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राजस्थान आएं तो पुष्कर जाना न भूलें, 3 मिनट के शानदार वीडियो में जाने क्यों यहां शहर बन रहा हर ट्रैवलर की पहली पसंद ?

राजस्थान आएं तो पुष्कर जाना न भूलें, 3 मिनट के शानदार वीडियो में जाने क्यों यहां शहर बन रहा हर ट्रैवलर की पहली पसंद ?

राजस्थान की मिट्टी में इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिकता की अनूठी महक बसती है। इसी ऐतिहासिक और धार्मिक समृद्धता का जीवंत उदाहरण है – पुष्कर, एक छोटा-सा मगर बेहद खास शहर जो अजमेर जिले में स्थित है। पुष्कर को "तीर्थराज" कहा जाता है, यानी तीर्थों में सर्वश्रेष्ठ। लेकिन अब यह सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं रहा, बल्कि एक उभरता हुआ ग्लोबल टूरिज़्म हब बनता जा रहा है।आजकल जब भी राजस्थान की यात्रा की योजना बनाई जाती है, तो पुष्कर का नाम पर्यटकों की सूची में सबसे ऊपर रहता है। इसके पीछे कई रोचक वजहें हैं – आध्यात्मिकता, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक रंग, विदेशी आकर्षण और एक अलग ही शांत ऊर्जा जो यहां की हवा में घुली हुई है।

ब्रह्मा मंदिर: विश्व में अकेला और अद्वितीय

पुष्कर को खास बनाने वाली सबसे बड़ी वजह है यहां स्थित भगवान ब्रह्मा का मंदिर, जो पूरे विश्व में ब्रह्मा जी का एकमात्र प्रमुख मंदिर माना जाता है। मान्यता है कि ब्रह्माजी ने यहां स्वयं एक यज्ञ किया था और पुष्कर झील का निर्माण भी उन्हीं की तपस्या से हुआ। श्रद्धालु यहां आकर न केवल पूजा-अर्चना करते हैं बल्कि आस्था से भरपूर वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव भी करते हैं।

पुष्कर झील: पवित्रता और प्रकृति का संगम

पुष्कर झील का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत विशाल है। इसके चारों ओर बने 52 घाटों पर श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं। मान्यता है कि इस झील में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। झील के किनारे बैठकर सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य को देखना एक अलौकिक अनुभव होता है, जो शायद ही किसी अन्य जगह मिल सके।

विदेशी सैलानियों का प्रिय स्थल

आज पुष्कर केवल भारतीय पर्यटकों की नहीं, बल्कि विदेशी यात्रियों की भी पहली पसंद बनता जा रहा है। हर साल हजारों की संख्या में विदेशी सैलानी यहां आते हैं, खासकर नवंबर में आयोजित पुष्कर मेला के समय। यह मेला न केवल ऊंटों और पशुओं की खरीद-फरोख्त के लिए मशहूर है, बल्कि यहां का लोक संगीत, नृत्य, मेला उत्सव, हस्तशिल्प और रंग-बिरंगी संस्कृति विदेशी सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र

पुष्कर योग, ध्यान और आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी प्रसिद्ध होता जा रहा है। यहां कई आश्रम और योग केंद्र हैं, जहां देश-विदेश से लोग आत्मिक शांति पाने आते हैं। पुष्कर की गलियों में घूमते हुए जब विदेशी पर्यटक ढोल-नगाड़ों की आवाज़ या आरती की गूंज सुनते हैं, तो वे भारतीय संस्कृति के अद्भुत रंग में डूब जाते हैं।

कैफे कल्चर और हिप्पी हब

पुष्कर के बाजार और कैफे भी आजकल खास आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। लेक व्यू कैफे, रूफटॉप रेस्टोरेंट्स और शाकाहारी भोजन की विविधता विदेशी और भारतीय दोनों पर्यटकों को खूब पसंद आती है। यहां आपको कई हिप्पी स्टाइल की दुकानें, रंगीन कपड़े, संगीत वाद्ययंत्र और ज्वेलरी मिलेंगी जो पुष्कर की संस्कृति को और जीवंत बनाती हैं।

कैसे पहुंचे पुष्कर?

पुष्कर अजमेर से मात्र 15 किलोमीटर दूर है, और अजमेर रेल और रोड नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अजमेर रेलवे स्टेशन से टैक्सी या लोकल बस के माध्यम से आप आसानी से पुष्कर पहुंच सकते हैं। नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर में है, जो पुष्कर से लगभग 150 किमी की दूरी पर है।

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