सस्ते में घूमने के लिए तलाश रहे है मालदीव-गोवा जैसी जगह तो Banswara है बेस्ट लोकेशन, वीडियो में खूबसूरती देख अभी बुक कर लेंगे टिकट

गर्मियों की छुट्टियां यानी ट्रेवल का परफेक्ट टाइम। हर कोई चाहता है कि इस वेकेशन में कहीं शांति से, प्राकृतिक सुंदरता के बीच, बजट में रहकर घूमने का मौका मिले। जब भी लोग बीचेज़ या आइलैंड्स की बात करते हैं, तो नाम आता है – मालदीव, गोवा या अंडमान-निकोबार का। लेकिन इन जगहों पर खर्च ज्यादा आता है और भीड़ भी बहुत होती है। ऐसे में अगर आप कम बजट, कम भीड़, और अद्भुत नैसर्गिक सौंदर्य वाली किसी जगह की तलाश में हैं, तो राजस्थान का एक अनोखा जिला आपके लिए परफेक्ट ऑप्शन है – बांसवाड़ा, जिसे 'City of Hundred Islands' यानी सौ टापुओं का शहर कहा जाता है।
बांसवाड़ा क्यों है खास?
राजस्थान का यह दक्षिणी जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, नदी-झीलों, टापुओं और आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है। माही नदी पर बना विशाल माही बांध और उसके आसपास फैले 100 से ज्यादा टापू इस शहर को अनोखा रूप देते हैं। यही कारण है कि बांसवाड़ा को भारत का छोटा मालदीव भी कहा जाने लगा है।
माही नदी और टापुओं का जादू
बांसवाड़ा में बहने वाली माही नदी को यहां के जीवन का आधार माना जाता है। माही नदी पर बने कई टापू पर नाव से जाना एक रोमांचक अनुभव होता है। यहां के टापुओं पर हरियाली, पक्षियों की चहचहाहट और शुद्ध हवा का आनंद बिल्कुल वैसा ही अनुभव कराता है जैसा आप गोवा या मालदीव में महसूस करते हैं – फर्क सिर्फ इतना कि यहां खर्च न के बराबर होता है।
बजट में नेचर ट्रैवल: जेब पर हल्का, दिल को सुकून
गोवा या मालदीव जैसी जगहों पर जहां ट्रेवल, स्टे और फूड पर हजारों-लाखों रुपए खर्च होते हैं, वहीं बांसवाड़ा में आप बेहद कम खर्च में पूरा सप्ताह बिता सकते हैं।
₹1000-1500 प्रतिदिन के बजट में यहां अच्छा होटल, लोकल ट्रैवल और स्वादिष्ट भोजन आसानी से उपलब्ध है।
अधिकतर स्थानों की एंट्री फ्री है या बहुत ही नाममात्र शुल्क लिया जाता है।
प्रमुख पर्यटन स्थल – जो आपके वेकेशन को बनाएंगे यादगार
माही डैम और टापू – शांत वातावरण, नौका विहार और सुरम्य दृश्य।
कागदी पिकअप वियर – शानदार जलप्रपात और फोटोशूट के लिए परफेक्ट स्पॉट।
राम कुंड और फुंटा तालाब – आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर – बांसवाड़ा से 20 किमी दूर स्थित, माँ शक्ति का प्रसिद्ध धाम।
सिंगपुर झरना – मानसून में देखने लायक नजारा, मगर गर्मियों में भी शांत ट्रैकिंग स्पॉट।
आदिवासी संस्कृति और हाट बाजार – लोकजीवन से जुड़ने का बेहतरीन अवसर।
क्या कर सकते हैं आप यहां?
बोटिंग और फिशिंग का आनंद लें माही के शांत जल में
प्राकृतिक टापुओं पर पिकनिक, योग या ध्यान करें
फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यहां का हर दृश्य पोस्टकार्ड जैसा है
स्थानीय व्यंजनों जैसे मक्के की रोटी, कढ़ी, और बांसवाड़ा की मिठाई ‘रबड़ी’ का स्वाद लें
जनजातीय हस्तशिल्प और लोकनृत्य देखने का मौका भी यहां मिलता है
कैसे पहुंचे बांसवाड़ा?
रेल मार्ग: सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन रतलाम (म.प्र.) है, जो बांसवाड़ा से लगभग 80 किमी दूर है।
सड़क मार्ग: उदयपुर, रतलाम और डूंगरपुर से बांसवाड़ा के लिए सीधी बस सुविधा उपलब्ध है।
हवाई मार्ग: नज़दीकी एयरपोर्ट उदयपुर (डबोक एयरपोर्ट) है, जहां से टैक्सी या बस से बांसवाड़ा पहुंचा जा सकता है।
क्यों चुनें बांसवाड़ा इस समर वेकेशन के लिए?
कम भीड़, ज्यादा सुकून: बड़े टूरिस्ट स्पॉट्स की भीड़भाड़ नहीं, शांति और ताजगी से भरा अनुभव।
फोटोजेनिक लोकेशन: हर कोना ऐसा जैसे इंस्टाग्राम पर छाने लायक।
सांस्कृतिक अनुभव: स्थानीय जनजातीय जीवन को करीब से देखना एक नया अनुभव देता है।
सुरक्षित और पारिवारिक गंतव्य: यहां का वातावरण शांत, लोग मिलनसार और आतिथ्यशील होते हैं।
अगर आप भी इस समर वेकेशन में सुकून, प्रकृति, कम बजट और अनोखा अनुभव चाहते हैं, तो बांसवाड़ा जरूर जाएं। यहां की झीलें, टापू, झरने और जनजीवन आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे – और सबसे बड़ी बात ये कि आपको विदेश या बड़े बजट की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी।