अगर राजस्थान जाना है तो सिर्फ किले और महल नहीं इन शाही स्ट्रीट फूड्स का स्वाद चखना भी है ज़रूरी, नहीं तो यात्रा रहेगी अधूरी

राजस्थान को सिर्फ उसके किलों, महलों और लोकगीतों से ही नहीं जाना जाता, बल्कि यहां की रसोई भी उतनी ही समृद्ध और ऐतिहासिक है। अगर आप राजस्थान की यात्रा पर हैं और वहां की शाही विरासत को महसूस करना चाहते हैं, तो यह अनुभव तब तक अधूरा है जब तक आपने यहां का स्ट्रीट फूड नहीं चखा। राजस्थान का स्ट्रीट फूड न केवल स्वाद से भरपूर होता है, बल्कि उसमें यहां की संस्कृति, परंपरा और स्थानीय मसालों की अनोखी खुशबू भी समाई होती है।राजस्थान की गलियों में घूमते हुए हर नुक्कड़ पर कुछ खास मिलता है — कहीं कांसे की थाली में परोसी जा रही दाल-बाटी-चूरमा, तो कहीं मिट्टी की कुल्हड़ में उबलती मसाला छाछ या फिर तवे पर सुलगती प्याज कचौरी। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर या उदयपुर — हर शहर की अपनी खास पहचान है जब बात आती है स्ट्रीट फूड की।
1. प्याज़ कचौरी – जोधपुर और जयपुर की शान
अगर आपने राजस्थान आकर जोधपुरी प्याज कचौरी नहीं खाई तो समझिए आपने स्वाद की एक दुनिया मिस कर दी। करारी कचौरी में तीखे प्याज का मसालेदार मिश्रण और ऊपर से इमली की चटनी — यह स्वाद सीधे दिल को छू जाता है। जयपुर के रामबाग सर्कल और जोधपुर की घंटाघर मार्केट इसकी मशहूर ठिकाने हैं।
2. मिर्ची बड़ा – तीखेपन का स्वादिष्ट तड़का
बीकानेर और जोधपुर की गलियों में मिलने वाला मिर्ची बड़ा उन लोगों के लिए है जो तीखा पसंद करते हैं। हरी मिर्च में मसाला भरकर उसे बेसन में लपेट कर तला जाता है, फिर इसे हरी चटनी और मीठी इमली की चटनी के साथ परोसा जाता है। ये हर मौसम में लोगों की पहली पसंद होती है।
3. दाल बाटी चूरमा – शाही भोजन, स्ट्रीट स्टाइल में
राजस्थान का क्लासिक भोजन दाल बाटी चूरमा अब सड़कों पर भी स्टाइल में परोसा जाता है। बाटियों को देसी घी में डुबोकर मूंग और चने की दाल के साथ परोसा जाता है, और मीठे चूरमा के साथ इसका स्वाद त्रिगुणात्मक हो जाता है – तीखा, नमकीन और मीठा। जयपुर के चौड़ा रास्ता या पुष्कर की गलियों में इसका असली मजा मिलता है।
4. गट्टे की सब्जी और गट्टे की टिक्की
गट्टे यानी बेसन से बने रोल्स को उबालकर मसालेदार तरी में पकाया जाता है। हालांकि अब इन गट्टों को टिक्की के रूप में भी बेचा जा रहा है — कुरकुरी टिक्की जिसमें अंदर भरवां मसाला होता है, ऊपर से हरी चटनी और प्याज से गार्निश। यह नया रूप लोगों को खूब भा रहा है।
5. मलाई घेवर – मिठास में भी शाही अंदाज़
अगर कुछ मीठा खाने का मन हो, तो राजस्थान की गलियों में मिलने वाला मलाई घेवर जरूर चखें। खासकर सावन और तीज के अवसर पर यह मिठाई हर दुकान पर नजर आती है। जयपुर के लक्ष्मी मिष्ठान भंडार या बीकानेर के हल्दीराम इसके लिए मशहूर ठिकाने हैं।
6. कुल्हड़ लस्सी और मसाला छाछ
राजस्थान की गर्मी से लड़ने के लिए मिट्टी के कुल्हड़ में परोसी जाने वाली लस्सी और मसाला छाछ किसी अमृत से कम नहीं। ऊपर से मलाई की परत और मसाले का तड़का इसे और भी खास बना देता है।