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वीडियो में देखे आमेर किले के वो 7 दर्शनीय स्थल जिन्हें देखने 7 समंदर पार से खिंचे चले आते हैं लोग, अमेरिकी उपराष्ट्रपति भी हुए सौंदर्य के कायल

वीडियो में देखे आमेर किले के वो 7 दर्शनीय स्थल जिन्हें देखने 7 समंदर पार से खिंचे चले आते हैं लोग, अमेरिकी उपराष्ट्रपति भी हुए सौंदर्य के कायल​​​​​​​

राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित आमेर किला न सिर्फ भारत का गौरव है, बल्कि यह उन ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है, जिसे देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक खिंचे चले आते हैं। खास बात यह है कि हाल ही में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) ने भी आमेर किले का दौरा किया और यहां की वास्तुकला और विरासत को देख अपने अनुभव को 'अविश्वसनीय' बताया।


भारत की शान, राजस्थान का गौरव
आमेर किला एक ऐसा ऐतिहासिक स्मारक है, जो न केवल अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी दीवारों में इतिहास की गूंज अब भी सुनाई देती है। अरावली की पहाड़ियों पर बना यह किला, जयपुर शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित है। इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा मानसिंह प्रथम ने करवाया था, और बाद में जयसिंह प्रथम ने इसे और विस्तार दिया।

जेडी वेंस भी हो चुके हैं आमेर किले के कायल
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का हालिया भारत दौरा कई दृष्टिकोणों से खास रहा। उन्होंने अपनी जयपुर यात्रा के दौरान आमेर किले का विशेष रूप से दौरा किया और यहाँ की दीर्घाओं, महलों और प्राचीरों को नजदीक से देखा। किले की नक्काशी, दीवारों पर बने जटिल चित्र, और जयगढ़ किले से जुड़े सुरंग मार्ग ने उन्हें विशेष रूप से प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि यह किला भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक जीवंत उदाहरण है, जो आज भी पूरी दुनिया को भारत के गौरवशाली अतीत की झलक दिखाता है।

वो दर्शनीय स्थल जो आमेर को बनाते हैं विशेष
आमेर किले के भीतर अनेक ऐसे स्थल हैं जो दर्शकों को रोमांचित कर देते हैं:

शिला देवी मंदिर: आमेर किले में स्थित यह मंदिर देवी दुर्गा के अवतार शिला माता को समर्पित है। नवरात्रों में यहाँ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

दीवान-ए-आम (जनसभा भवन): यह वह स्थान है जहां राजा आम जनता की समस्याएं सुनते थे। ऊंचे खंभे और संगमरमर की जालीदार खिड़कियां इसकी भव्यता को बढ़ाते हैं।

गणेश पोल: आमेर किले का एक और आकर्षण, यह मुख्य प्रवेश द्वार है जो अत्यंत सुंदर नक्काशी और रंगीन कांच की कलाकृति से सुसज्जित है।

शीश महल (दर्पण महल): किले का यह भाग सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसकी दीवारों और छतों में जड़े शीशों की वजह से महल रौशनी में जगमगा उठता है। यही वो स्थान है जहां मोमबत्ती की एक लौ से पूरा कक्ष प्रकाशित हो जाता है।

सुख निवास: इस हिस्से में गर्मी से राहत के लिए पानी की धाराएं और प्राकृतिक वेंटिलेशन की व्यवस्था की गई थी। यह राजा के आराम करने का स्थान हुआ करता था।

ज़ेना महल: रानियों और राजकुमारियों के लिए बना यह हिस्सा पूरी तरह से संरक्षित रहता था, और इसकी दीवारों पर बनी चित्रकारी राजस्थानी संस्कृति की सुंदरता को दर्शाती है।

सीक्रेट टनल (गुप्त सुरंग): आमेर किले को जयगढ़ किले से जोड़ने वाली यह सुरंग युद्धकालीन सुरक्षा और आपातकालीन निकास के लिए बनाई गई थी। आज यह भी एक प्रमुख आकर्षण बन चुकी है।

सात समंदर पार से क्यों खिंचे चले आते हैं लोग?
आमेर किला न केवल स्थापत्य का चमत्कार है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, कला और सामरिक ज्ञान का अनूठा उदाहरण भी है। इसके संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बने परिसर, भित्ति चित्रों, झरोखों और मेहराबों की बारीकियों को देखने लोग अमेरिका, यूरोप, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से यहां आते हैं। फोटोग्राफर, इतिहासकार, वास्तुविद, और फिल्ममेकर इस किले की भव्यता को अपने कैमरे में कैद करने को लालायित रहते हैं।

आमेर आज भी जीवंत इतिहास है
इस किले में आकर कोई भी व्यक्ति केवल एक इमारत नहीं देखता, बल्कि इतिहास की जीवंत झलकियों को महसूस करता है। यहां की हर दीवार, हर गलियारा जैसे किसी कहानी को कह रहा हो। यही कारण है कि जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस जैसे विश्व नेता भी इसकी तारीफ करते हैं, तो यह भारत के गौरव को और ऊंचा करता है।

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