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पुष्कर घूमने जा रहे हैं तो सिर्फ झील या मंदिर नहीं इन 8 अनोखी जगहों को जरूर करें एक्सप्लोर, वरना अधूरा रह जाएगा आपका सफर

पुष्कर घूमने जा रहे हैं तो सिर्फ झील या मंदिर नहीं इन 8 अनोखी जगहों को जरूर करें एक्सप्लोर, वरना अधूरा रह जाएगा आपका सफर

राजस्थान का पुष्कर एक ऐसा तीर्थ और पर्यटन स्थल है जो आध्यात्म, संस्कृति, संगीत और प्रकृति के अनूठे संगम के लिए जाना जाता है। अगर आप समर वेकेशन में शांति, खूबसूरती और अनुभवों से भरपूर जगह की तलाश में हैं, तो पुष्कर आपकी ट्रैवल बकेट लिस्ट में जरूर होना चाहिए।हालांकि लोग पुष्कर सिर्फ ब्रह्मा मंदिर या पुष्कर झील के दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन असल अनुभव तब ही मिलता है जब आप यहां की कम जानी-पहचानी मगर बेहद खास जगहों को एक्सप्लोर करते हैं। आइए जानें, पुष्कर की उन जगहों के बारे में जिन्हें आप भूलकर भी मिस न करें।


1. ब्रह्मा मंदिर – भारत में एकमात्र समर्पित मंदिर
पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर विश्व का एकमात्र मंदिर है जो सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा को समर्पित है। संगमरमर से बना यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी वास्तुकला भी बेहद आकर्षक है। माना जाता है कि यहां पूजा करने से जीवन में सृजनात्मक ऊर्जा और संतुलन आता है।
टिप: सुबह-सुबह दर्शन करने पर भीड़ कम होती है और शांति का अनुभव ज़्यादा मिलता है।

2. पुष्कर झील – आत्मचिंतन और शुद्धिकरण का संगम
पुष्कर झील 52 घाटों से घिरी हुई है और इसे आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। लोग यहां आकर स्नान करते हैं और पितरों को श्रद्धांजलि देते हैं। सूर्यास्त के समय यहां की आरती और झील पर पड़ती सुनहरी किरणें दृश्य को अलौकिक बना देती हैं।
टिप: घाटों पर बैठकर ध्यान या साइलेंट वॉक का अनुभव अविस्मरणीय होता है।

3. डेजर्ट सफारी – रेत के रोमांच का मजा
पुष्कर का रेतीला इलाका थार मरुस्थल की सीमाओं से जुड़ा हुआ है। यहां से आप डेजर्ट सफारी का आनंद ले सकते हैं, जिसमें ऊंट की सवारी, लोकनृत्य, राजस्थानी खाना और सूर्यास्त के दृश्य शामिल हैं।
टिप: सफारी के लिए संध्या समय चुनें ताकि धूप कम हो और सूरज ढलते समय रेत का रंग जादुई लगे।

4. पुष्कर बाजार – रंग-बिरंगे हस्तशिल्प और संस्कृति की झलक
अगर आप शॉपिंग के शौकीन हैं तो पुष्कर बाजार किसी खजाने से कम नहीं। यहां आपको राजस्थानी जूतियां, हाथ से बने कपड़े, आर्टिफैक्ट्स, लोक संगीत के वाद्ययंत्र और पारंपरिक गहनों की ढेरों वैरायटी मिलेगी।
 टिप: यहां की गली-कूचों में घूमना भी एक एडवेंचर जैसा अनुभव देता है। कैमरा साथ रखना न भूलें।

5. योगा और मेडिटेशन सेंटर – आत्मा को दें सुकून
पुष्कर को भारत के योगा डेस्टिनेशन के रूप में भी जाना जाता है। यहां कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के योगा और ध्यान केंद्र हैं, जहां आप कुछ दिनों के लिए रुककर रिट्रीट ले सकते हैं। इन सत्रों में भाग लेना तनावमुक्त जीवन की ओर पहला कदम हो सकता है।
टिप: सुबह के समय झील के किनारे योगा क्लास में हिस्सा लें, मन और तन दोनों को ताजगी मिलेगी।

6. सावित्री माता मंदिर – ट्रैकिंग और दर्शन एक साथ
यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए आपको 200 से अधिक सीढ़ियां चढ़नी होती हैं, या फिर नई बनी रोपवे सेवा का लाभ ले सकते हैं। ऊपर से पुष्कर का नज़ारा बेहद मनमोहक लगता है।
टिप: सुबह या शाम के वक्त चढ़ाई करें ताकि गर्मी से राहत मिले और फोटोग्राफी का भी सही समय हो।

7. पुष्कर मेला ग्राउंड – जीवन में रंग भरने वाला अनुभव
अगर आप नवंबर में पुष्कर जाने का प्लान कर रहे हैं तो पुष्कर मेला जरूर देखें। यह विश्व प्रसिद्ध पशु मेला न केवल ऊंटों की खरीद-बिक्री के लिए जाना जाता है, बल्कि इसमें लोकनृत्य, संगीत, प्रतियोगिताएं, और संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है।
टिप: इस दौरान होटल बुकिंग पहले से करा लें, क्योंकि शहर में भारी भीड़ होती है।

8. स्थानीय भोजन का स्वाद – स्वाद के साथ संस्कृति का अनुभव
पुष्कर पूरी तरह शाकाहारी शहर है, लेकिन यहां का खाना स्वाद और विविधता में कम नहीं। 'मालपुए', 'दाल बाटी चूरमा', और गली-गली मिलने वाला 'राजस्थानी ठाठ' खाने को एक नया आयाम देता है।
टिप: स्थानीय ढाबों और होम-किचन में बना खाना ज्यादा ऑथेंटिक होता है।

अगर आप सोचते हैं कि पुष्कर सिर्फ धार्मिक या तीर्थ स्थल है, तो आप इसके आधे अनुभव से वंचित हैं। यहां आपको इतिहास, संस्कृति, संगीत, योग, आध्यात्म और एडवेंचर — सब कुछ एक साथ मिलेगा।तो अगली बार जब आप पुष्कर जाएं, तो केवल ब्रह्मा मंदिर और झील तक सीमित न रहें। इन अनमोल जगहों पर जरूर जाएं, क्योंकि यही वो अनुभव हैं जो आपकी यात्रा को "सिर्फ ट्रिप" नहीं, बल्कि एक "यादगार सफर" बना देते हैं।

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