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पुष्कर यात्रा से पहले वीडियो में जानिए इस शहर की 10 खास बातें, जो आपको यहां घूमने के लिए कर देंगी मजबूर 

पुष्कर यात्रा से पहले वीडियो में जानिए इस शहर की 10 खास बातें, जो आपको यहां घूमने के लिए कर देंगी मजबूर 

राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित पुष्कर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रहस्यमयी विशेषताओं के लिए भी प्रसिद्ध है। आमतौर पर लोग पुष्कर को ब्रह्मा जी के एकमात्र मंदिर के कारण जानते हैं, लेकिन यह शहर अपने भीतर कई ऐसे रहस्य और विशेषताएं समेटे हुए है जो हर किसी को चौंका सकती हैं। यदि आप सोचते हैं कि पुष्कर केवल एक तीर्थ स्थल है, तो यह लेख आपकी सोच को बदल देगा। आइए जानते हैं पुष्कर से जुड़ी वे खास बातें जो इसे भारत का एक अनोखा और अद्वितीय शहर बनाती हैं।


1. ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर
पूरे भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में भगवान ब्रह्मा का एकमात्र मंदिर पुष्कर में स्थित है। यह एक बड़ी बात है क्योंकि ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचयिता माना गया है, लेकिन उनकी पूजा बहुत कम होती है। इसके पीछे कई पौराणिक कहानियाँ हैं। एक कथा के अनुसार, ब्रह्मा जी ने पुष्कर झील के पास यज्ञ किया था, लेकिन पत्नी सरस्वती के बिना यज्ञ पूरा करने के कारण उन्हें श्राप मिला कि पृथ्वी पर उनकी पूजा नहीं होगी। यही कारण है कि केवल पुष्कर में ही उनका प्रमुख मंदिर है, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है।

2. रहस्यमयी पुष्कर झील
पुष्कर झील को 'तीर्थराज' कहा जाता है यानी सभी तीर्थों में सबसे श्रेष्ठ। मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने एक कमल पुष्प गिराया था, जहां यह झील बनी। यह झील 52 घाटों से घिरी हुई है, और इन घाटों पर स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है, ऐसी मान्यता है। कार्तिक पूर्णिमा के दौरान यहाँ लाखों श्रद्धालु एकत्र होकर पुण्य स्नान करते हैं।

3. ऊंट मेला: दुनिया का सबसे बड़ा पशु मेला
हर साल नवंबर में लगने वाला पुष्कर का ऊंट मेला दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह मेला केवल ऊंटों और पशुओं के व्यापार का आयोजन नहीं है, बल्कि लोक कला, संगीत, नृत्य और राजस्थान की जीवंत संस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन भी होता है। इस मेले में पर्यटक बड़ी संख्या में देश-विदेश से आते हैं और यहां की पारंपरिक संस्कृति का अनुभव लेते हैं।

4. 500 से अधिक मंदिर और 52 घाट
पुष्कर शहर में 500 से भी अधिक छोटे-बड़े मंदिर हैं और यह किसी भी तीर्थ स्थल को पीछे छोड़ देता है। यहाँ के हर घाट की अपनी विशेष मान्यता है। जैसे 'ब्रह्मा घाट', 'वराह घाट', 'गौ घाट' आदि। माना जाता है कि इन घाटों पर अलग-अलग देवी-देवताओं का वास है और श्रद्धा से स्नान करने पर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

5. शराब और मांसाहार निषेध
पुष्कर भारत के उन गिने-चुने पवित्र शहरों में से एक है जहां शराब और मांसाहार पूरी तरह वर्जित है। यहाँ आपको मांसाहारी भोजन और शराब की कोई दुकान नहीं मिलेगी। इस नियम का पालन स्थानीय लोग भी कड़ाई से करते हैं और पर्यटकों से भी इसी की अपेक्षा की जाती है।

6. विदेशी सैलानियों का आध्यात्मिक आकर्षण
पुष्कर में हर साल हजारों विदेशी पर्यटक आते हैं, विशेष रूप से वे लोग जो योग, ध्यान और भारतीय संस्कृति को करीब से जानना चाहते हैं। यहाँ कई आश्रम और योग केंद्र हैं जहाँ विदेशी सैलानी हफ्तों और महीनों तक ठहरते हैं। ‘पुष्कर बाबा’ के नाम से कई विदेशी भक्त यहां की संस्कृति में पूरी तरह घुल-मिल गए हैं।

7. गुलाबों की नगरी भी है पुष्कर
बहुत कम लोग जानते हैं कि पुष्कर को 'गुलाबों की नगरी' भी कहा जाता है। यहाँ के खेतों में बड़ी मात्रा में गुलाब की खेती होती है और इन गुलाबों से गुलाब जल, गुलकंद और इत्र का निर्माण होता है जो देश-विदेश में निर्यात भी किया जाता है।

8. आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा वातावरण
पुष्कर की वादियाँ और झील के किनारे बैठकर ध्यान करना एक अलौकिक अनुभव होता है। यहां का वातावरण इतना शांत और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है कि कई साधु-संत और साधक पुष्कर को अपना साधना स्थल बना लेते हैं।

9. आध्यात्मिक और आधुनिकता का संगम
जहां एक ओर पुष्कर में प्राचीन मंदिर, साधु-संत और आध्यात्मिकता दिखाई देती है, वहीं दूसरी ओर यहां कैफे कल्चर, हिप्पी बाजार, विदेशी बैकपैकर्स और लाइव म्यूजिक भी दिखाई देता है। यह अद्भुत संगम पुष्कर को और खास बनाता है।

10. महादेव का वरदान
कहा जाता है कि पुष्कर की भूमि स्वयं भगवान शिव द्वारा पवित्र की गई है। यह स्थान त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की उपस्थिति का प्रतीक माना जाता है।

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