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राजस्थान आने पर आमेर किला नहीं देखा तो क्या देखा? वीडियो में जानें क्यों ये 500 साल पुराना किला बना हुआ हाई विश्व पर्यटन का केंद्र 

राजस्थान आने पर आमेर किला नहीं देखा तो क्या देखा? वीडियो में जानें क्यों ये 500 साल पुराना किला बना हुआ हाई विश्व पर्यटन का केंद्र 

राजस्थान की राजधानी जयपुर को 'पिंक सिटी' के नाम से जाना जाता है, और यहाँ की ऐतिहासिक धरोहरें, भव्य महल, किले और संस्कृति दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। लेकिन अगर आप जयपुर आकर आमेर किले (Amber Fort) की यात्रा नहीं करते, तो मानिए आपकी यात्रा अधूरी ही रह जाती है। अरावली की पहाड़ियों पर बसा यह किला न केवल स्थापत्य का चमत्कार है, बल्कि भारतीय इतिहास, संस्कृति और शौर्य का जीवंत उदाहरण भी है।

आमेर किले का ऐतिहासिक महत्व

आमेर किला लगभग 1592 में राजा मानसिंह द्वारा बनवाया गया था, जो मुग़ल सम्राट अकबर के नवरत्नों में से एक थे। इसके बाद राजा जयसिंह प्रथम ने इसे और विस्तार दिया। यह किला करीब 200 सालों तक कछवाहा वंश की राजधानी रहा। यहां से ही राजपूत शासकों ने मुगलों के साथ सामंजस्य बनाकर शासन चलाया। यह किला जयपुर शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित है और आज भी वैभवशाली अतीत की कहानी बयां करता है।

स्थापत्य और वास्तुकला का अद्भुत नमूना

आमेर किला राजपूत और मुग़ल स्थापत्य का अद्भुत संगम है। लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बना यह किला अपने विशाल प्रांगण, सजीव नक्काशी, शीशमहल, जनाना महल, और दीवान-ए-आम जैसी भव्य संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। किले के अंदर की गलियां, संकरे रास्ते और ऊँची दीवारें दुश्मनों से सुरक्षा के लिए बनाए गए थे। लेकिन हर कोना एक अद्भुत सौंदर्य से भरपूर है।

शीश महल की चमक आज भी करती है चमत्कृत

आमेर किले के अंदर स्थित शीश महल (Mirror Palace) यहां का सबसे आकर्षक भाग है। इसकी दीवारों और छत पर इतनी बारीकी से शीशे जड़े गए हैं कि एक दीया जलाने पर पूरी जगह प्रकाश से भर जाती है। इसे देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और यही कारण है कि यह स्थान फोटोग्राफी और फिल्म शूटिंग के लिए भी पहली पसंद बना हुआ है।

हाथी की सवारी और लाईट एंड साउंड शो

आमेर किले तक पहुंचने के लिए हाथी की सवारी पर्यटकों के लिए एक अलग ही अनुभव देती है। यह सवारी आपको उस राजसी युग की याद दिलाती है जब राजघरानों के लोग ऐसे ही किले की ऊँचाई तक पहुंचते थे। शाम के समय आयोजित होने वाला लाइट एंड साउंड शो आमेर के गौरवशाली इतिहास को संगीत और रोशनी के माध्यम से जीवंत कर देता है। यह शो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होता है, जिससे देशी और विदेशी दोनों पर्यटक आनंद ले सकें।

विश्व पर्यटन में आमेर किले की पहचान

आमेर किला न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बेहद लोकप्रिय है। यह UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल "राजस्थान हिल फोर्ट्स" का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हर साल लाखों विदेशी पर्यटक सिर्फ इस किले को देखने जयपुर आते हैं। इस किले का चित्र विश्व प्रसिद्ध पत्रिकाओं, यात्रा गाइड्स और फिल्मों में अक्सर देखा जाता है।

आमेर किला केवल एक स्मारक नहीं, बल्कि इतिहास की जीवित गवाही है

आमेर किला केवल पत्थरों से बना एक भवन नहीं है, बल्कि यह उस गौरव, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है जिसे राजपूतों ने सदियों तक जिया। किले के प्रांगण में खड़े होकर आज भी लगता है जैसे कोई योद्धा अभी-अभी रणभूमि से लौटा हो, या कोई रानी झरोखे से नीचे देख रही हो।

यात्रा का सही समय और सुझाव

अगर आप आमेर किले की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो अक्टूबर से मार्च तक का समय सबसे अनुकूल माना जाता है, जब मौसम सुहावना होता है। सुबह जल्दी जाना बेहतर होता है ताकि आप भीड़ से बच सकें और शांतिपूर्वक इसकी भव्यता को निहार सकें।

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