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क्या आपने देखा है आमेर फोर्ट? वीडियो में जानिए क्यों भारतीय और विदेशी पर्यटक की पहली पसंद बनता जा रहा ये ऐतिहासिक किला

क्या आपने देखा है आमेर फोर्ट? वीडियो में जानिए क्यों भारतीय और विदेशी पर्यटक की पहली पसंद बनता जा रहा ये ऐतिहासिक किला

राजस्थान की धरती पर बसा जयपुर, न केवल गुलाबी शहर के नाम से जाना जाता है, बल्कि अपने ऐतिहासिक किलों और महलों के कारण भी विश्वभर में प्रसिद्ध है। जयपुर के किलों की जब भी बात होती है, तो सबसे पहले ज़िक्र आता है — आमेर फोर्ट का। यह केवल एक ऐतिहासिक इमारत नहीं, बल्कि भारतीय गौरव, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रतीक है। यही वजह है कि चाहे कोई विदेशी पर्यटक हो या देशी सैलानी, आमेर फोर्ट को अपनी ट्रैवल लिस्ट में सबसे ऊपर रखता है।


इतिहास से झांकता गौरवशाली अतीत

आमेर फोर्ट का निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा मान सिंह प्रथम ने करवाया था। यह किला कभी आमेर राज्य की राजधानी हुआ करता था, और राजपूत शासकों की वीरता, कला प्रेम और रणनीतिक कौशल का परिचायक है। यह महल केवल युद्धों और विजयगाथाओं का साक्षी नहीं रहा, बल्कि यहां प्रेम कहानियों और रियासती संस्कृति की झलक भी साफ दिखती है। इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए आमेर किला किसी जीवंत किताब से कम नहीं है।

राजपूत वास्तुकला की अद्भुत मिसाल
आमेर फोर्ट की सबसे बड़ी खासियत इसकी स्थापत्य शैली है, जो राजपूत और मुगल आर्किटेक्चर का खूबसूरत संगम है। लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बना यह किला पहाड़ी पर स्थित है, जो दूर से ही एक भव्य दृश्य प्रस्तुत करता है। इसके चार प्रमुख हिस्से हैं – दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, शीश महल और सुख निवास – जो अपने-अपने तरीके से राजसी जीवन का प्रदर्शन करते हैं।शीश महल, यानी मिरर पैलेस, विशेष रूप से पर्यटकों को लुभाता है। इसकी दीवारों और छतों पर की गई शीशे की बारीक कारीगरी, जब रोशनी पड़ने पर चमक उठती है, तो लगता है मानो तारों से सजा आसमान जमीन पर उतर आया हो।

हाथी की सवारी और शाही अनुभव
विदेशी पर्यटक आमेर फोर्ट को केवल इसलिए नहीं पसंद करते कि वह सुंदर है, बल्कि इसलिए भी कि यहां उन्हें एक ‘शाही अनुभव’ मिलता है। किले तक जाने के लिए हाथी की सवारी का विकल्प आज भी मौजूद है। जैसे ही कोई सैलानी पारंपरिक रंग-बिरंगे हाथी पर सवार होकर आमेर की चढ़ाई करता है, वह क्षणों में खुद को किसी राजसी युग में महसूस करता है। यह अनुभव विदेशियों के लिए खासा रोमांचक होता है।

साउंड एंड लाइट शो से इतिहास जीवंत
रात होते ही आमेर फोर्ट में आयोजित होने वाला Sound and Light Show इस ऐतिहासिक स्थल को और भी खास बना देता है। इस शो के ज़रिए किले का इतिहास, युद्ध, प्रेम और त्याग की कहानियां रोशनी और ध्वनि के माध्यम से प्रस्तुत की जाती हैं। यह शो हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में होता है, जिससे विदेशी सैलानी भी आसानी से राजस्थान की विरासत से जुड़ पाते हैं।

फोटो और इंस्टाग्राम के लिए परफेक्ट लोकेशन
आज का दौर सोशल मीडिया का है, और आमेर फोर्ट इस मामले में भी पीछे नहीं। इसके विशाल आंगन, शाही झरोखे, गलियारे और राजसी दरवाजे हर कोने को फोटो के लिए परफेक्ट बनाते हैं। यही कारण है कि इंस्टाग्राम और ट्रैवल व्लॉग्स पर आमेर किले की तस्वीरें सबसे ज्यादा देखी और शेयर की जाती हैं।

फिल्मों की पहली पसंद
बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक, आमेर फोर्ट हमेशा से फिल्म निर्माताओं की पसंदीदा लोकेशन रहा है। 'जोधा अकबर', 'बाजीराव मस्तानी', 'वीर', 'शुद्ध देसी रोमांस' जैसी कई फिल्मों की शूटिंग यहां हुई है। जब लोग इन फिल्मों के दृश्य देख कर आमेर पहुंचते हैं, तो उन्हें लगता है कि वे परदे से निकलकर उसी शाही दुनिया में आ गए हैं।

सांस्कृतिक मेल-जोल और स्थानीय बाज़ार
आमेर किले के आसपास के क्षेत्र में पारंपरिक राजस्थान की संस्कृति, हस्तशिल्प और खानपान का रंग भी दिखाई देता है। विदेशी पर्यटक यहां राजस्थानी पगड़ी, जूतियां, हस्तनिर्मित गहने और पारंपरिक कपड़ों की खरीददारी करते हैं। इसके अलावा स्थानीय व्यंजन जैसे दाल-बाटी-चूरमा, कचौरी और मावा कचौरी भी स्वाद का अनूठा अनुभव देते हैं।

सुरक्षा, सुविधा और पर्यटन के लिए अनुकूल माहौल
राजस्थान सरकार और पर्यटन विभाग द्वारा आमेर किले को बहुत अच्छे से संरक्षित किया गया है। यहां साफ-सफाई, गाइड सुविधा, ऑडियो टूर, कैफे और पब्लिक टॉयलेट जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही ट्रैफिक कंट्रोल और पार्किंग भी व्यवस्थित है, जो पर्यटकों के लिए यात्रा को आसान और सुखद बनाता है।

आमेर फोर्ट केवल एक दर्शनीय स्थल नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का हिस्सा है। यह किला वह स्थान है जहां इतिहास, संस्कृति, कला और अनुभव एक साथ मिलते हैं। यही कारण है कि विदेशी हो या देशी, हर सैलानी एक बार आमेर फोर्ट जाकर उसे अपने दिल में बसाता है। अगर आप अभी तक वहां नहीं गए हैं, तो अगली छुट्टी की योजना बनाइए – क्योंकि आमेर केवल घूमने की जगह नहीं, जीने का अनुभव है।

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