रणथम्भौर घूमने जा रहे हैं तो वायरल डॉक्यूमेंट्री में देखिये जंगल सफारी के अलावा वो 7 खास जगहें, जो आपको जरूर देखनी चाहिए

राजस्थान के सवाई माधोपुर ज़िले में स्थित रणथम्भौर टाइगर रिजर्व केवल एक राष्ट्रीय उद्यान ही नहीं, बल्कि प्रकृति प्रेमियों, वन्यजीव फोटोग्राफरों और ऐतिहासिक धरोहरों में रुचि रखने वालों के लिए एक स्वर्ग समान स्थल है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व्स में से एक है, जो न सिर्फ बाघों की sightings के लिए लोकप्रिय है, बल्कि यहाँ घूमने की कई और रोमांचक और दर्शनीय जगहें भी हैं जो हर यात्री को एक सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं।
1. रणथम्भौर नेशनल पार्क – बाघों का गढ़
रणथम्भौर का मुख्य आकर्षण है यहाँ का राष्ट्रीय उद्यान, जिसे 1980 में टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला। यह पार्क 1,334 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और बाघों के अलावा यहाँ तेंदुआ, सियार, भालू, नीलगाय, सांभर, मगरमच्छ और कई पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। जंगल सफारी का अनुभव पर्यटकों के लिए अत्यंत रोमांचकारी होता है। खासकर अगर किस्मत अच्छी हो तो रॉयल बंगाल टाइगर को उसके प्राकृतिक परिवेश में देखना किसी भी वाइल्डलाइफ टूरिस्ट के लिए अविस्मरणीय पल होता है।
2. रणथम्भौर किला – इतिहास की कहानियाँ समेटे
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के भीतर ही स्थित है रणथम्भौर किला, जो 10वीं सदी में निर्मित माना जाता है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। किला एक ऊँचे पठार पर स्थित है जहाँ से पूरा जंगल दिखाई देता है। इस किले का ऐतिहासिक महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह कई राजवंशों की सत्ता का गवाह रहा है, जिनमें चौहानों से लेकर मुगलों तक शामिल हैं। किले के भीतर स्थित गणेश मंदिर भी श्रद्धालुओं के बीच विशेष प्रसिद्ध है, जहाँ हर बुधवार और गणेश चतुर्थी को बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं।
3. पद्मा तालाब – बाघों की शांति और शिकारी मुद्रा
रणथम्भौर में घूमने की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है पद्मा तालाब, जिसे "पद्मा झील" भी कहा जाता है। यह झील न सिर्फ बाघों के जल पीने और आराम करने का स्थान है, बल्कि यहाँ अक्सर पर्यटक टाइगर्स को शिकार करते या पानी में डुबकी लगाते देख सकते हैं। झील के किनारे स्थित "जल महल" के खंडहर भी इसके सौंदर्य में चार चाँद लगाते हैं। फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए यह क्षेत्र स्वर्ग समान है।
4. मलिक तालाब और राजबाग – प्रकृति की गोद में विश्राम
मलिक तालाब और राजबाग तालाब दो और प्रमुख जलस्रोत हैं, जो रणथम्भौर की जैव विविधता को समृद्ध बनाते हैं। इन क्षेत्रों के आसपास टाइगर्स, मगरमच्छ और पक्षियों की गतिविधियाँ देखना एक आम बात है। राजबाग का क्षेत्र विशेष रूप से सुंदर है, क्योंकि यहाँ तालाब के किनारे खंडहर और पुराने स्मारक स्थित हैं जो इस स्थान को एक रहस्यमयी वातावरण प्रदान करते हैं।
5. कुचिपालड़ी और खंढार – रहस्य और रोमांच की खोज
अगर आप पारंपरिक पर्यटक मार्गों से हटकर कुछ एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो कुचिपालड़ी और खंढार किला जैसी जगहें आपके लिए उपयुक्त होंगी। खंढार किला, रणथम्भौर से थोड़ी दूरी पर स्थित है, जो प्राचीन स्थापत्य और शौर्यगाथाओं का प्रतीक है। यहाँ की ऊँचाई से पूरा जंगल दिखाई देता है और ये स्थान इतिहास प्रेमियों के लिए बेहद दिलचस्प होता है।
6. सूरवाल झील – पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग
सूरवाल झील, जो रणथम्भौर से लगभग 10 किमी दूर स्थित है, पक्षी प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है। सर्दियों में यहाँ प्रवासी पक्षियों की आवाजाही बढ़ जाती है। सूरज की पहली किरणों के साथ इस झील के किनारे बैठना और प्रकृति की ध्वनि को सुनना एक ध्यानपूर्ण अनुभव देता है।
7. जोगी महल – एक शांत पड़ाव
रणथम्भौर किले के पास स्थित जोगी महल कभी एक विश्राम गृह के रूप में उपयोग होता था। यह अब पर्यटकों के लिए एक सुंदर व्यूपॉइंट है। पद्मा तालाब के किनारे स्थित इस भवन से बाघों की गतिविधियों को दूर से देखा जा सकता है। इसकी लाल रंग की इमारत और पारंपरिक स्थापत्य इसे विशिष्ट बनाते हैं।
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व केवल एक वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जहाँ प्रकृति, रोमांच, इतिहास और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यहाँ हर मोड़ पर कुछ नया देखने को मिलता है – कभी बाघों की दहाड़, तो कभी किले की प्राचीरों से झाँकता इतिहास। अगर आप प्रकृति और रोमांच के साथ-साथ भारतीय विरासत को महसूस करना चाहते हैं, तो रणथम्भौर निश्चित रूप से आपकी ट्रैवल बकेट लिस्ट में होना चाहिए।