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अगर नहीं देखा अल्बर्ट हॉल म्यूजियम तो अधूरी है जयपुर यात्रा, इस दुर्लभ वीडियो में जानिए इस ऐतिहासिक धरोहर के 10 अनकहे रहस्य

अगर नहीं देखा अल्बर्ट हॉल म्यूजियम तो अधूरी है जयपुर यात्रा, इस दुर्लभ वीडियो में जानिए इस ऐतिहासिक धरोहर के 10 अनकहे रहस्य

जयपुर, जिसे गुलाबी नगरी के नाम से जाना जाता है, अपने किलों, महलों और रंग-बिरंगी गलियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। लेकिन अगर आपने अल्बर्ट हॉल म्यूजियम नहीं देखा, तो यकीन मानिए आपकी जयपुर यात्रा अधूरी रह गई है। यह म्यूजियम सिर्फ राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का संग्रह नहीं है, बल्कि खुद अपने आप में एक रहस्यपूर्ण और आकर्षक स्थापत्य का उदाहरण है। गुलाबी शहर की गोद में स्थित यह संग्रहालय कई अनकही कहानियों, रहस्यों और गौरवशाली अतीत को समेटे हुए है। आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक धरोहर के 10 अनसुने पहलू जो इसे और भी खास बनाते हैं।

1. भारत का पहला म्यूजियम

अल्बर्ट हॉल म्यूजियम को भारत का पहला सार्वजनिक म्यूजियम माना जाता है। इसकी आधारशिला 1876 में वेल्स के प्रिंस अल्बर्ट की भारत यात्रा के दौरान रखी गई थी, और इसे 1887 में आम जनता के लिए खोला गया।

2. इंडो-सारसेनिक शैली का नायाब उदाहरण

इस म्यूजियम की वास्तुकला इंडो-सारसेनिक स्टाइल में बनाई गई है, जिसमें भारतीय, मुगल और गोथिक स्टाइल का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। यह शैली ब्रिटिश काल में बहुत प्रचलित थी, लेकिन अल्बर्ट हॉल इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण माना जाता है।

3. ममी जो डराती भी है और आकर्षित भी करती है

अल्बर्ट हॉल म्यूजियम की सबसे चर्चित वस्तुओं में से एक है मिस्र की प्राचीन ममी, जिसे 2300 साल पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कि इस ममी के आसपास अक्सर रहस्यमय घटनाएं होती हैं, जिससे यह दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहती है।

4. रात को चमकता है ये संग्रहालय

यह म्यूजियम दिन में जितना सुंदर लगता है, रात को उतना ही जादुई दिखाई देता है। लाइटिंग के खास इंतजाम इसे रात के समय एक राजमहल जैसा रूप देते हैं। पर्यटक अक्सर इसकी नाइट विज़िट के लिए खास समय निकालते हैं।

5. भूलभुलैया जैसी भूमिगत संरचना

कहा जाता है कि अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के नीचे भूमिगत सुरंगें और तहखाने हैं जो जयपुर के अन्य हिस्सों से जुड़े हुए थे। हालांकि अब ये रास्ते बंद कर दिए गए हैं, लेकिन इन सुरंगों को लेकर कई रहस्य आज भी कायम हैं।

6. हथियारों और शस्त्रों का दुर्लभ संग्रह

इस म्यूजियम में भारत के प्राचीन और मध्यकालीन हथियारों का विशाल संग्रह मौजूद है, जिनमें तलवारें, भाले, धनुष-बाण और कई दुर्लभ वस्तुएं शामिल हैं। युद्ध की संस्कृति और सामरिक रणनीतियों को समझने के लिए यह एक आदर्श स्थल है।

7. विदेशी कला का संग्रह

यह सिर्फ भारतीय धरोहरों तक ही सीमित नहीं है। अल्बर्ट हॉल में चीन, जापान, मिस्र, ग्रीस और यूरोप से लाई गई दुर्लभ कलाकृतियाँ भी देखने को मिलती हैं, जो इसे एक वैश्विक संग्रहालय का दर्जा देती हैं।

8. एक समय था जब यह अस्पताल बनने वाला था

बहुत कम लोग जानते हैं कि अल्बर्ट हॉल को पहले एक अस्पताल बनाने की योजना थी। लेकिन जयपुर के तत्कालीन महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय ने इसे संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव रखा, जिससे यह इतिहास में दर्ज हो गया।

9. रंगीन कांच और भित्तिचित्रों का कमाल

इस म्यूजियम की खिड़कियों में लगा रंगीन कांच और अंदर की दीवारों पर बनी पेंटिंग्स आपको इतिहास की सैर करा देती हैं। कई चित्र ऐसे हैं जो प्राचीन भारत की सामाजिक व्यवस्था, रीति-रिवाज और लोककथाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत करते हैं।

10. भविष्य की प्रेरणा, अतीत का गौरव

अल्बर्ट हॉल सिर्फ एक म्यूजियम नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है। यह हमें बताता है कि किस प्रकार संस्कृति, कला और इतिहास को संरक्षित कर एक शहर की पहचान बनाई जा सकती है।

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