेवड़ा की अधूरी मोहब्बत की सच्चाई, लोक मान्यताएं और भानगढ़ की कहानी आपके सामने जीवंत हो उठेगी।